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#धमाका_डिफरेंट_खबर: मशहूर हास्य कलाकार राजपाल यादव बागेश्वर बालाजी के दरबार पहुँचे तो महाराज बोले, आ गए गुल्लू, खुलकर हंसे राजपाल ने माथा टैंककर बागेश्वर बालाजी के दर्शन कर आशीर्वाद लिया, गौशाला पहुँचकर गायों को चारा-गुड़ खिलाया

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बागेश्वर धाम। मशहूर हास्य कलाकार राजपाल यादव बागेश्वर बालाजी के दरबार पहुँचे, जहाँ उन्होंने माथा टैंक और बागेश्वर बालाजी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने गौशाला पहुँचकर गायों के दर्शन किए और उन्हें चारा-गुड़ खिलाया।
राजपाल यादव जी ने महाराज श्री से मुलाकात की। महाराज जी ने उनके स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना और पिछले दिनों राजपाल यादव ने पूज्य प्रेमानंद बाबा से हुई मुलाकात में उन्होंने जो अपने आप को मनसुखदास के रूप में बताया, उसको खूब सराहा और आशीर्वाद दिया।
राजपाल यादव महाराज जी के आवास भी गए, जहाँ उन्होंने परिवार के साथ समय बिताया और भोजन-प्रसाद ग्रहण किया। महाराज श्री के घर में लगे एक स्केच चित्र को देखकर, जिसमें महाराज जी और माता जी का चित्र था ,उस पर लिखा था "अब जल्दी शादी कर ले मेरे लाल”, राजपाल यादव ज़ोर से हँस पड़े और अपनी हास्य शैली में उसी वाक्य को दोहराते हुए माहौल को खुशनुमा बना दिया।
इस दौरान महाराज जी की माताजी ने राजपाल यादव जी को गुल्लू नाम से पुकारा। माता जी ने कहा कि हमने आपकी एक फ़िल्म बहुत पहले देखी थी 'भागम भाग', जिसमें आपका नाम गुल्लू था। हमें तो आपका नाम गुल्लू ही पता है, जिसको सुनते ही राजपाल यादव ने खूब हँसी ठहाके लगाए और कहा कि आप हमारी छोटी माँ हैं, आपके लिए आज से हम गुल्लू ही हैं।
उन्होंने महाराज जी की जन्मभूमि भी देखी तथा अपने अनुभव का एक वीडियो ब्लॉग भी बनाया, माता जी और पूरे परिवार के साथ मुलाकात के बाद बागेश्वर बालाजी महाराज के दर्शन के बाद राजपाल यादव ने कहा कि बागेश्वर धाम में छुआछूत, आडंबर और असमानता से परे एक सकारात्मक, पवित्र और समदर्शी वातावरण महसूस होता है।
राजपाल यादव ने कहा कि जिस उम्र में युवा अपने भविष्य की योजना बनाते हैं, उस उम्र में बागेश्वर धाम के शास्त्री जी समाज और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने प्रशंसा करते हुए कहा कि यहाँ से निकलने वाली प्रेरणा, सेवा और समर्पण की भावना अद्भुत है, राजपाल जी ने कहा कि धीरेंद्र शास्त्री जी को अनुग्रह की उपाधि देते हुए कहा कि आप युवाओं के लिए ऊर्जा और प्रेरणा के स्रोत हैं। आपका कार्य मिसाल है। ईश्वर आपको स्वस्थ रखे ताकि आप राष्ट्र और विश्व के कल्याण की सेवा निरंतर करते रहें।
राजपाल यादव ने अंत में कहा कि बागेश्वर धाम का यह दरबार समाज, राजनीति, परिवार और विश्वनीति हर क्षेत्र में सेवा का प्रतीक बन चुका है।
मंदिर दर्शन के दौरान राजपाल  ने आए हुए दर्शकों के साथ फोटो और सेल्फ़ी ली।










#धमाका_खास_खबर: फाइटर जेट एस्केप सिस्टम का सफल परीक्षण, DRDO ने किया कमाल video

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चंडीगढ़। DRDO ने चंडीगढ़ में तेजस लड़ाकू विमान की इमरजेंसी इजेक्शन सीट का हाई-स्पीड रॉकेट-स्लेड टेस्ट सफलतापूर्वक किया है. इस टेस्ट में कैनोपी का टूटना, सीट का बाहर निकलना और पैराशूट की मदद से सुरक्षित उतरना सभी प्रक्रिया सही ढंग से पूरी हुई है. इस सफलता के साथ भारत उन कुछ देशों में शामिल हो गया है जिनके पास यह अत्याधुनिक तकनीक मौजूद है. रक्षा मंत्री ने इसे देश की आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम बताया है, जो भारतीय रक्षा सुविधाओं को और मजबूत करेगा. रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) ने तेज गति से उड़ते लड़ाकू विमान में पायलट की जान बचाने वाली निकासी प्रणाली का सफल परीक्षण किया है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस जटिल परीक्षण से भारत उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में आ गया है जिनके पास उन्नत स्वदेशी निकासी प्रणाली के परीक्षण की क्षमता है. इससे पहले यह सुविधा अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे विकसित देशों के पास ही थी.
800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर हुआ परीक्षण
चंडीगढ़ की टर्मिनल बैलिस्टिक्स अनुसंधान प्रयोगशाला में किए गए इस परीक्षण में पायलट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मानव जैसी डमी का प्रयोग किया गया. एलसीए के अगले हिस्से को रॉकेट स्लेड पर रखा गया। करीब 800 किमी प्रति घंटे की रफ्तार आने पर विमान की कैनोपी (ऊपरी शीशा) सही ढंग से टूटी. निकासी प्रणाली ने डमी को बाहर फेंका और पैराशूट की मदद से पायलट की डमी जमीन पर उतरी. इस निकासी के दौरान शरीर पर पड़ने वाला जोर और त्वरण आदि रिकॉर्ड किया गया। पूरी प्रक्रिया हवाई और जमीनी कैमरों में कैद की गई. परीक्षण में यह जांचा गया कि आपात स्थिति में विमान की कैनोपी (शीशा/ढक्कन) सही तरीके से टूटकर हटती है या नहीं. पायलट की इजेक्शन सीट समय रहते बाहर निकलती है या नहीं और पूरा बचाव तंत्र ठीक से काम कर पाता है या नहीं.
इन संस्थाओं ने मिलकर किया परीक्षण
यह परीक्षण एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के सहयोग से सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया. यह अत्यंत जटिल और गतिशील परीक्षण भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल करता है, जिनके पास उन्नत इन-हाउस एस्केप सिस्टम के पूर्ण परीक्षण की क्षमता उपलब्ध है.










#धमाका_खास_खबर: Sanchar Saathi App से प्राइवेसी को खतरा नहीं, 10 गुना बढ़े ऐप डाउनलोड, केंद्रीय टेलीकम्युनिकेशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि संचार साथी ऐप को मोबाइल फोन से डिलीट किया जा सकता है

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*केंद्रीय टेलीकम्युनिकेशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि संचार साथी ऐप को मोबाइल फोन से डिलीट किया जा सकता है और जब तक यूजर इस पर रजिस्टर नहीं करेगा, तब तक यह काम नहीं करेगा। लोकसभा में बोलते हुए, सिंधिया ने जासूसी की अटकलों को गलत बताया
Delhi दिल्ली। मोबाइल फोन में संचार साथी को पहले से इंस्टॉल किए जाने के मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकार ने फैसला बदल दिया है। सरकार ने कहा है कि फोन में पहले से इस ऐप को इंस्टॉल करना अनिवार्य नहीं होगा। इससे पहले, मोबाइल निर्माता कंपनियों को निर्देश दिया गया था कि फोन में इस ऐप को प्री-इंस्टॉल करना जरूरी होगा और उसे डिसेबल भी नहीं किया जा सकेगा। बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के एक सवाल का जवाब देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मैं देश के सामने सारे फैक्ट्स रखना चाहता हूं। हमारे पास एक अरब (मोबाइल) यूजर हैं, लेकिन कुछ लोग हैं जो इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं। नागरिकों को सुरक्षित रखना सरकार का काम है। इसी सोच के साथ 2023 में संचार साथी पोर्टल शुरू किया गया था, और ऐप 2025 में लाया गया। हमने सभी नागरिकों को एक चॉइस देने का फैसला किया। अगर ऐप आपके फोन पर है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि यह अपने आप काम करेगा। जब तक यूज़र ऐप में रजिस्टर नहीं करता, यह काम नहीं करेगा।''
संचार साथी ऐप को पहले से इंस्टॉल करने की अनिवार्यता खत्म 
कम्युनिकेशन मिनिस्ट्री ने बताया कि सरकार ने संचार साथी ऐप को पहले से इंस्टॉल करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। इसके पहले 28 नवंबर के आदेश में कहा गया था कि नए स्मार्टफोन में संचार साधी ऐप पहले से डाला जाए यानी कंपनियां उसे प्री इंस्टॉल कर के दें। पुराने फोन में अपडेट से इस ऐप को डालना होगा। पहली बार इस्तेमाल के समय ऐप दिखना चाहिए और कंपनियां इसे बंद न करें। हालांकि, टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ कहा कि ये ऐप वैकल्पिक है और यूजर इसे डिलीट कर सकते हैं। कम्युनिकेशन मिनिस्ट्री ने बयान में कहा, "सभी नागरिकों को साइबर सिक्योरिटी देने के इरादे से सरकार ने सभी स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप का प्री-इंस्टॉलेशन जरूरी कर दिया था। यह ऐप सुरक्षित है और पूरी तरह से साइबर दुनिया में बुरे लोगों से नागरिकों की मदद करने के लिए है। संचार साथी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, सरकार ने मोबाइल बनाने वालों के लिए प्री-इंस्टॉलेशन जरूरी नहीं करने का फैसला किया है।"
मिनिस्ट्री ने कहा, "यह सभी नागरिकों को ऐसे बुरे लोगों और कामों की रिपोर्ट करने में जन भागीदारी में मदद करता है, साथ ही यूजर्स को भी बचाता है। ऐप में यूजर्स को बचाने के अलावा कोई और काम नहीं है और वे जब चाहें ऐप हटा सकते हैं। सरकार ने यह साफ कर दिया है।" मिनिस्ट्री ने कहा कि अब तक 1.4 करोड़ यूज़र्स ने यह ऐप डाउनलोड किया है और हर दिन 2000 फ्रॉड की घटनाओं की जानकारी देने में मदद कर रहे हैं। यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है और ऐप इंस्टॉल करने का आदेश इस प्रोसेस को तेज करने और कम जागरूक नागरिकों को आसानी से ऐप उपलब्ध कराने के लिए था। मिनिस्ट्री ने आगे कहा, "सिर्फ पिछले एक दिन में, 6 लाख नागरिकों ने ऐप डाउनलोड करने के लिए रजिस्टर किया है, जो इसके इस्तेमाल में 10 गुना बढ़ोतरी है। यह सरकार द्वारा उन्हें दी गई खुद की सुरक्षा के लिए इस ऐप पर नागरिकों के भरोसे का सबूत है।"










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