दतिया। (देवेंद्र शर्मा भैया की रिपोर्ट) देश भर में ख्यातिनाम दतिया स्थित माँ पीताम्बरा पीठ प्रबंधन ने मन्दिर खुलने, दर्शन, आरती के समय में बदलाव किया है।
अब प्रतिदिन माई का मंदिर सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहेगा।
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धूमावती माई की आरती का समय
धूमावती माई के दर्शन एवं आरती का समय, शनिवार सुबह 7 से 9 बजे। आरती 7.15 बजे होगी।
शाम को 5 से 8 बजे तक दर्शन एवम आरती का समय 6.45 बजे रहेगा। ठीक इसी प्रकार रविवार से शुक्रवार को आरती का समय सुबह 8 बजे एवम रात को 8 बजे रहेगा।
देश भर में पहचान
बता दें कि मां पीतांबरा के दरबार में लगाई गई अर्जी कभी खाली नहीं जाती। मां पीतांबरा सभी पर एक समान कृपा बरसाती हैं। राजा हो या रंक मां सभी की पुकार सुनती हैं।
बताते हैं कि इस सिद्धपीठ की स्थापना 1935 में परम तेजस्वी स्वामी जी ने की थी। मां का ये चमत्कारी धाम स्वामी जी के जप और तप के कारण ही एक सिद्ध पीठ के रूप में देशभर में अग्रणी पहचान रखता है। यहां मां पीतांबरा चर्तुभुज रूप में विराजमान हैं। उनके एक हाथ में गदा, दूसरे में पाश, तीसरे में वज्र और चौथे हाथ में उन्होंने राक्षस की जिह्वा थाम रखी है। यहां भक्त मां के दर्शन एक छोटी सी खिड़की से करते हैं। बताया जाता है कि दर्शनार्थियों को मां की प्रतिमा को स्पर्श करने की मनाही है। मां बगुलामुखी ही पीतांबरा देवी हैं इसलिए उन्हें पीली वस्तुएं चढ़ाई जाती हैं। यहां पर भक्त विशेष अनुष्ठान करते हैं और मां को पीले कपड़े पहनाते हैं, उसके बाद मुराद मांगते हैं। माना जाता है कि मां किसी को निराश नहीं करती हैं।
कहा जाता है कि विधि-विधान से अगर अनुष्ठान किया जाता है तो मनोकामना जल्द पूरी होती है। मां पीतांबरा राजसत्ता की देवी हैं और इसी रूप में भक्त उनकी आराधना करते हैं। राजसत्ता की कामना रखने वाले भक्त यहां आकर गुप्त पूजा अर्चना करते हैं। मां पीतांबरा शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी भी हैं और राजसत्ता प्राप्ति में मां की पूजा का विशेष महत्व है।
यहां पर मां पीतांबरा के साथ ही खंडेश्वर महादेव और धूमावती के दर्शनों का भी सौभाग्य मिलता है। मंदिर के दायीं ओर खंडेश्वर महादेव हैं, जिनकी तांत्रिक रूप में पूजा होती है। महादेव के दरबार से बाहर निकलते ही दस महाविद्याओं में से एक मां धूमावती हैं। मां धूमावती का दर्शन केवल आरती के समय ही किया जा सकता है, बाकी समय मंदिर के कपाट बंद रहते हैं।

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