शक्तिशाली महिला संगठन ने नव वर्ष के उपलक्ष्य में ठण्ड से ठिठुरते एक सैकड़ा बच्चों को ऊनी कपड़े एवम् टोपे बांटे
-आदिवासी वस्ती सुरवाया में बच्चों को गर्म कपड़े एवं टोपे बांटे तो उनके चेहरे खुशी से खिल उठे
शिवुपरी। नववर्ष के उपलक्ष्य में जहा लोग पार्टी करने एवं घूमने फिरने में अपना समय व्यतीत करना पंसद करते है लेकिन समुदाय मे बच्चों एवं महिलाओं के लिए कार्य करने वाली संस्था शक्तिशाली महिला संगठन की टीम ने शहर से 22 कि.मी. की दूरी पर स्थित आदिवासी वस्ती सुरवाया में पहुचंकर ठण्ड से ठिठुरते एक सैकड़ा बच्चो को ऊनी कपड़े एवम् टोपे उपहार में देकर उनके चेहरे पर मुस्कान विखेरी एवं नववर्ष की शुभकामनाए दी। स्वयंसेवी संस्था के संयोजक रवि गोयल ने बताया कि प्रत्येक वर्ष जिले के दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब निराश्रित एवं कुपोषित बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाकर संस्था की टीम नववर्ष मनाती है इस वर्ष 2021 के उपलक्ष्य में भी संस्था समन्वयक प्रमोद गोयल के नेतृत्व में आदिवासी वस्ती सुरवाया में जाकर पहले वहा वास्तविक जरुरतमंद बच्चों की सूची तैयार की उसके बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता राजकुमारी केवट एवं सुपोषण सखी सरोज आदिवासी के सहयोग से कपकपाती सर्दी में बिना ऊनी कपड़े वाले 30 परिवार चिन्हित किए जिनके पास गर्म कपड़े नही थे उनमें कुछ कुपोषित बच्चे भी थे इन सबको आंगनाड़ी केन्द्र पर वारी वारी से एकत्रित कर ऊनी कपड़े अपने हाथों से पहनाए एवं साफ सफाई से रहने के वारे में भी बच्चों के माता पिता को समझाईश दी । कुपोषित बच्ची राशि आदिवासाी के माता पिता पप्पू रुकमनी आदिवासी ने कहा कि आज नए साल पर संस्था के द्वारा जो हमारे बच्चो को ऊनी कपड़े एवम् टोपे दिए है वह पाकर हमारे बच्चों के चेहरे पर खुशी झलक उठी, इस बार कोरोना की बजह से आमदनी इतनी नही है कि हम अपने बच्चो को गर्म कपड़े पहना सकें। ऐसा ही एक और दम्पति ललिता आदिवासी ने अपने बच्चों को गर्म सूट एवम् ऊनी टोपे पाकर संस्था का आभार जताया एवं बच्चों को साफ सफाई से रखने की बात कुबुल की। संस्था द्वारा नव वर्ष का आगाज आज एक सैकड़ा बच्चों के चेहरे पर खुशी लाकर किया एवं आगे भी ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित करने का निश्चय किया। कार्यक्रम को सफल बनाने मे प्रमोद गोयल, साहब सिंह धाकड़ , पूजा शर्मा के साथ आंगनवा़डी कार्यकर्ता राजकुमारी केवट , सुपोषण सखी गुड्डी आदिवासी, अमला आदिवासी , सरोज आदिवासी, रेखा आदिवासी , अशुं गुर्जर एवं न्यूट्रीशन चैम्पियन शान्ती, रुबीना आदिवासी, लाली गुर्जर ,नेहा आदिवासी, कामिनी आदिवासी, सुकवती आदिवासी सोमवती आदिवासी , मुस्कान आदिवासाी ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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