जबलपुर। खुद लाचार लेकिन जज्बे का कोई सानी नहीं यही कारण है कि जबलपुर पुलिस के एक एएसआई देखते ही देखते रियल हीरो बन बैठे। दुर्घटना में घायल को पीठ पर बैठाकर ले जाने वाली उनकी इंसानियत सोसल प्लेटफार्म पर सराहना की वाहक बन गई हैं। उनकी इस जीवटता का हम मामा का धमाका डॉट कॉम टीम की तरफ से दिली इस्तकबाल करते हैं। यह घटना कल की है जब जबलपुर के चरगंवा इलाके में एक मिनी ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया था। इस दौरान ट्रक में सवार मजदूर 30 से 35 मजदूर बुरी तरह घायल हो गए थे। ये सभी मजदूर खेत में मटर तोड़ने कोहला से शाहपुरा जा रहे थे। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया। यहीं पर मौजूद जबलपुर पुलिस के एएसआई संतोष सेन ने इंसानियत की जीती जागती मिसाल पेश कर डाली। जिसे देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। दरअसल, मंगलवार शाम शहर में हुए एक भीषण सड़क हादसे में 30 से अधिक मजदूर घायल हो गए। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू किया। जब अस्पताल में एएसआई को स्ट्रेचर नहीं मिला तो वह घायल मजदूरों को कंधे पर उठाकर वार्ड तक ले गए।
फिर अन्य साथी भी आये आगे
एएसआई संतोष सेन घायल मजदूरों को अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां स्ट्रेचर नहीं मिलने पर एएसआई ने घायल मजदूरों को अपनी पीठ पर लादकर वार्ड तक पहुंचाया। इसके बाद अन्य पुलिसकर्मी भी मजदूरों को कंधे पर लादकर वार्ड तक लेकर गए। पुलिसकर्मियों के इस जज्बे को हर जगह सराहना मिल रही है। पुलिसकर्मियों की जिंदादिली की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है।
एनकाउंटर में टूट गया था दाहिना हाथ
57 साल के एएसआई संतोष सेन का एक हाथ टूटा हुआ है, तब भी वह मजदूरों को कंधे पर उठाकर वार्ड तक ले गए। संतोष सेन साल 2006 में नरसिंहपुर में पवन यादव नामक बदमाश का एनकाउंटर करते हुए घायल हो गए थे। इस घटना में उनका दाहिना हाथ फ्रेक्चर हो गया था। हाथ ठीक होने के बाद वह इससे लिख नहीं पाते थे। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और बाएं हाथ से लिखना और काम करना शुरू किया।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें