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विश्व हिन्दी दिवस पर बालिकाओं ने जीेते पुरस्कार

रविवार, 10 जनवरी 2021

/ by Vipin Shukla Mama
हिन्दी हमारी  सवसे प्रिय मातृ भाषा: सुपोषण सखी लीला आदिवासी
शिवपुरी । हर साल 10 जनवरी के दिन विश्वभर में विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है। पहला विश्व हिन्दी दिवस वर्ष 2006 में मनाया गया था। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार.प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करना है। विदेशों में भारत के दूतावासों में इस दिन को विशेष रूप से आयोजित किया जाता हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं। विश्व में हिन्दी का विकास करने और इसे प्रचारित. प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था इसीलिए इस दिन को श्विश्व हिन्दी दिवसश् के रूप में मनाया जाता है। 
। कोविड.19 महामारी के  नियमों का पालन करते हुए विश्व हिन्दी दिवस सुरवाया के ग्राम दादौल आदिवासी वस्ती में हिन्दी को जानो प्रतियोगिता आयोजित कर शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी द्वारा मनाया गया । कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने बताया कि विश्व हिन्दी दिवस पर संस्था द्वारा बालिका एवं महिलाओं के लिए हिन्दी को जानो प्रतियोगिता जिसमे कि सामान्य ज्ञान के हिन्दी के प्रश्न कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों से पूछे गए सही जबाब देने वाले तीन प्रतिभागियों जिनमें राजनन्दनी आदिवासी , बबली आदिवासी एवं श्रीमती लक्ष्मी आदिवासी को प्रथम द्धितीय एवं तृतीय पुरष्कार एवं पौधा मंगल प्लास्टिक के संचालक अमित मंगल एवं  रवि गोयल के द्वारा संयुक्त रुप से प्रदान किय गए। कार्यक्रम में सुपोषण सखी लीला आदिवासी ने सभी को विश्व हिन्दी दिवस की बधाई दी एवं कहा कि हिन्दी हमारी सवसे प्रिय भाषा है इसमें हमें बहुत गर्व है। कार्यक्रम में रवि गोयल ने कहा कि हिन्दी बोलने, लिखने एवं इसके महत्व को बढ़ावा देने के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना चाहिए एवं हमें अपनी हिन्दी भाषा पर गर्व होना चाहिए। कार्यक्रम में सुपोषण सखी रामकली आदिवासी ने कहा कि हिन्दी में बातचीत करना एवं अपने हस्ताक्षर हिन्दी में करने पर गर्व महसूस करना चाहिए। कार्यक्रम में सुपोषण सखी लीला आदिवासी , रामकली आदिवासी, शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल एवं उनकी पूरी टीम, मंगल प्लास्टिक के संचालक अमित मंगल, प्रतियोगिता की विजेता राज नन्दनी, लक्ष्मी, बबली आदिवासी एवं समुदाय की किशोरी बालिकाओं ने अपनी भागीदारी की।

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