शिवपुरी। ग्राम विलोकलाँ फोरलेन स्थित हनुमानजी के मंदिर पर चल रही श्री राम कथा के आठवें दिन सीता हरण एवं सुन्दर कांड की कथा का सरस प्रवाह हुआ। कथा व्यास
वालयोगी वासुदेव नंदिनी भार्गव ने कहा कि, राम सत्य संकल्प प्रभु सभा काल वश तोर। जव विभीषण रावण को समझाने लगा तो रावण ने रावण ने लात मारकर भरी सभा में अपमानित
कर भगा दिया, तब विभीषण को सिर्फ हनुमानजी की ही याद आई क्योंकि हनुमानजी संत ही हैं और हनुमान ने विभीषण को भाई भी कहा था, रावण और लंका से ठोकर खाने के वाद हनुमान रुपी संत की याद आते ही, विभीषण को शभगवान श्री राम के चरण दिखाई देने लगे और हनुमानजी की कृपा से ही विभीषण को भगवान श्री राम की शरणागति प्राप्त हुई और जैसे ही विभीषण लंका त्याग कर चलने लगे उसी पल रावण की सभा काल के वशीभूत हो गई। इसी प्रकार जीवन मै यदि संत का संग वना रहेगा, सत्य का संग वना रहेगा तो जीवन सुचारू रुप से चलता रहेगा नही तो रावण जैसे काल के वशीभूत होना ही पडेगा।

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