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किसान बोले 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने की दो इजाजत

रविवार, 17 जनवरी 2021

/ by Vipin Shukla Mama
53 दिन से आंदोलन कर रहे किसान
दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में जारी किसान आंदोलन को आज 53 दिन हो गए हैं। अब किसान 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने की बात कह रहे हैं। आज एक संगठन ने ट्रेक्टर परेड के लिए पुलिस से रामलीला मैदान के लिये इसकी इजाजत मांगी है। कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर तिरंगे के साथ ट्रैक्टर परेड निकालने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी इस परेड से गणतंत्र दिवस समारोह में कोई खलल नहीं होगा। यह बात किसान संगठनों ने रविवार शाम को मीडिया के समक्ष कही। साथ ही आगे की रणनीति स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने बताई। बता दें कि किसान दिल्ली की सीमाओं पर अपना आंदोलन 53 से जारी रखे हुए हैं। क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रमुख दर्शन पाल ने मीडिया से कहा कि नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज करना शुरू कर दिये हैं जो किसान आंदोलन का हिस्सा हैं या जिन्होंने इसका समर्थन किया है। सभी किसान संगठन इसकी निंदा करते हैं। इधर भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को चिट्‌ठी लिखकर दिल्ली के रामलीला मैदान में आंदोलन करने की इजाजत मांगी है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा लाखों किसान दिल्ली की सीमाओं पर जब आंदोलन कर रहे हैं तो सरकार कानून वापस क्यों नहीं लेती। लगता है आंदोलन लंबा चलेगा। ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मोला ने कहा, "करीब 2 महीने से हम ठंड में मर रहे हैं। सरकार हमें तारीख पर तारीख दे रही है और मुद्दों को लंबा खींच रही है, ताकि हम थककर अपनी जगह छोड़ दें। यह सरकार की साजिश है।"
किसान संघर्ष समिति, हरियाणा के संयोजक मनदीप नाथवान ने कहा कि सरकार की शह पर कुछ लोग आंदोलन को हिंसक बनाना चाहते हैं। यह आंदोलन दिल्ली के खिलाफ नहीं, बल्कि सरकार की नीतियों के खिलाफ है।
मंत्री तोमर बोले बताएं और क्या विकल्प
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि, "ज्यादातर किसान और एक्सपर्ट कृषि कानूनों के पक्ष में हैं। सुप्रीम कोर्ट की रोक के आदेश के बाद कानून लागू नहीं किए जा सकते। हमें उम्मीद है कि किसान 19 की बैठक में हर कानून पर अंतिम निष्कर्ष की बातचीत करेंगे और बताएंगे कि कानून वापसी के अलावा और क्या विकल्प हो सकते हैं।"
ज्ञात रहे कि किसानों की सरकार से अभी तक 10 दौर की बातचीत हो चुकी है, एक और बैठक मंगलवार को होनी है।
यह कहा गृहमंत्री शाह ने 
गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के बागलकोट में कहा कि जो कांग्रेस नेता किसान हित की बात कर रहे हैं, उन्होंने सत्ता में रहते किसानों को 6000 रुपए क्यों नहीं दिए या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्यों नहीं बनाई? क्योंकि, उनकी मंशा सही नहीं थी। मोदी सरकार किसान हित में काम कर रही है। तीनों नए कानूनों से किसानों की आय कई गुना बढ़ जाएगी।
कुलमिलाकर किसान आंदोलन जारी है। तो इधर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने किसान आंदोलन से जुड़े 50 से ज्यादा नेताओं और कारोबारियों को समन भेजा है। इनमें से कुछ लोगों से पूछताछ भी की गई है।

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