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19 जनवरी 1920 को जन्मी शिवपुरी का पहले नाम था 'सीपरी'

बुधवार, 30 दिसंबर 2020

/ by Vipin Shukla Mama

2021 में होने जा रही है 101 वर्ष की पर्यटन नगरी
शिवपुरी। पर्यटन के मानचित्र पर भले ही शिवपुरी की तस्वीर धुंधली हो लेकिन कभी सिंधिया रियासत की जागीर रही शिवपुरी एक समय उन्हीं की ग्रीष्मकालीन राजधानी रही है। इसे सवारने से लेकर 12 महीने पेयजल की उपलब्धता रखने के लिए यहां 18 तालाबों का निर्माण भी सिंधिया राजाओं ने कराया था। नरवर के बाद शिवपुरी को जिला बनाया गया। खैर जब भी नया साल आता है, इसका जन्मदिन भी आता है। जनवरी माह की 19 तारीख सन 1920 में इस नगरी का जन्म हुआ। जिसे कभी “शियापुरी” कभी “सीपरी” कभी शिवपुरी तो कभी कुछ और नाम से पुकारा जाता रहा। जैसे-जैसे समय बदलता रहा वैसे- वैसे शिव की पावन नगरी शिवपुरी का नाम समय-समय पर परिवर्तित होता रहा। यदि मुगलों के समय में “सियापुरी” रहा तो किसी अन्य युग में “सीपरी” हो गया। लेकिन सिंधिया राजवंश ने वर्ष 5 अक्टूबर 1919 को जारी किये एक गजट नोटिफिकेशन के द्वारा यकुम जनवरी अर्थात 1 जनवरी 1920 से इस प्यारी नगरी का नाम” शिवपुरी“ घोषित किया था। तब से आज  यह खूबसूरत नगरी शिवपुरी 101 साल की होने जा रही है। कुछ साल पहले मिले गजट नोटिफिकेशन दस्तावेज के आधार पर यह कहा जा सकता है। बात करें तो समय दर समय कभी इस नगरी का उत्थान हुआ तो कभी विनाश के कगार पर भी पहुंची। यह बात भी सच है कि विकास से पहले विनाश भी एक अनवरत प्रक्रिया रही सो अब फिर यह नगरी उन्माद की ओर अग्रसर है।
क्या कहते हैं पंडित डॉक्टर विकासदीप शर्मा
पंडित डॉ विकास दीप शर्मा ज्योतिषचार्या मंशापूर्ण पुजारी के अनुसार शिवपुरी का जन्म 1919 में जारी नोटिफिकेशन के अनुसार 1 जनवरी 1920 को हुआ। सीपरी का पुराना नाम बदलकर नया नाम शिवपुरी रखा गया जो बाद में यहां का स्थायी नाम हो गया।
 नया साल, नई खुशियां, नए सपने, नए अरमान और नए संकल्प लेकर आता है। कैसा रहेगा वर्ष 2021 शिवपुरी के विकास के लिए , यह देखने के लिए हम निरंतर प्रयास करते है। शिवपुरी की जन्म कुंडली में उच्च का गुरु है, सूर्य की दशम भाव पर पूर्ण दृष्टि होने से   सिंधिया राजवंश की कृपा हमेशा शिवपुरी पर होने से यह शहर देश विदेश तक अपने नाम की ख्याति प्राप्त किये हुए है।  पराक्रम भाव के राहू शुक्र- बुध के साथ होने से यहा धर्म कार्यो से लाभ होगा। शुक्र बुध के प्रभाव से पर्यटक दृष्टि से शिवपुरी का नाम देश में विख्यात है। शुक्र कला कारक है और बुध के प्रभाव से हरियाली और प्राकर्तिक सौंदर्य, विस्तार को बढावा देगा। इसे धर्म नगरी भी कह  सकते है। शिवपुरी की कुंडली में चतुर्थ भाव में सूर्य के प्रभाव से राजाओ का वर्चस्व रहेगा। राजाओ द्वारा ही विकास की धारा भी हमेशा बनी रहेगी। एकादश भाव में उच्च का गुरु प्रभाव शिवपुरी में धर्म के विस्तार से ही शहर का विकास होगा। शिवपुरी को धर्म की पूरी भी कह सकते है। एकादश गुरु के प्रभाव से सज्जनों और श्रेष्ठ व्यक्तियों की संगति करने वाले व्यक्ति हैं। मेदिनी ज्योतिष अनुसार कुण्डली में  दशम भाव राजा का होता है और चतुर्थ भाव प्रजा या जनता का एकादश भाव राज परिवार के मुखिया का माना गया है। गुरु इस भाव मे उच्च का होने से शिवपुरी के लिए सबसे बड़ी सौभाग्य की बात यह है कि यह शहर राजाओं की कृपा से ओर राज परिवार से जुड़ा होने से नवीन योजनाएं लाकर प्रजा को दी जाती रही है। प्रजा या जनता के हित में कार्य पूर्ण मेहनत और ईमानदारी के साथ, धर्मोचित कर्म किये जाते है। शिवपुरी के विकास के लिये राज्य से लेकर केंद्र तक सत्य के लिए लड़ाई लड़ना ओर विकास के लिए सदैव तैयार रहना। शिवपुरी विधायका का सुचारू और व्यवस्थित नीतियों, अनुभव से शहर की प्रगति होना यह उच्च गुरु और दशम सूर्य का शुभ परिणाम माना गया है ।
प.डॉ विकास दीप शर्मा ज्योतिषचार्या के अनुसार शिवपुरी को राजा या सरकार के द्वारा सम्मान और लाभ मिलेगा। राज कुलीन लोगों से शहर की उन्नति होगी। राजा द्वारा शहर की आशाओं और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने मे आपकी सहायता करेंगे। अच्छे गुणी लोगो की सलाह कार्य उत्तम और फायदेमंद रहेगी। राजा द्वारा किए गए उत्तम कार्यों से समाज मे उनका नाम होगा और श्रेष्ठता भी बढेगी। अर्थलाभ और धन की प्राप्ति होगी। शिवपुरी एक धन धान्य से पूर्ण भाग्यवान शहर हैं। आमदनी के कई श्रोत बनेंगे। जनता कारक चतुर्थ भाव का स्वामी चन्द्र केतु के साथ होने से जनता का मन पल पल बदलता रहेगा। शिवपुरी की कुंडली में लग गत मंगल के प्रभाव से शहर के आकर्षण में कुछ कमी आ जाती है। पराक्रम की बृद्धि होती है, मगर भौतिक सुखों का अभाव बना रहता है। बुध राहु का प्रभाव व्यवसाय के क्षेत्र में भी कठिनाइयां आती हैं। शहर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में संघर्षों का मुकाबला करता हुआ बढ़ता है ।
शिवपुरी की कुंडली में प्रारंभ हो गई है बुध की महादशा ( उन्नति और विकास के अवसर प्राप्त होंगे )
 शिवपुरी की लग्न का मालिक बुध महत्पूर्ण ग्रह की महादशा समाजिक, आर्थिक और प्रजा सुख इत्यादि घटनाओं की ओर संकेत देता है। कन्या लग्न ओर मंगल का लग्नगत प्रभाव प्रजा को दुखी बनाता है। रोजगार की समस्या, स्वास्थ्य सुविधा की कमी, चोरी, जमीनी विवाद, अग्निकांड, गैर कानूनी धंधे उपरोक्त समस्याओं से ग्रसित रही शिवपुरी का बुध की महादशा में अलौकिक परिवर्तन देखने मिलेगा। 
 19 10 2019 से 17 वर्ष के लिए शिवपुरी  की कुंडली में बुध की महादशा लगने से शहर के विकास के लिए विशेष अवसर प्राप्त होंगे, उपरोक्त आंकलन ग्रहो की स्थिति अनुसार एक प्रयास है। शिवपुरी की कुंडली में बुध ग्रह लग्न और कर्म स्थान का स्वामी है, उसी के साथ पराक्रम भाव में होने से अब शिवपुरी की दशा बदलने जा रही है  पर्यटन के क्षेत्र में होगा विकास, 2000  से  2019 तक शिवपुरी की कुण्डली में शनि की महादशा होने से विकास कार्यों और उन्नति में बाधक बनी रही। अब बुध की महादशा में शहर में शिक्षा, वकालात, पर्यटक, शेयर ब्रोकर, बैंकिंग क्षेत्र में यहां से जुड़े लोगों को अधिक लाभ प्राप्त होगा। 2019 से 2036 तक 17 वर्ष  व्यापारिक और कला के क्षेत्र में शहर में विशेष अवसर प्राप्त होंगे, स्वनिर्मित कला के क्षेत्र में भी जनता को लाभ योग बनेंगे, स्वर्ण एवं धातु के व्यापार में भी लाभ होगा। समाज से जुड़े विशेष व्यक्तित्व को सम्मान भी प्राप्त होगा। बुध की महादशा में शिक्षा के स्तर में पूर्ण सुधार होकर नवीन योजनाएं बनेंगी। इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग में भी परिवर्तन और उन्नति के अवसर देखने को मिलेंगे। बुध वाणिज्य का कारक होने से शासन को राजस्व से धन लाभ प्राप्त होगा। उत्पादन के क्षेत्र में नए अवसर, धर्म कार्यो में वृद्धि, लोक कल्याण और जन कल्याण से जुड़े कार्य होंगे, औषधियों, जड़ी बूटी का संग्रह ओर उनका सदुपयोग किया जाएगा, संचार की सुविधा बढ़ेगी। प्राचीन सिद्ध स्थानों का पुनर्निर्माण होगा। शुक्र का तृतीय भाव मे होने से सौन्दर्यकरण में  विकास, रेलवे क्षेत्र में नए निर्माण के साथ सुख सुविधा का विस्तार होगा, लेखन और प्रकाशन इत्यदि में भी सुधार और विस्तार रहेगा।
गुरु शनि का योग देगा न्याय, धर्म कार्य, ओर दंडात्मक कार्यवाही
शिवपुरी की कुण्डली में उच्च गुरु प्रायः प्रजा हित में कार्य होंगे, वाणिज्य  व्यापार, कृषि के छेत्र में सुधार, मंडी उत्पादन छेत्र में लाभ होगा, शिक्षा की नीतियो में बदलाव, ओर धर्म कानून सख्त होकर अपनी कार्यवाही करेगा।
शनि का द्वादश भाव मे होने से अस्पताल, आश्रम, कारागृह में सुधार, धर्मिक क्षेत्र में नियम बदलेंगे, अपराध एवं अपराधी, कर क्षेत्र, मादक क्षेत्र पर होगी कार्यवाही, नए कानून और नियम बदल जाएंगे, शनि का स्वराशि में होना बड़े बदलाव, परिवर्तनों का समय कहलायेगा, प्रबंधकों  पर होगी सख्त कार्यवाही, गलत कार्य करने वाले जायँगे जेल, अपराध पर लगेगा अंकुश, साथ ही शासन को कर न देने वालो को अब समस्या आएगी,  धर्म के विपरित आचरण करने वालो को देखना पड़ेगा अपमान, शनि गुरु का योग देगा न्याय ओर परिवर्तन।
29 9 2020 से राहु केतु का परिवर्तन 11 माह में  शहर को मिलेगी पानी समस्या से निजात
नवम भाव धार्मिक कार्य, न्यास, जल परिवहन का है। शिवपुरी कुण्डली में नवम भाव मे केतु के होने से पानी की समस्या बनी रहती है। न्याय पालिका का अड़ियल ओर जिद्दीपन स्वभाव इस योजना में प्रजा को संकट और समस्या देता है। सरकारी उपक्रम उपभोक्ता की अनदेखी करते है। राहु केतु का राशि परिवर्तन 29 9 2020 से 11 माह में शहर को पानी की समस्या से मिलेगी निजात।
अष्टम चन्द्र्मा के प्रभाव से होती है आकस्मिक मृत्यु मेदिनी ज्योतिष के अनुसार अष्टम भाव प्राण  घातक, मृत्यु ओर  विपदाओं का है,  शिवपुरी की जन्म कुंडली में चंद्रमा पाप प्रभाव में होने से मृत्यु दर बीमारी से अधिक रहती है। संकट की आशंका  ओर भागदौड़ अव्यवस्था के कारण अनेक व्यक्ति प्राण गंवा चुके है।
30 दिसंबर 2020 से 19 फरवरी 2021 तक बुध में बुध में मंगल अंतर्दशा रहेगी
  मंगल देगा हिंसाजनित घटना
 इस समय काल मे  कोई बड़ा महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण होगा जो यादगार रहेगा इच्छा अनुसार सफलता के कार्य बड़े-बड़े निर्माण जो शक्ति पूर्ण संपूर्ण होंगे। शिवपुरी की कुण्डली में मंगल का लग्न का प्रभाव प्रशासन शक्ति पूर्ण,  सजग एवं सक्रिय रहेगा। जमीन-  संपत्ति के बड़े बड़े मुद्दे सामने आएंगे, जनता के  क्रोध  के कारण अनावश्यक वाद-विवाद सामने आएंगे। डॉ विकासदीप शर्मा के अनुसार किसी विशेष व्यक्तित्व को शहर का नेतृत्व करने का अवसर प्राप्त होगा जिसमें सामाजिक लोगों की  महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इस समय काल में दुर्घटनाओं के योग , वाद विवाद झगड़ा एवं अग्नि से जुड़ी कोई महत्वपूर्ण घटना सामने आएगी।  मंगल ग्रह को  खेल एवं तकनीकी क्षेत्र में विशेष लाभप्रद माना गया है शिवपुरी के लिए इस समय काल में खेल , स्पोर्ट्स के क्षेत्र में कोई विशेष उपलब्धि प्राप्त होगी। इसी के साथ शिवपुरी के लिए भूमि,  अग्नि मशीनरी, मेडिकल, पत्थर एवं तकनीकी क्षेत्र में विशेष लाभ योग बनेगा। मंगल की अंतर्दशा में रोग से  मृत्यु की दर बढ़ सकती है अभी महामारी का प्रकोप ओर भी बढ़ेगा। शासन के खिलाफ  विरोधी प्रदर्शन हड़ताल आंदोलन इत्यादि करते रहेंगे किसी महिला पर अत्याचार की घटना शहर में तनाव का माहौल झगड़ा इत्यादि हो सकते हैं।  प्रॉपर्टी से संबंधित बड़े विवादित मामले भी उजागर होंगे। मंगल को वैवाहिक कारक होने से दाम्पत्य झगड़े, तलाक इत्यादि केस में भी वृद्धि रहेगी। हिंसा, लूटपाट, चोरी इत्यादि के संकेत भी मिलते हैं।

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