दादा से दिलाया नातनियों को दिलाया
स्व. बेटे का हक और हो गया राजीनामा
-13 प्रकरणों में हुआ 6 में हुआ राजीनामा
शिवपुरी। स्थानीय पुलिस कंट्रोल रूम में बीते रोज आयोजित परिवार परामर्श केन्द्र के शिविर में कुल 13 प्रकरण आमंत्रित किए गए जिनमें परिवार परामर्श केन्द्र के सदस्यों ने अपने कुशल परामर्श से 6 प्रकरणों में राजीनामा कराने में सफलता प्राप्त की वहीं 2 प्रकरणों में अगली दिनांक दी गई। दो प्रकरण महिला प्रकोष्ठ को वापिस किए गए वहीं दो प्रकरण न्यायालय में सुनवाई योग्य पाए गए। एक प्रकरण में मेडीकल रिपोर्ट हेतु लिखा गया।
ग्वालियर जोन के आईजी अविनाश शर्मा के कुशल मार्गदर्शन एवं प्रयासों से और शिवपुरी पुलिस कप्तान राजेश सिंह चंदेल की पहल और निर्देशन में चलाए जा रहे परिवार परामर्श के शिविरों में आपसी समझौतों कराकर परिवारों को टूटने से बचाने का अनुकर्णीय काम जिला पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र के द्वारा किया जा रहा है। इसीक्रम में आयोजित रविवार के शिविर में 13 प्रकरणों का में से 6 प्रकरणों में राजीनामा हो गया।
करैरा निवासी अनिरूद्ध जो कि उच्च शिक्षित युवा हैं दिल्ली में रहकर आईएएस की तैयारी कर रहा हैं तथा कई प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ चुका हैं का विवाह करैरा निवासी वंदना के साथ हुआ था और उसके एक बालक भी हैं जहां बंदना का आरोप परिवारजनों पर अभद्र भाषा और गालीगलौंच का था। वहीं ससुरालीजनों का आरोप वंदना के बिना पूछे चाहे जब मायके चले जाने और वहां रहने के कारण नाराजी थी। काउन्सलरों ने इन दोनों के बीच जहां राजीनामा कराने में सफलता प्राप्त की वहीं बंदना के माता-पिता को भी काउन्सलिंग के द्वारा समझाईश देकर पति-पत्नि के बीच राजीनामा कराने में सफलता प्राप्त की। अकाझिरी निवासी रामजी लोधी का विवाह दो साल पूर्व फूला के साथ हुआ था और इन दोनों के बीच विवाद का विषय आर्थिक समस्या थी। रामजी की पर्याप्त आय न होने के कारण पति-पत्नि के बीच विवाद रहता था और इसी बीच उनके बच्चे की तबियत खराब हो जाने पर फूला की बड़ी बहिन ने उसका उपचार कराया जिसमें उसके 6 हजार रूपए खर्च हुए। फूला के द्वारा अपने पति से बड़ी बहिन को पैसे वापस करने हेतु कहने पर दोनों के बीच इसलिए विवाद हो गया क्योंकि पति के पास पैसे नहीं थे। इसी के चलते दोनों की अनबन हो गई और फूला मायके में विगत चार माह से रह रही थी। काउन्सलरों के द्वारा दोनों को समझाईश दी गई और यह तय किया गया कि वह हर महिने 500 रूपए की किस्त के द्वारा फूला की बड़ी बहिन के पैसे वापस कर देगा और इसके साथ ही पति-पत्नि दोनों ही एक साथ अपने घर चले गए।
सबसे चुनौती पूर्ण प्रकरण करैरा निवासी मिथलेश का था जो विधवा थी और उसके दो बच्चियां हैं उसका उसके सास-ससुर से अपने स्व. पति की हिस्से की संपत्ति को लेकर विवाद था और वह चाहती थी कि उसके पति का हक उसके बच्चों को मिले जिसके चलते परिवार में भीषण विवाद था। काउन्सलरों के द्वारा सास ससुर को गहनता के साथ समझाईस देकर इस संपत्ति के विवाद को सुलझाया गया जो परिवार परामर्श केन्द्रों में बहुत दुलर्भ होता हैं। इसमें यह ससुर ने लिखकर दिया कि वह बहू को अपनी कृषि भूमि में से 1/3 हिस्सा, गांव के मकान में से 1/3 हिस्सा देगा तथा बहू के पूरे जेबर वापस करेगा। इसके अतिरिक्त उक्त विधवा की दोनों बच्चियों के नाम जो एफडी बनी हुई हैं उसमें नोमिनेशन तथा सरपरस्ति में से ससुर का नाम हटाकर उक्त विधवा का नाम ही इन्द्राज किया जाएगा इस समझौते पर विधवा के सास ससुर तथा विधवा के पिता ने हस्ताक्षर किए। इस शिविर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया, जिला संयोजक आलोक एम इंदौरिया, महिला थाना प्रभारी दीप्ति तोमर, कन्ट्रोल रूम प्रभारी सब इंस्पेक्टर ब्रजेन्द्र सिंह राजपूत, समीर गांधी, मथुरा प्रसाद गुप्ता, राजेश गुप्ता राम, संतोष शिवहरे, हरवीर सिंह चौहान, डॉ. इकबाल खांन, राकेश शर्मा, डॉ. डीके बंसल, विजय खन्ना, श्रीमती स्नेहलता शर्मा, श्रीमती पुष्पा खरे,किरण ठाकुर, मृदुला राठी, प्रीति जैन, गुंजन खैमरिया सहित महिला सेल का स्टाफ मौजूद था। महिला सेल की प्रधान आरक्षक राजेंद्र भार्गव ,विपिन शर्मा,वैजन्ती आदि का सहयोग सराहनीय रहा।

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