- कबाड़ियों को दुकान के बाहर लगाना होगा बच्चों से कबाड़ खरीद निषेध का बोर्ड
- अधिकारी बोले- अशोभनीय कार्यों में संलिप्तता बच्चों को शिक्षा से दूर करती है,उनसे कबाड़ खरीदना उन्हें उकसाने का काम करता है
शिवपुरी। कचरे के ढेरों पर कबाड़- पन्नी बीनते बच्चे अक्सर दिखाई देते है। दीपावली पर घरों की साफ- सफाई में निकलने वाले कचरे से लोहा, प्लास्टिक, कागज- पन्नी बीनकर बच्चे कबाड़ियों को बेचते है, लेकिन अब अगर कोई 18 साल से कम उम्र के बच्चों से कबाड़ खरीदेगा तो प्रशासन उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगा। बच्चों से कबाड़ खरीदना उन्हें अशोभनीय कार्यों के लिये प्रोत्साहित करना माना जायेगा। दरअसल भिक्षाबृत्ति एवं कचरा- कबाड़ बीनने जैसे अशोभनीय कार्यों में संलिप्त बच्चों एवं उनके परिजनों को पुलिस और प्रशासन की टीम के द्वारा कई बार समझाइश दी गई,किंतु उनमें सुधार दिखाई नहीं दिया। अब प्रशासन ने सभी कबाड़ खरीदने वाले दुकानदारों को बच्चों से कबाड़ न खरीदने के लिये कहा है। साथही दुकान के बाहर बच्चों से कबाड़ खरीद निषेध का बोर्ड लगाने को कहा है। जिला बाल संरक्षण इकाई, विशेष किशोर पुलिस इकाई एवं चाइल्ड लाइन की टीम ने शहर में संचालित कबाड़ कारोबारियों की दुकानों पर जाकर दुकानदारों को अशोभनीय कार्यों से बचपन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में अवगत कराते हुए बच्चों द्वारा एकत्रित की गई पॉलिथीन- कबाड़ सामग्री न खरीदने के लिये प्रेरित किया। बाल संरक्षण अधिकारी शर्मा ने कहा कि बच्चों को अशोभनीय कार्यों से रोकने के लिये हम सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। गलत कार्यों के लिए हतोत्साहित करें,ताकि बच्चे कबाड़ बीनने का कार्य छोड़कर पढ़ाई कर सकें। इस दौरान टीम में बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र दांगी, विशेष किशोर पुलिस इकाई से प्रआ ओमप्रकाश शर्मा, आरक्षक चेतन बंसल, राकेश परिहार, चाइल्ड लाइन कॉर्डिनेटर वीनस तोमर, टीम सदस्य हिम्मत रावत एवं विनोद परिहार ने शहर के विभिन्न इलाकों में दुकानदारों को समझकर बोर्ड लगवाने के काम किया ।
- बच्चों को गलत कार्यों के लिए उकसाना दंडनीय
अशोभनीय कार्यों में बच्चों की संलिप्तता उन्हें शिक्षा से बंचित करती है। कबाड़ बीनने वाले बच्चे नशा करने लग जाते है। बच्चों से कबाड़ खरीदना उन्हें कबाड़ बीनने के लिये प्रोत्साहित करता है। किशोर न्याय (बाल देखभाल और सुरक्षा) कानून में बच्चों को अशोभनीय कार्यों के लिये उकसाना दंडनीय अपराध माना गया है।
राघवेंद्र शर्मा,बाल संरक्षण अधिकारी,महिला एवं बाल विकास, शिवपुरी

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