बिलासपुर। छतीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रतनपुर ग्राम की अलग पहचान स्थापित हो गई है। बिलासपुर से 25 किमी दूर कोरबा मार्ग स्थित इस ग्राम में महामाया देवी नाम का मंदिर ग्राम की लोकप्रियता को बढ़ाने का सबव बना हुआ है। दरअसल यह मंदिर एक ऐसी 'सास' का है, जिसे उन्हीं की '11 बहुओं' ने मिलकर बनवाया है। कहा जाता है कि सास बड़ी ही दयालु प्रवर्ति की थी। वह अपनी सभी बहुओं को बेटी की तरह लाड़, प्यार करती थीं। संयुक्त परिवार ग्राम के लोगों के बीच ही नहीं बल्कि बिलासपुर जिले में अलग पहचान रखता था। यही कारण रहा कि जब साल 2010 में सेवानिवृत्त शिक्षक शिवप्रसाद तंबोली के परिवार में उनकी पत्नी गीता देवी का निधन हुआ तब उन्हीं की बहुओं ने इस मंदिर का निर्माण कराया। शिव कहते हैं कि उनकी पत्नी बहुओं को बेटी मानती थी। खूब प्यार भी करती थीं। इसलिये गीता देवी का मंदिर ही नहीं बनाया बल्कि मूर्ति का श्रंगार सोने के आभूषण से किया। यहां पूजा रोज होती है। महीने में एक बार भजन कीर्तन भी किये जाते हैं। शिवप्रसाद के परिवार में कुल 39 सदस्य हैं जिनमें 11 बहुएं हैं जो सभी एक साथ मिलजुलकर रहती हैं। परिवार में झगड़े भी नहीं होते।

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