- घने जंगलों से गुजरता हुआ मैं कहीं जा रहा था, तभी मेरे सामने आ गया एक शेर....न न..'भालू'
शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क से शिवपुरी की पहचान है। पार्क के अंदर तो वन्य जीव दिखाई देते ही हैं, लेकिन पार्क के बाहर या आसपास की सीमा में भी कभी तेंदुए तो कभी अन्य वन्य जीव नजर आते रहते हैं। कल की बात है, जब शाम, रात के आगोश में जाने को बेताब थी। ऐसे में युवा धैर्य सरीन को एक जंगली भालू नजर आया। वे कार में सवार थे और बलारी माता इलाके से गुजर रहे थे तभी उनकी कार के सामने एकाएक भालू आ गया। उसे देखते ही उन्हें अमिताभ की मिस्टर नटवरलाल फ़िल्म का गीत याद आ गया लेकिन ये शेर नही बल्कि भालू था जो नखरे के साथ इतराते हुए पहले कार की रोशनी में आया फिर किनारे होता हुआ जंगल में कहीं लुप्त हो गया। कार में कई अन्य लोग भी सवार थे जिन्होंने भालू को मोबाइल में कैद कर लिया। एकाएक कार के सामने भालू को देखकर सभी को डर जरूर लगा लेकिन जब वह अंधकार में खो गया तो डर जाता रहा।
भालू के बारे में कुछ दिलचस्प बातें –
1- भालू का भारी भरकम शरीर होने के बावजूद यह तेजी से दौड़ सकता है, पेड़ पर चढ़ सकता है और तेजी से तैर भी सकता है।
2- यह 70 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से भाग सकता है।
3- भालू इंसानों की तरह दो पैरों पे चल सकता है।
4- एक ध्रुवीय भालू जो तैरने में माहिर होता है, 7-8 फुट तक कूद सकता है।
4- एक ध्रुवीय भालू बिना रुके 150 किमी तक तैरने की क्षमता रखता है।
5- भालू काफ़ी तेज़ दिमाग के होते हैं, अगर कोई इन्हें फ़साने के लिए चारा देता है तो ये चाल समझ जाते हैं और अलर्ट हो जाते हैं।
जानिये क्या है भालू
भालू एक स्तनधारी जंगली वन्य जीव है, जो उरसीडे परिवार का सदस्य है। यह बड़ा शरीर वाला होता है। पैर मोटे, मज़बूत हाथ, कड़े नाख़ून और पुरे शरीर में घने बाल होते हैं। यह विश्व में फैला हुआ है जैसे एशिया, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका में भालू को रीछ भी कहते हैं। भालू अपने पिछले दो पैरों के जरिये इंसानों की तरह खड़ा भी हो सकता है। यह अपने अगले पैरों को हाथों की तरह प्रयोग करता है। शिकार और लड़ाई के लिए यह सख्त नाख़ून का इस्तेमाल करता है। भारत में यह कश्मीर से लेकर असम तक हिमालय पर्वत पर पाया जाता है।
भालू का वर्गीकरण इनके शारीरिक और सामाजिक दृष्टिकोण के आधार पर किया गया है। वैसे भालू की आठ प्रजातियां हैं, जिनमें से ये प्रमुख हैं-
सफ़ेद भालू – यह उत्तर अमेरिका में पाया जाता है। इसका वजन 400 केजी से 450 केजी तक होता है। यह स्वभाव से आक्रामक और खतरनाक होता है।
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काला भालू – इस रंग के भालू सबसे अधिक हैं। इस भालू को आसानी से खेल सिखाया जा सकता है, इसका वजन 90 केजी से 140 केजी तक होता है। स्वेत भालू की तुलना में यह छोटा होता है। इसकी औसत उम्र 20 – 25 साल होती है।
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भूरे भालू – ये भूरे रंग के होते हैं। इन्हें ग्रीजली भालू भी कहते हैं। इस तरह के भालू एशिया और यूरोप महाद्वीप में पाया जाता है। इन्हें पाला भी जा सकता है।
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ध्रुवीय भालू – इसे पोलर बियर भी कहते हैं। ये सफ़ेद रंग के होते हैं। ये ग्रीनलैंड, ऊतर ध्रुव इलाके में पाये जाते हैं। ये काफ़ी शक्तिशाली होते हैं। ध्रुवीय भालू की लम्बाई 7 से 10 फुट तक हो सकती है। इनका भोजन मछली, सील, वालरस इत्यादि होता है। ये पानी में 100 मील की रफ़्तार से तैर सकते हैं।
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स्लोथ भालू – ये भालू भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। इनकी लम्बाई 150 सेमी – 190 सेमी होती है। इनका आहार कीड़े मकोड़े और शहद होता है।
(नोट- सावधानी से संकलित जानकारी में कुछ कमी भी हो सकती है)

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