- कलक्ट्रेट पर भूख हड़ताल की दे डाली धमकी
- तहसीलदार दीपक शुक्ला को रिलीव न करने पर बिफरे प्रीतम ने कलक्टर को दी थी 2 घण्टे की चेतावनी
- शीर्ष नेतृत्व ने दिया दखल तब टाली 2 दिन भूख हड़ताल
- कलक्टर अक्षय बोले तहसीलदार, किसान, अतिक्रमण सहित कई शिकायत लेकर मिले प्रीतम, करा रहा हूँ जांच
शिवपुरी। शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा बीते कुछ सालों से कद्दावर विधायक केपी सिंह कक्काजू और बीजेपी नेता प्रीतम लोधी के बीच ठनी रार को लेकर चर्चाओं में बनी रहती है। प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में इन दोनों की चिर परिचित प्रतिद्वंदिता किसी से छुपी नहीं है। कक्काजू ने कभी प्रीतम के लिए भले ही मौन ना तोड़ा हो लेकिन, प्रीतम लोधी कक्काजू पर आरोप लगाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते। यही कारण है कि विधानसभा का चुनाव हो या फिर छोटा चुनाव या फिर राजनीति का कोई भी अवसर प्रीतम कोई मौका नहीं गवाते। अभी प्रदेश में भाजपा की सरकार है ऐसे में समझा जा सकता है कि बीजेपी के होने के नाते प्रीतम का कद छोटा नहीं है लेकिन, बावजूद इसके मंगलवार को शिवपुरी कलेक्ट्रेट पहुंचे प्रीतम लोधी ने जिस अंदाज में कांग्रेस के कद्दावर नेता केपी सिंह कक्काजू पर तमाम आरोपों की बौछार की, उसे देखकर ऐसा लग रहा है जैसे पिछोर इलाके में आज भी बीजेपी नेताओं की नहीं बल्कि कांग्रेस की ही तूती बोल रही है। प्रीतम लोधी के साथ मंडल अध्यक्ष भानु जैन भी आये थे। कई अन्य नेता भी प्रीतम साथ लेकर आए थे जिन्होंने कलेक्टर से मुलाकात करते हुए खनियाधाना के तहसीलदार दीपक शुक्ला पर कई गंभीर आरोप लगाए। इसके अलावा भी वे कई शिकायतें लेकर आए थे लेकिन सारी शिकायतों के केंद्र में सीधा आरोप विधायक केपी सिंह पर ही केंद्रित रहा। उनका कहना था कि पिछोर इलाके में केपी सिंह बीजेपी के नेताओं पर जुल्म कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि वे किस तरह से जुल्म करते हैं तो प्रीतम ने कहा कि अधिकारियों की दम पर जुल्म करते हैं। अपनी मर्जी से केपी जिसे चाहते हैं उस पर हत्या के आरोप लगवा देते हैं। उनकी मनमानी इतनी ज्यादा है कि बीजेपी नेता अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं। रेत गिट्टी से लेकर मकान ढहाने और पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए प्रीतम लोधी ने केपी सिंह पर तीखे तीर छोड़े। उन्होंने तहसीलदार दीपक शुक्ला पर गम्भीर आरोप लगाए हैं। तहसीलदार ने विधायक की दम पर प्रताड़ना जारी रखी है। विधायक के कहने पर हुए वह लोगों को प्रताड़ित करते हैं और जब उनका तबादला हो गया तो अब उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा। प्रीतम का आरोप था कि यह सब केपी सिंह के इशारों पर हो रहा है। उन्होंने कलेक्टर अक्षय सिंह से शिकायतों का पुलिंदा देकर तहसीलदार दीपक शुक्ला को 2 घंटे में इलाके से रिलीव करने की बात कही और ऐसा न करने पर कलेक्ट्रेट पर भूख हड़ताल शुरू करने की धमकी दे डाली। अक्षय कुमार सिंह ने प्रीतम लोधी की बात सुनी।
तब मानें जब ऊपर से मिला आश्वाशन
प्रीतम लोधी दोपहर को कलेक्ट्रेट पहुंचे थे उन्होंने 2 घंटे की चेतावनी दी थी और तहसीलदार को ना हटाने पर भूख हड़ताल करने की धमकी दी थी। जब इस संबंध में शाम को 7 बजे प्रीतम लोधी से बात की गई तो उनका कहना था कि ऊपर से शीर्ष नेतृत्व ने उनसे 2 दिन का समय मांगा है, अगर तहसीलदार को 2 दिन में रिलीव नहीं किया गया तो वे अपने कदम पर अडिग रहेंगे और कलेक्ट्रेट पर आकर भूख हड़ताल शुरू कर देंगे।
मीडिया से बात करते हुए कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि पिछोर इलाके से गरीबों के मकान ढहाने, पुलिसिया कार्रवाई, तहसीलदार के किसानों के संबंध में ऋण वितरण में हुई गड़बड़ी से लेकर कई शिकायतें सामने आई हैं। प्रीतम लोधी हमसे आकर मिले हैं। इन सभी की जांच करा रहे हैं। अगर किसी अधिकारी ने एकतरफा कार्रवाई की है तो कलेक्टर का कहना था कि यह गलत है। काम नियम अनुसार ही करना चाहिए। कुल मिलाकर कलेक्ट्रेट पर आज प्रीतम लोधी के भूख हड़ताल वाले कदम की दिन भर चर्चा होती रही।

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