शिवपुरी। जिला कलक्टर अक्षय कुमार सिंह की जागरूकता किसी से छुपी नहीं है। यह खुलासा हम उन्हीं को सामने रखकर कर रहे हैं। 19 जनवरी को डीएफओ कार्यालय में लिपिक कैलाश भार्गव और डीएफओ लवित भारती के बीच हुये पैट्रोल कांड की असली कहानी भले ही पुलिस जांच में सामने आएगी लेकिन यह घटना जिले भर में सालों से उलझे पड़े पेंशन प्रकरण की तरफ इशारा कर रही है। जिनके कारण सैकड़ों कर्मचारी पेंशन न मिलने से प्रताड़ित हो रहे हैं। अनेक विभाग और अनेक कर्मचारियों के प्रकरण लम्बित हैं। बदले में कर्मचारियों को धक्के खाने पड़ रहे हैं। उनसे रुपयों की बेजा मांग किये जाने की बात भी समय समय पर सामने आती रही हैं। हम कुछ ठोस उदाहरण आपके सामने रख रहे हैं। कलक्टर महोदय, इन्ही को नहीं बल्कि अन्य लंबित पेंसन प्रकरण को टारगेट वेस पर निपटवाने के निर्देश जारी करें तो कृपा होगी। कल की तरह कोई बड़ा कदम मजबूर कर्मचारियों को नहीं उठाना पड़ेगा।
तीन संगठन फिर भी परेशानी का हल नहीं
शिवपुरी जिले में शासकीय कर्मचारियों के तीन पेंशनर संघ एवं कई कर्मचारी संघ हैं, उसके बाद भी पेंशनर पेंशन प्रकरणों के कई वर्ष तक लम्बित रहने से बहुत परेशान हैं। परिणामस्वरुप कल वन विभाग के एक रिटायर्ड कर्मचारी कैलाश भार्गव का पैट्रोल कांड सामने आया। उस पर आरोप है कि उसने वन मण्डलाधिकारी पर पेट्रोल छिड़का, आत्मदाह का प्रयास किया है, पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर, धारा 307, 332, 353 लगाई है। विवेचना जारी है। कैलाश भार्गव के अनुसार, उस पर पेट्रोल डीएफओ ने कर्मचारियों से डलवाया। निष्पक्ष जांच होना चाहिए। डीएफओ ने कहा कैलाश ने पेट्रोल डाला।
यह मामले उदाहरण के तौर पर एक नजर
केस: 1
बता दें कि कैलाश भार्गव 31 अगस्त 2017 को वन विभाग से रिटायर्ड हुए। उनके पेंशन स्वत्वों का भुगतान नहीं हुआ। साढ़े तीन साल में उन्होंने कई आवेदन लगाये, सीएम हैल्पलाइन पर आवेदन क्रमांक 6688776 पेंडिंग है। प्रभारी मंत्री सहित सभी अधिकारियों को आवेदन लगाकर, 20 जनवरी 2021 को आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। टीआई को 23-12-2020 को एक आवेदन भी दिया कि डीएफओ आत्महत्या के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं।
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केस: 2
अक्टूबर 2016 में कोलारस, पीएचसी से रिटायर्ड क्लर्क कुसुमलता झा को भी, अभी तक पेंशन नहीं मिली। जनसुनवाई सहित कई आवेदन दे चुकी कि क्लर्क पैसे मांग रहे हैं।
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केस: 3
जनपद शिवपुरी में रिटायर सीईओ शास्त्री के पेंशन स्वत्वों का भुगतान चार वर्ष से लम्बित है।
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हर विभाग के प्रकरण लम्बित
ऐसे कई प्रकरण वन, शिक्षा, स्वास्थ्य, जनपद,(विकास खंड) आदि विभागों में वर्षों से लम्बित हैं, पेंशनरों से पैसे मांगने की शिकायतें भी हैं।
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यह है नियम
नियमानुसार लम्बित पेंशन प्रकरणों की समीक्षा कलेक्टर के अधीन जिला पेंशन अधिकारी को सम्बन्धित विभाग के आहरण अधिकारियों के साथ प्रतिमाह, तीन माह में आवश्यक रुप से कर, निराकरण करवाने चाहिए।
- कलेक्टर द्वारा तीन माह में पेंशनर संघों के, प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ, पेंशन परामर्श समिति की बैठक कर निराकरण करवाने चाहिए।
- सभी पेंशनर संघों एवं सभी कर्मचारी संगठनों को, रिटायर्ड कर्मचारी, अधिकारी के पेंशन स्वत्वों के निराकरण कराने सहयोग किया जाना चाहिए।
- पिछले कार्यकाल के लचर व्यवस्थापन को ठीक करने में जुटे कलक्टर अक्षय कुमार के सामने यह मामले किसी चुनोती से कम नहीं लेकिन इनका हल निकला तो बुजुर्गों की दुआएं कलक्टर महोदय आपके साथ होंगीं।

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