-आइसोलेशन के स्टाफ की सेवा समाप्त
- शिवपुरी, गुना, भिंड का आइसोलेशन वार्ड भी बन्द में शामिल
- पीएचसी के फीवर क्लिनिक होंगे बन्द
भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने COVID-19 कोरोना महामारी की रोकथाम की दिशा में गुरुवार को नया आदेश जारी कर दिया। जिसमें अस्थायी मानव संसाधन यानी कर्मचारियों की सेवाएं 28 फरवरी तक सशर्त बढ़ाने के साथ समाप्त करने का भी निर्णय लिया गया है। साथ ही प्रदेश के 30 जिलों में जहाँ बीते लंबे समय से मरीज भर्ती नहीं हुए उन जगहों पर अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड बन्द करने के निर्देश जारी कर दिये हैं। इन वार्ड में तैनात अस्थायी स्टाफ की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। जिनमे शिवपुरी, गुना, भिंड के जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड शामिल हैं।
पीएचसी के फीवर क्लिनिक बन्द
इतना ही नहीं मिशन संचालक छवि भारद्वाज ने पीएचसी के फीवर क्लिनिक बन्द करने के साथ जिला स्तर के क्लिनिक का समय सुबह 9 से 4 तक कर दिया है। माना जा रहा है कि कोरोना के नियंत्रण में आने के साथ अब सामान्य रोगों का उपचार अस्पतालों में दोबारा शुरु करने की तैयारी है। बता दें कि आइसोलेशन वार्ड में पलंग सहित जगह की सुनिश्चितता की गई थी। जिसके चलते अन्य रोगी इन वार्ड में भर्ती नहीं किये जा सकते थे।
ये निर्देश किये हैं जारी
मिशन संचालक ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 31 जनवरी तक अस्थाई रूप से निर्धारित मापदंडों एवं मासिक मानदेय पर जिन कर्मचारियों को रखा गया था। उनमें एमबीबीएस एवम पीजीएमओ को 28 फरवरी तक रखने की अनुमति दी जा रही है। जबकि लैब टेक्नीशियन और आयुष डॉक्टर समस्त जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पूर्व से संचालित फीवर क्लीनिक क्रियाशील रहेंगे। फीवर क्लीनिक सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित रहेंगे। अन्य सभी फीवर क्लीनिक को बंद किया जाता है। ऐसे सभी जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित फीवर क्लीनिक जिनमें 10 से अधिक सैंपल प्रतिदिन लिए जा रहे हैं उन संस्थाओं में 1 आयुष डॉक्टर, 1 लैब टेक्नीशियन को 28 फरवरी तक अस्थाई रूप से निरंतर रखने की अनुमति प्रदान की जा रही है। शेष फीवर क्लीनिक जिनमें प्रतिदिन 10 से कम सैंपल एकत्रित किए जा रहे हैं। उन सभी में केवल एक लेब टेक्नीशियन को ही अस्थाई रूप से निरंतर रखने की अनुमति दी जाती है। इसी तरह स्टाफ नर्स, वार्ड बाय और सपोर्ट स्टाफ के लिए जो निर्देश आये हैं, उनमें प्रदेश की 30 संस्थाओं में मरीज भर्ती नहीं होने के कारण स्टाफ नर्स, वार्ड वाय, सपोर्ट स्टाफ को निरंतर रखने की अनुमति समाप्त की जाती है। 30 जिलों में डीसीएचसी अंतर्गत संचालित आईसीयू में 1 स्टाफ नर्स, वार्ड बाय और सपोर्ट स्टाफ पूर्व की तरह कार्यरत रहेंगे। इसी तरह फार्मासिस्ट को लेकर जो निर्देश जारी किए गए हैं उसमें संभागीय मुख्यालय सागर, उज्जैन, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल, रीवा में 1 फार्मासिस्ट जिला एवं अन्य जिलों हेतु एक फार्मासिस्ट के मान से रहेंगे।जबकि डाटा एंट्री ऑपरेटर के संबंध में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और रीवा के लिए 10 डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं अन्य जिलों में संचालित प्रति डीसीएच के लिए 2 डाटा एंट्री ऑपरेटर। साथ ही जिला भोपाल सहित समस्त जिलों में कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) बंद किए जाते हैं। इनके कार्यरत सपोर्ट स्टाफ एवं स्टाफ नर्स की सेवाएं समाप्त की जाती हैं। मिशन संचालक ने आदेश जारी करते हुए कहा कि कोविड महामारी की रोकथाम के लिए अस्थाई मानव संसाधन जिसे 1 फरवरी से 28 फरवरी तक अस्थाई रूप से रखने की अनुमति सशर्त दी जा रही है। उसके अलावा किसी को भी अस्थाई नियुक्ति न दी जाए अन्यथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन या संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं इसके लिए उत्तरदाई नहीं होंगे।
ये होंगे बन्द
बता दे की जिन 30 आइसोलेशन वार्ड को बंद किया जा रहा है उनमें शिवपुरी, आगर मालवा, अलीराजपुर, अनूपपुर, अशोकनगर, बैतूल, भिंड, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, दतिया, देवास, डिंडोरी, गुना, होशंगाबाद, झाबुआ, कटनी, खंडवा, मंडला, मंदसौर, नरसिंहपुर, पन्ना, रायसेन, रतलाम, सागर, सीहोर, सिवनी, सीधी, सिंगरौली, विदिशा, शामिल है। यहां के आइसोलेशन वार्ड बंद किए जा रहे हैं और इन वार्डों में उपलब्ध पलंग का उपयोग अन्य रोगों के उपचार के लिए किया जाएगा।

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