बेटी की पेटी शुभारंभ पर कलेक्टर ने दिलाया भरोसा बेटियों की तरक्की के सभी अवरोध मिटाएंगे
शिवपुरी। दिन प्रतिदिन बढ़ती यौन शोषण एवं छेड़छाड़ की घटनाएं वर्तमान की सबसे गंभीर सामाजिक समस्या बन चुकी है। यौन शोषण निषेध के कठोर कानून होने के बावजूद भी बालक-बालिकाएं तथा महिलाएं असुरक्षित है। इस स्थिति पर नियंत्रण के लिये सामाजिक जागरूकता के विविध माध्यमों से प्रयास किये जारहे है। महिलाओं और बच्चों की शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही किया जाना आवश्यक है। अनेकों बार लोक अपवाद का भय दिखाकर परिजनों तथा समाज के द्वारा पीड़िता के दर्द को छुपा लिया जाता है। यह स्थिति अपराधियों के मनोबल को बढ़ाने का काम करती है। बेटियों को डरने की जरूरत नहीं, पुलिस और प्रशासन उनके अधिकारों की सुरक्षा करने के लिये प्रतिबद्ध है। यह बात कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि जो बेटियां अपनी बात परिवार या समाज को बताने में कठिनाई महसूस करतीं है,वे अब अपनी बात लिखकर बेटी की पेटी में डाल सकतीं है। इसी मंशा से इस नई पहल की शुरुआत की गई है। शैक्षणिक संस्थानों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर भी बेटियों के भरोसे की यह पेटी लगाई जाएगी। पेटियों में प्राप्त होने वाली शिकायतों के निराकरण के लिये पुलिस और प्रशासन के अधिकारी नामांकित किए गये है। जिला प्रशासन बेटियों की तरक्की की हर बाधा को दूर करने के लिये प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने कहा कि बेटी की पेटी सिंगल विंडो के रूप में कार्य करेगी। इस पेटी में स्वास्थ्य,शिक्षा, सुरक्षा, उत्पीड़न, बाल विवाह,घरेलू हिंसा,छेड़छाड़ जैसी घटनाओं की शिकायत की जा सकेगी। पुलिस विभाग की ओर से सूबेदार गायत्री इटोरिया तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से परियोजना अधिकारी नीलम पटेरिया इसकी नोडल अधिकारी रहेंगी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में बेटियों के प्रति सामाजिक मानसिकता में तेजी से परिवर्तन हो रहा है। बेटियां हर क्षेत्र में तरक्की कर रहीं है,उनकी तरक्की के अवरोधों को भी समन्वय से दूर करेंगे।
कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ एचपी वर्मा ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में बेटियों का लिंगानुपात काफी कम है। इसके पीछे गरीबी,अशिक्षा जैसी कोई मजबूरी कारण नहीं है,बल्कि यह दूषित मानवीय सोच की देंन है। सीएमएचओ डॉ एएल शर्मा ने कहा कि यह पेटी बेटियों के स्वाभिमान-सम्मान की सुरक्षा की पेटी है,पूरी गोपनीयता के साथ बेटियों की समस्याओं का समाधान होगा। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिये मास्क,सेनेटाइजर के उपयोग के साथ सार्वजनिक स्थानों पर सामाजिक दूरी बनाए रखने की अपील की। जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल ने कहा कि जो बेटियां अपनी परेशानियों को बताने में संकोच करतीं है,वे लिखकर बताएं, पेटियों में मिलने वाली शिकायतों पर तुरंत कार्यवाही होगी। उन्होंने प्रशासन की ओर से भरोसा दिलाया कि मत घबराओ, हमें बताओ
- बेटियां समाज की तरक्की का आधार है
शिवपुरी। हालही में सरकार ने प्रत्येक सरकारी कार्यक्रम की शुरुआत कन्या पूजन से करने के निर्देश दिए थे। जिला प्रशासन ने नव वर्ष के पहले दिन की शुरुआत ही बेटियों के पूजन से की। महिला एवं बाल विकास द्वारा बेटी की पेटी शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन फिजिकल रोड स्थित आशा कार्यकर्ता प्रशिक्षण केंद्र पर की। कार्यक्रम में 5 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना के सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। उपस्थित लोगों को कोरोना गाइड लाइन का पालन करने का संकल्प भी दिलाया गया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी दीपक पांडेय, जनसंपर्क अधिकारी प्रियंका शर्मा, परियोजना अधिकारी नीलम पटेरिया, पूजा स्वर्णकार, वन स्टॉप सेंटर प्रशासक कंचन गोड़, बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा,आशा प्रशिक्षण केंद्र की संचालक दीपिका लांबा,सूबेदार गायत्री इटोरिया, सामाजिक कार्यकर्ता जीतेश जैन एवं जितेन्द्र दांगी,ममता संस्था की कल्पना रायजादा,शौर्या सदस्य हैप्पी शर्मा के अलावा प्रशिक्षणार्थी आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सुपरवाइजर एवं शहर की दसवीं और बारहवीं कक्षाओं में प्रवीणता सूची की बालिकाएं आदि मौजूद थे।

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