- एसपी राजेश सिंह चन्देल की टीम को बड़ी सफलता
- कोतवाली टीआई यादव के हाथ आये आरोपी
- टीम ने प्ले कर बताया कैसे बदलते थे ये ठग एटीएम कार्ड
शिवपुरी। जिले के कोलारस सहित नगरीय इलाके के एटीएम से कार्ड बदलकर खाते से रुपये निकालने वाले गिरोह के 3 सदस्य एसपी राजेश सिंह चन्देल की टीम के हाथ लग गए। कोतवाली टीआई बादाम सिंह यादव ने इन्हें पकड़ा उनकी टीम की भी भागीदारी रही। कंट्रोल रूम में एसपी राजेश चन्देल, एएसपी प्रवीण भूरिया ने प्रेस वार्ता
में खुलासा किया। एसपी ने बताया कि मूल रूप से मेवात हरियाणा के रहने वाले 3 लोगों को कार के साथ पकड़ा गया। इनमें एक बी टेक किये युवती भी पकड़ी गई। जबकि 2 दसवीं पास युवक पकड़े गए। इनमे एक युवक हरियाणा में होमगार्ड सैनिक है।
में खुलासा किया। एसपी ने बताया कि मूल रूप से मेवात हरियाणा के रहने वाले 3 लोगों को कार के साथ पकड़ा गया। इनमें एक बी टेक किये युवती भी पकड़ी गई। जबकि 2 दसवीं पास युवक पकड़े गए। इनमे एक युवक हरियाणा में होमगार्ड सैनिक है।
इन्होंने कोलारस व नगर में बीते महीने 18 तारीख को एटीएम से कार्ड बदलकर रुपये उड़ाए थे। तभी उक्त लोगों की कार सीसीटीवी फुटेज की नजर बनी। पुलिस तलाश में थी तभी टीआई बादाम सिंह यादव को यह कार नजर आई। जिसके बाद टीम ने घेराबंदी कर इन्हें पकड़ लिया।
44 कार्ड लगे हाथ, जिस रंग का उसी रंग का थमा देते हैं
ठगों से 44 कार्ड भी मिले हैं। ठगी के तरीके पर आप ध्यान से गोर कीजिये। ये लोग एटीएम पर निगाह रखते हैं। एकांत, ग्रामीण परिवेश पहली पसंद रहती है। जब कोई व्यक्ति एटीएम में पैसे निकालने जाता है तब यह निगरानी करते हुए। व्यक्ति को मदद का झांसा देते हैं। व्यक्ति की मदद के बहाने उसके पास मौजूद एटीएम के रंग का दूसरा कार्ड तमाकर रुपये नहीं निकलने की बात कहकर व्यक्ति को चलता कर देते हैं। इसी दौरान वह पासवर्ड भी पूछ या देख चुके होते हैं और जब तक व्यक्ति को कार्ड बदलने की जानकारी होती है तब तक गिरोह एटीएम साफ कर देता है।
राघवेंद्र, अमित ने बताया कैसे बदलते हैं कार्ड
कंट्रोल रूम में कोतवाली पुलिस ने नाट्य रूपांतर के जरिये बताया कि कैसे कार्ड बदल देते हैं। जब कोई व्यक्ति कार्ड का इस्तेमाल करता है ये ठीक पीछे या बाजू में मौजूद रहते हैं। बाज की तरह आंख गढ़ाए यह लोग रुपये निकालने वाले कि चैतन्यता
परखते हैं। स्मार्ट लगा तो कम टारगेट करते हैं। यदि हल्का भी ढीला व्यक्ति नजर आया और रुपये नहीं निकले तो यह मदद के बहाने एक्टिव मोड़ पर आ जाते हैं। यहीं खेल कर डालते हैं। लाइये मैं करता हूँ ट्राई कहते हुए जब आपके कार्ड को हाथ मे लेकर एटीएम में डालते हैं उतनी हो बीच मे कार्ड बदल देते हैं। कलर वही होने से हम संमझ नहीं पाते जबकि कार्ड बदला जा चुका होता है।
परखते हैं। स्मार्ट लगा तो कम टारगेट करते हैं। यदि हल्का भी ढीला व्यक्ति नजर आया और रुपये नहीं निकले तो यह मदद के बहाने एक्टिव मोड़ पर आ जाते हैं। यहीं खेल कर डालते हैं। लाइये मैं करता हूँ ट्राई कहते हुए जब आपके कार्ड को हाथ मे लेकर एटीएम में डालते हैं उतनी हो बीच मे कार्ड बदल देते हैं। कलर वही होने से हम संमझ नहीं पाते जबकि कार्ड बदला जा चुका होता है।
किसी को अंदर न आने दें, मदद ही न लें
एटीएम कार्ड बदलकर ठगी से बचने के लिये एटीएम से राशि आहरण करते समय किसी को अंदर न आने दें। रुपये न निकले तो वापिस लौट आये लेकिन किसी अनजान की मदद नहीं लें।
एसपी बोले सतर्कता में ही सेफ्टी
एसपी चन्देल ने बताया कि एटीएम के साथ ऑनलाइन ठगी बढ़ रही है। लोग मोबाइल पर मैसेज आने पर जब दी गई लिंक पर क्लिक करते हैं तो गलत लिंक पर ठगी का शिकार हो जाते हैं। यह लिंक ठग भेजते हैं इसलिए ऐसी किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। दूसरी बात बैंक कभी फोन पर खाते संबंधी जानकारी नहीं लेती इसलिए कभी भी किसी को ओटीपी या आधार, पेन, खाता नम्बर अन्य कोई जानकारी हरगिज न दें। उन्होंने बताया कि आजकल घर पर डाक के माध्यम से गिफ्ट निकलने की जानकारी भी सामने आ रही है। उस पर भी कोई जानकारी भरकर न भेजे।

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