ज्वलंत समस्या का किया जिक्र
करैरा। नगर के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार ने अपनी कलम का उपयोग करते हुए प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है। आइये देखते हैं, उन्होंने क्या लिखा है।
'एक पत्र जो मुख्यमंत्री के नाम मेरे द्वारा लिखा गया उसे as it is आप सभी को भी अवलोकनार्थ पेश कर रहा हूँ। आप भी इस गंभीर मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें। पत्र का मजमून 👇
Respected. माननीय मुख्यमंत्री जी
आपके नेतृत्व में जहां आम जन गरीब व्यक्ति खुशहाली और सरकार द्वारा प्रदत्त सुविधाओं की बजह आज भी आपको अपनी आपबीती सुनाने से गुरेज नहीं करता है मगर चंद अधिकारी आम गरीबों के साथ आपके सरकार की प्रदत सुबिधाओं से लोगों को मनमानियां कर महरूम कर रहे हैं आप चाहें तो इसकी जांच स्वयं करा सकते है। तथ्य निम्न प्रकार हैं। आपको आम सामान्य लोगों की एक समस्या जो यहाँ पदस्थ एसडीएम करैरा जिला शिवपुरी एमपी महोदय द्वारा हल नहीं की जा रही है,,उस पर कोई उचित त्वरित निर्णय किये जाने का अनुरोध है।
1, EWS के सर्टिफिकेट जो इन महोदय के करैरा में पदस्थ होने के बाद भी वर्ष19..20 या 20..21 में कितने आवेदन प्राप्त हुए और कितनों पर तहसीलदार एवं पटवारियों ,नगरपालिका की टीप लगने के बाद भी या तो उन आवेदनों को बापस तहसीलदार को पुनः भेज दिया या फिर सर्टिफिकेट को आज तक नहीं बनाया है। आखिर क्यों?
2. क्या सामान्य जाति में यदि सरकार ने 10 प्रतिशत आरक्षण दिया है और उस बनाये सर्टिफिकेट से उन गरीब छात्रों या आवेदकों को लाभ मिल सकता है तो इन महोदय को इसमें क्या एतराज है।
3. EWS का बिलंब से प्रमाणपत्र बनने या आवेदक के उसमे सबमिट न करने से उसके जीवन का अवसर सिर्फ एक अधिकारी की मनमानी कार्यशैली के कारण ऐसे न जाने कितने लोग अपने सामान्य जाती के लोग रोजगार के अवसर जो हो सकता उसे EWS सर्टिफिकेट से मिल जाता उसे गंवाए जा रहे है।
4. आखिर इन महोदय की करेरा पदस्थि के बाद वर्ष बार कितने आवेदन प्राप्त हुए और कितने सर्टिफिकेट बने कितनों पर टीप एकबार के बाद पुनः चाहे जाने हेतु भेजी गई और प्राप्त आवेदन पर कई कई दिनों बाद फिर भी सर्टिफिकेट आज लटके पड़े हैं क्यों ? जब कि कोई यदि गलत जानकारी आवेदक देता है तो उस आवेदन में उसका शपथपत्र भी होता है जिससे उसकी अकॉउंटबिलिटी खुद बो देता है, उसके बाद भी EWS प्रमाणपत्रों को न बनाया जाना यहां पदस्थ अफसरों की सामान्य जाति के लोगों के साथ दुर्भावना या गलत इंटेंशन को जाहिर करता है ।
5. एक या दो सर्टिफिकेट बने है बो सिर्फ किसी मंत्री या अन्य की सोर्से के चलते यहां पदस्थ अफसर द्वारा बनाये गए है शेष लटके पड़े है। जब कि EWS सर्टिफिकेट को हरसाल द्ववारा बनबाना होता है।
आपसे विनय है कि सामान्य जनों के गरीब और उन योग्य छात्रों जो इस 10 प्रतिशत आरक्षण के दायरे में आते हैं उन्हें त्वरित EWS सर्टिफिकेट बनाये जाने हेतु निर्देशित किया जाए क्यों कि काफी समय बाद अब शासकीय सेवाओं की जगह निकल रहीं हैं । आप प्रदेश के मुखिया हैं इसलिए आप से ही विनय है। वरना यहां पदस्थ अफसरों की मनमानी से लोग बुरी तरह परेशान होकर अपनी बात आप तक पहुचाने के लिए भटक रहे है।'

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