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बड़ी खबर: सीवर प्रोजेक्ट में गड़बड़ी पर ठेकेदार से 6 करोड़ की वसूली, 2021 में पूरा हो जाएगा प्रोजेक्ट

बुधवार, 27 जनवरी 2021

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। झील संरक्षण अंतर्गत साल 2013 में केंद्र सरकार से जिस सीवर परियोजना को राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिन्धिया तत्कालीन सरकार से स्वीकृत कराकर लाये थे वह अब मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की लगातार निगरानी के फलस्वरूप साल 2021 में पूरी होने के आसार नजर आने लगे हैं। जिस ठेकेदार ने नगर में लाइन बिछाने के दौरान साल 2014-15 में सड़कों की दुर्दशा कर
दी थी और बाद में सड़कों के डब्ल्यूबीएम कार्य मे गंभीर लापरवाही की थी उस ठेकेदार से पीएचई के कार्यपालन यंत्री एसएल बाथम ने 6 करोड़ की वसूली का प्रस्ताव सरकार को भेजकर साढ़े 4 करोड़ वसूली भी कर ली है। शेष राशि भी जल्द वसूली जाएगी।  बता दें कि मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया उक्त योजना को अति शीघ्र पूरा कराना चाहती हैं यही कारण है कि उन्होंने लगातार सीवर प्रोजेक्ट की निगरानी की है। साथ ही साल 2017 में आए कार्यपालन यंत्री एसएल बाथम को सख्त निर्देश दिए कि सीवर परियोजना का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए इस परियोजना के काम में निर्धारित समय से देरी भले ही हुई लेकिन मंत्री की मंशा और कार्यपालन यंत्री बाथम के प्रयासों से इसे तेज गति से पूरा किया जाने का क्रम शुरू किया गया जिसके नतीजे में बाकड़े हनुमान झांसी रोड पर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया गया जो अब पूरी तरह से तैयार हो चुका है। यहां बिजली का कनेक्शन होना बाकी है इसके अलावा बहुत कम काम बाकी रह गया है। वही प्रोजेक्ट की लाइन बिछाने का काम भी केवल 2% शेष रह गया है यानी कि साफ है कि मई माह 2021 से लेकर दिसंबर 2021 के बीच योजना पूरी हो सकती है। परियोजना के काम के लिए अतिरिक्त राशि की मांग की थी। दिसंबर महीने में उसकी स्वीकृति आ गई है हालांकि राशि का आवंटन अभी तक नहीं हुआ है। बावजूद इसके महक में ठेकेदार से काम लेना जारी रखा हुआ है और इन दिनों लाइन बिछाने का काम तेजी से किया जा रहा है। वहीं शहरी क्षेत्र में जहां जहां बकाया काम रह गया था उसे भी पूरा कराया जा रहा है। उक्त योजना के संबंध में सारी प्रक्रिया को विधिवत रूप से अंजाम दिया गया है। 
पहले के अधिकारियों ने की हीलाहवाली
बता दें कि साल 2013 में आई इसी परियोजना से जुड़े पहले के अधिकारियों ने लापरवाही बरती थी जिसके नतीजे में समय पर ना तो काम पूरा हो सका और योजना के काम में है कई गंभीर कमियां भी रह गई थी बाद में है एसएल बाथम ने आकर इन कमियों को दूर किया और योजना के काम को पूरा किया जा रहा है बीते दिनों लोकायुक्त में एक शिकायत दर्ज कराने के बाद जब पीएचई के कुछ अधिकारियों पर केस दर्ज हुआ तो उक्त मामले में  विभाग ने न्यायालय में अपील प्रस्तुत कर दी है। क्योंकि लगाए गए आरोप में से कार्यपालन यंत्री बाथम के पूर्व के समय में रहे अधिकारियों को भले ही दोषी माना जाए लेकिन उनके आने के बाद योजना में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की गई हालांकि उसी शिकायत में है आर के गौड़ को योजना से संबंधित न होते हुए भी कार्य पर हस्ताक्षर कराने की बात कही। जबकि वह अतिरिक्त चार्ज में रहे और कार्य की एमबी जारी कर कार्य कराया गया था। इस संबंध में विभाग ने अपना जवाब वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुत किया है। साथ ही कुछ अन्य कमियों को लेकर भी जो सवाल खड़े किए गए थे वह भी कसौटी पर खरे उतरते नहीं जान पढ़ रहे हैं। विभाग ने जो अपील न्यायालय में प्रस्तुत की है उसमें लोकायुक्त को कठघरे में खड़ा किया है। और बताया है कि एक तरफा दबाव के चलते केस दर्ज कर लिया गया है जबकि विभाग की तरफ से उनका पक्ष नहीं सुना गया एक करोड़ की राशि का भुगतान ठेकेदार को गलत ढंग से किए जाने की बात कही जा रही है वह पुराने भुगतान का मामला है और जिसके संबंध में विधिवत रूप से पूरे दस्तावेज पूरे किए जाने के बाद पहले के अधिकारियों ने ठेकेदार का भुगतान किया था जिसमें से एक  करोड़ का भुगतान फंड ना होने के चलते तब  नहीं हुआ था जो बाद में बाथम के आने और फंड आते ही किया गया। इसके लिए बाथम उत्तरदाई नहीं जान पड़ते। वहीं उन्होंने पहले के काम में लापरवाही को लेकर ठेकेदार  6 करोड़ रिकवरी का सरकार को प्लान भेजा था जो स्वीकृत होने के बाद ठेकेदार से विभाग के पक्ष में 6 करोड का राजस्व वसूला जा रहा है। यह एक बड़ी उपलब्धि लोकायुक्त ने विभाग की दलील में नहीं सुनी। यही कारण है कि अधिकारियों ने न्यायालय में दर्ज किए गए केस के विरुद्ध अपील कर दी है। कुल मिलाकर सीवर प्रोजेक्ट जल्दी ही पूरा होता दिखाई दे रहा है।

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