- अध्यापक संगठन ने सौंपा ज्ञापन
- बीते साल भी हुआ था इसी परीक्षा का विरोध
- असफल शिक्षकों को जबरन सेवानिवृत्ति के विरोध में है संगठन
- दंड का कोई नया रास्ता निकालने दिया ज्ञापन
शिवपुरी। जिले के जिन स्कूलों में हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल का विषय वार रिजल्ट जीरो से 40%
कम रहा है, उन शिक्षकों की दक्षता संवर्धन परीक्षा इसी माह की 27 तारीख को उत्कृष्ट शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 में 12 बजे से आयोजित की जानी है। उक्त परीक्षा में दंड प्रावधान के विरोध स्वरूप मध्य प्रदेश भर के साथ साथ आज शिवपुरी जिले में विभाग कमिश्नर के नाम शासकीय अध्यापक संगठन द्वारा जिला शिक्षाधिकारी दीपक पांडे को एक ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें अपनी मांगों को पूरा किये जाने की बात कही गई।
यह लिखा है ज्ञापन में
आज दिये गए ज्ञापन के बारे में जानकारी देते हुए शासकीय अध्यापक संगठन के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र रघुवंशी शिवपुरी ने बताया कि शिक्षक दक्षता संवर्धन परीक्षा का पिछली साल भी विरोध किया गया था। आंदोलन करने के फेर में धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी, गयादीन खटीक, तारिक सिद्धकी, वंदना शर्मा यह चार शिक्षक निलंबित कर दिए गए थे। वहीं परीक्षा में असफल रहे मध्य प्रदेश भर के 16 शिक्षकों को जबरन सेवानिवृत्ति देकर घर बिठा दिया गया था। आज उनके परिवार की हालत अत्यंत दयनीय है क्योंकि पेंशन के नाम पर एनपीएस जैसी योजना वर्तमान में लागू है जिसमें बमुश्किल 500 से 1000 रुपए तक पेंशन स्वरूप मिलता है जिसमें कोई भी परिवार अपना गुजारा नहीं कर सकता। कहने का तात्पर्य यह है कि परीक्षा में जो शिक्षक असफल रहते हैं उन्हें वर्तमान नियम के अनुसार विभाग द्वारा जबरन सेवानिवृत्ति देकर घर बैठा दिया जाता है। ठीक यही दक्षता परीक्षा इस बार आयोजित हो रही है। इसके पश्चात कैचमेंट शालाओं के शिक्षकों की परीक्षा होना भी तय है। ज्ञापन में निवेदन किया गया है कि सेवानिवृत्ति जैसा दंड ना देकर कोई और रास्ता भी निकाला जा सकता है। जिसे अनिवार्य रूप से निकाला जाए। जिला शिक्षा अधिकारी दीपक पांडे को दिये गए आज ज्ञापन में बीआरसीसी अचल सिंह कुशवाह, धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी, अनिल मलावरिया, नगेंद्र रघुवंशी, रवि चौधरी द्वारा 1 बजे जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।

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