- शासकीय अध्यापक संगठन शिवपुरी के अध्यक्ष का आरोप
- बिफरे अध्यक्ष धर्मेन्द्र, बोले, नहीं सुधरे हालात और मांगी ट्रेजरी में रिश्वत तो अध्यापक करेंगे ट्रेजरी का घेराव
शिवपुरी। जिला कोषालय यानी ट्रेजरी समय समय पर चर्चाओं में बनी रहती है। कभी बिल अटकने तो कभी लेनदेन की आड़ में बिल अटकाए जाने की बात कही जाती है। आज फिर बिना धन के बिल पास न करने के आरोप उछले हैं। यह आरोप शासकीय अध्यापक संगठन के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी ने लगाया है। गंभीर आरोप लगाते हुए धर्मेन्द्र ने कहा है कि ट्रेजरी बिना सेवा के बिल पास नहीं करती। वह बिना पैसे के लेनदेन किये बिल पास करना शुरू कर दे अन्यथा ट्रेजरी का सभी अध्यापक मिलकर घेराव करेंगे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवपुरी ट्रेजरी में बिना सेवा के कोई बिल पास नहीं होता।
धर्मेंद्र ने शिवपुरी के सम्मानीय साथियों एवं डीडीओ से विनम्र आग्रह करते हुए कहा कि शिवपुरी जिले में जिस संकुल के बिल पर ट्रेजरी से ऑब्जेक्शन लगाया गया है, ट्रेजरी कृपया अवगत कराने का कष्ट करे की क्या ऑब्जेक्ट है? धर्मेन्द्र ने बताया कि उन्होंने ट्रेजरी ऑफिसर छवि जैन को मोबाइल पर अवगत करा दिया है कि आपकी ट्रेजरी में बिना रिश्वतखोरी के नीचे का अमला कोई बिल पास नहीं करता। धर्मेन्द्र का कहना है कि इसका उदाहरण इंदार संकुल और रन्नौद संकुल के बिल हैं। जो दोनों एक जैसे थे परंतु रन्नौद द्वारा कुछ पैसे की व्यवस्था कर दी गई तो वहां का बिल पास हो गया और इंदार संकुल के बिल पर ऑब्जेक्शन आ गया। ठीक इसी तरह और भी उदाहरण हैं, जैसे करही संकुल का बिल पर ऑब्जेक्शन आ गया लेकिन करैरा का बिल पास हो गया। परेशानी की बात यह नहीं है कि किसका बिल पास हुआ और किस पर ऑब्जेक्शन आया। उन्होने अपने साथियों से कहा कि परेशानी की बात यह है कि हम ही रिश्वत देकर रिश्वतखोरी को बढ़ावा दे रहे हैं। यदि रिश्वत देने में ही विश्वास करते हैं तो धर्मेंद्र रघुवंशी तक शिकायत करने ना पहुंचे। आप सभी साथियों से विनम्र निवेदन है कि ट्रेजरी में बेधड़क होकर बिल लगाएं, ताकि समय पर हमारे साथियों का पैसा मिल सके। अब आपके कोई भी बिल पर अनावश्यक ऑब्जेक्शन नहीं आएगा और यदि आया तो ट्रेजरी का घेराव करने के लिए सभी साथी तैयार रहें। यह अपील धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी जिला अध्यक्ष शासकीय अध्यापक संगठन शिवपुरी ने की।
यह बोलीं कोषालय अधिकारी
मेरे पास अध्यापक संगठन के अध्यक्ष धर्मेंद्र रघुवंशी का फोन आया था। जिसके बाद स्टाफ़ से जानकारी ली। आईटी डिडक्सन के फेर में कुछ बिल तो पास कर दिये गए जबकि कुछ को रोक लिया गया था। लेकिन असमानता न हो इसलिए अभी सभी बिल पास किये जा रहे हैं। ऊपर के नियम निर्देशों का पालन करने के चलते यह स्थिति बनी। लेनदेन के बिना बिल पास न करने के आरोप निराधार हैं। तकनीकी कारण से बिल रुके इसलिए धर्मेन्द्र ही नहीं अन्य कोई भी होता तो शंका जायज होती।
छवि जैन, जिला कोषालय अधिकारी शिवपुरी।

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