Responsive Ad Slot

Latest

latest

ऑनलाइन ठगी के राडार पर शिक्षक, पहले मुंशी अब अय्यूब

सोमवार, 9 नवंबर 2020

/ by Vipin Shukla Mama

एक और शिक्षक के खाते से उड़ाए 3 लाख 51 हजार
शिवपुरी। जिले में ऑनलाइन ठगी के मामलों में तेजी आ गई है। लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। बैंक, एटीएम, कियोस्क और ऐप के माध्यम से खातों में जमा राशि ऑनलाइन ठगों द्वारा उड़ाई जा रही है। दो दिन पहले ही शिक्षक संत कुमार रावत पुत्र हरिराम रावत निवासी भटुउआ थाना तेंदुआ कोलारस के खाते से 1 लाख 33 हजार 900
रुपए उड़ा दिए गए थे जबकि दूसरा मामला आज सोमवार को पिछोर के मजरा हीरापुर ग्राम पंचायत बडेरा निवासी शिक्षक अयूब मोहम्मद पुत्र यासीन मोहम्मद के साथ पेश आ गया है। इनके खाते से ठगों ने 10 दिन के भीतर 4 मोबाइल नम्बरों का उपयोग करते हुए एक बड़ी रकम 3 लाख 51 हजार साफ कर दी है। शासकीय शिक्षक अय्यूब मोहम्मद ने इस संबंध में एसपी राजेश सिंह चंदेल को आवेदन सौंपकर संबंधित मोबाइल नंबर और एसबीआई से पूछताछ के बाद उसके खाते से उड़ाई गई राशि को वापस दिलाने की मांग की है। 
यह है पूरा माजरा
आज इस संबंध में पीड़ित ने एसपी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने लिखा है, कि उनका खाता एसबीआई की पिछोर शाखा में है, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी के निकाह के लिए साल 2018 में 4 लाख 50000 का लोन लिया था और उसके ढाई साल बाद दूसरा लोन स्वीकृत कराया था। जिसमें  6 लाख 54 हजार स्वीकृत हुए। इसमें से अय्यूब ने  2 लाख 98 हजार 949 उसके खाते में जमा छोड़े थे।  शिक्षक 7 नवम्बर  2020 को स्टेट बैंक शाखा पिछोर पहुंचे तो उनके खाते में 17 हजार 511 राशि ही शेष बताई गई। जब शिक्षक ने स्टेटमेंट निकलवाया तो जानकारी लगी कि उनके खाते से ठगों द्वारा 3 लाख 51 हजार अलग अलग तरह से उड़ाकर अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं।  जिसमें उनकी वेतन वृद्धि की राशि 27211, 27211  भी शामिल है।
शिक्षक संत कुमार के 25000 भी अयूब के खाते में किए थे ट्रांसफर 
जिन ऑनलाइन ठगों ने  इस कारगुजारी को अंजाम दिया है, उन्होंने 2 दिन पहले कोलारस के शिक्षक संत कुमार रावत पुत्र हरिराम रावत के खाते से जो राशि पार की थी उसमें से 25000  राशि पिछोर के शिक्षक अय्यूब के खाते में ट्रांसफर की थी। जिसे लेकर दोनों शिक्षकों के बीच बातचीत हुई थी। जिसके बाद यह खुलासा भी हुआ है, कि ऑनलाइन ठगों ने ना सिर्फ अय्यूब के खाते में जमा पैसे उड़ाए बल्कि जो 25000 की राशि संत कुमार के खाते से उसके खाते में पहुंची थी वह भी उड़ा दिए गए हैं। कुल मिलाकर अय्यूब मोहम्मद और संत कुमार रावत ही नहीं बल्कि कई अन्य लोगों को ठगों ने अपने निशाने पर ले रखा है। यह बात साफ हो गई है कि जिले में इन दिनों ठग बेहद सक्रिय हैं और लोगों के खाते सुरक्षित नहीं है।
-
7 नवंबर को शिक्षक मुंशी रावत के खाते से गये 1 लाख 33 हजार 900 रुपये
इस घटना से पहले 7 नवम्बर को कोलारस के ग्राम भटटुआ निवासी एक शासकीय शिक्षक के खाते से अज्ञात लोगों ने 1 लाख 33 हजार 900 उड़ा दिए हैं। इस बात की जानकारी शिक्षक को तब हुई जब वह 6 नवंबर को एसबीआई शिवपुरी पहुंचे और खाता चेक किया। इस दौरान पाया कि उनके खाते से तीन बार में पैसे ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए गए हैं। इस बात की शिकायत संबंधित शिक्षक ने साइबर क्राइम और पुलिस से करते हुए सीसीटीवी फुटेज निकालने और संबंधित के विरुद्ध केस दर्ज करने की मांग की। शिक्षक मुंशी सिंह रावत पुत्र हरिराम रावत निवासी ग्राम भटटुआ तहसील कोलारस ने बताया कि उनका एसबीआई शिवपुरी ब्रांच में खाता है, उसमें वेतन व कृषि आदि का पैसा आता है। जब वे बैंक में 6 नवंबर को खाते की एंट्री कराने के लिए पहुंचे तो ज्ञात हुआ कि उनका बैंक बैलेंस कम है।  1 लाख 33 हजार 900 रुपये कम हैं। जब उन्होंने बैंक से पड़ताल की तो पाया कि 3 बार उनके खाते से राशि ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी गई है। पड़ताल के दौरान यह बात भी सामने आई है, कि इसमें से पहली बार राशि 27 अक्टूबर को 6 बार मे अलग अलग 96 हजार ट्रांसफर की गई। जबकि 30 अक्टूबर को 20 हजार और तीसरी बार 7 हजार राशि निकली। इसी में से 25 हजार अय्यूब के खाते में ट्रांसफर हुए थे।
-
 क्या कहती है,
आरबीआई की नई गाइडलाइन
आरबीआई की नई गाइडलाइंस के अनुसार यदि ग्राहक किसी भी बैंक साइट या लिंक्ड मर्चेंट वेबसाइट से धोखा खाता है, तो ऐसी स्थिति में बैंक अपने ग्राहक को क्लेम किए गए पूरे पैसे लौटा देगा। साथ ही ये आदेश है, कि ग्राहक किसी से भी अपना ओटीपी पिन, सीवीवी नंबर या बैंक की किसी भी तरह की जानकारी न साझा करें।
डेबिट या क्रेडिट कार्ड में होने वाला ऑनलाइन फ्रॉड 
जैसे ही आपको ये लगे कि आपके अकाउंट, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से संबंधित कुछ चौंकाने वाला है, तो तुरंत कस्टमर केयर में फोन करके अपने कार्ड को ब्लॉक करें। बिना किसी देरी के पुलिस में रिपोर्ट करने से पहले अपने बैंक को चिह्नित करना जरूरी है।
ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत करने की प्रक्रिया
- हमेशा ध्यान रखें कि कोई भी ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायत करने से पहले आपके पास धोखे से जुड़े सभी कागज़ात मौजूद होना चाहिए।
- जांच-पड़ताल के लिए कम से कम 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट देना जरूरी होता है।
- सभी एसएमएस जिसमें ऑनलाइन फ्रॉड में हुए पैसे की हेरा-फेरी की डिटेल्स मौजूद हों आपके पास होनी चाहिए।
- शिकायत करते समय, ग्राहक को अपना कस्टमर आईडी और मौजूदा पते की जानकारी देना भी अनिवार्य है।
- हमेशा कोशिश करें कि आप धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायत या एफआईआर अपने संबंधित बैंक ब्रांच में या पुलिस थाने में सबूत के साथ जाएं।
- अगर कोई भी पुलिस थाना आपकी शिकायत दर्ज करने से मना करता है तो आप आपराधिक कानून की धारा 156 (3) के तहत कोर्ट में केस दर्ज करा सकते हैं।
- हमेशा ऑनलाइन फ्रॉड का स्‍क्रीनशॉट लोकेशन के साथ लेकर रखें।
केस दर्ज कराने की प्रक्रिया
आप सीधे जाकर साइबर सेल में भी केस फाइल कर सकते हैं। लेकिन, सबसे पहले अपने निकटतम पुलिस थाने में जाकर ही शिकायत करने की कोशिश करें।
- आरबीआई के नए नियमों के मुताबिक अगर कोई भी ऑफलाइन धोखाधड़ी बैंक की गलती से होता है तो ग्राहक को उसकी देनदारी नहीं करनी होगी। साथ ही आरबीआई का यह भी कहना है कि अगर ऑनलाइन पैसों का धोखा किसी थर्ड पार्टी (एटीएम स्कैमर, मालवेयर एक्सचेंज, पब्लिक वाई-फाई) से होता है तो न ही बैंक और न ही ग्राहक को इसकी जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
- अगर तीन दिनों के अंदर ग्राहक अपने बैंक को बता देता है कि उसके खाते में ऑनलाइन गड़बड़ी हुई है तो ऐसी स्थिति में ग्राहक को कोई भी देनदारी नहीं करनी होगी।
- ध्यान दें कि शिकायत जल्द से जल्द करें। आप जितनी देर करेंगे उतनी आपको पैसों की भरपाई खुद करनी होगी। इसलिए धोखा होने का पता चलते ही तीन दिन के अंदर बैंक को शिकायत करें।
- सबूत के तौर पर अपने पास एफआईआर की कॉपी जरूर रखें।
यदि ग्राहक के लापरवाही से खाते में गड़बड़ी होती है तो उसकी पूरी देनदारी ग्राहक को ही करनी पड़ेगी।
- यदि आपने गलत पासवर्ड, खाते की गलत जानकारी दी है तो तीन दिन के अलावा आपके पास और सात दिनों का समय बचता है जिसमें आप शिकायत कर सकते हैं। साथ ही आरबीआई द्वारा तय की गई कुछ राशी (प्रति लेनदेन) ऐसी स्थिति में ग्राहक को चुकाना भी पड़ सकता है।
- आरबीआई के नए नियमों के मुताबिक, ग्राहक की शिकायत करने की प्रक्रिया पूरे होने पर 90 दिनों के अंदर केस को समाप्त करने का आदेश है। जो आपके शिकायत होने की तारीख से ही शुरू होता है।
ध्‍यान रखें ये बातें
इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए कोशिश करें कि अंजान वेबसाइट्स और एप्स को अपने फोन या लैपटॉप में डाउनलोड न करें। साथ ही अपने किसी भी व्यक्तिगत काम के लिए सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल न करें। आपके ओटीपी से जुड़ी या बैंक से जुड़ी जानकारी के लिए किसी भी तरह के अंजान नंबर पर क्लिक न करें। हमेशा क्लोनिंग एप और लिंक से बचें। यदि आप ऑनलाइन खरीदारी करना पसंद करते हैं या ज्यादातर पैसों से जुड़े काम ऑनलाइन करते हैं, तो अपने ट्रांजेक्‍शन को सुरक्षित रखने के लिए साइबर इंश्योरेंस लेने की कोशिश करें।

कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129