दिल्ली। नए साल में 8वीं बार पैट्रोल डीजल के दाम बढ़ गए हैं। बात करें तो सबसे मेंहंगा पैट्रोल श्री गंगानगर में 97.50 है जबकि मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में इंदौर से भी मेंहंगा पैट्रोल और डीजल हो गया है।
इंदौर में पेट्रोल 93.65 है जबकि शिवपुरी में 94.78 रुपये हो गया है जबकि डीजल इंदौर में 83.93 रुपए प्रति लीटर जबकि शिवपुरी में 85.06 हो गया है। तेजी से 100 की तरफ बढ़ रहे दाम लोगों का बजट बिगाड़ रहे हैं।
नए साल में 8वीं बार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़े जबकि लॉकडाउन में पेट्रोल पर 10, डीजल पर 13 रु. ड्यूटी बढ़ी थी, अब टैक्स कटौती हो तो ही राहत की उम्मीद है।
पेट्राेल-डीजल के दाम शनिवार को 25-25 पैसे बढ़ गए। नए साल 2021 में 8 वी बार दाम बढ़ गए है। केंद्र ने मई 2020 में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी क्रमश: 10 और 13 रु. प्रति लीटर बढ़ाई थी यह अब भी जारी है। इधर राज्य सरकारें वैट अलग से लगाती हैं इससे कच्चे तेल में मामूली बढ़ोतरी से भी कीमतें रिकॉर्ड तोड़ रही हैं।
श्रीगंगानगर में 97.50 रु., सबसे अधिक
राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल 97.50 रु. लीटर हो है। यह देश में सबसे अधिक दाम है। बता दें कि
ड्यूटी बढ़ाते समय दावा किया गया था कि असर आम आदमी पर नहीं होगा लेकिन 6 मई 2020 को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क (एक्साइज ड्यूटी) बधाई थी। इस बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल के दाम 71.26 रुपए थे और तभी कहा गया था कि बढ़ोत्तरी का असर आम आदमी पर नहीं होगा लेकिन पेट्रोल के दाम तब से 15 रुपए लीटर तक बढ़ चुके हैं, टैक्स में भी कटौती नहीं हुई है। एक नजर डाले तो
कच्चा तेल 4745 रु. तब पेट्रोल 75 रु.; और 1539 तब भी 72
दिसंबर 2019
कच्चा तेल : 4745 रुपए प्रति बैरल
पेट्रोल 75 रुपए लीटर
अप्रैल-मई 2020
कच्चा तेल : 1,539.85 रु. बैरल
पेट्रोल 72 रुपए लीटर
आगे भी कच्चे तेल के दाम नहीं घटेंगे। दुनिया में टीकाकरण और आर्थिक गतिविधियां बढ़ रही हैं।
बिहार में चुनाव थे, कच्चा तेल 3 हजार पार, फिर भी दाम स्थिर
22 सितंबर से 19 नवंबर 2020
कच्चे तेल के दाम 3,010.80 रु. बैरल से 3,077.23 रु. बैरल हो गए लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहे। 25 सितंबर को चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव की घोषणा की थी। 10 नवंबर को नतीजे आए। 20 नवंबर को भाव फिर बढ़ने लगे। कुलमिलाकर आम आदमी परेशानी में जान पड़ रहा है। किचन तेल के भाव 1300 से 1900 प्रति टीन तक पहुँच गए हैं। सभी तरफ महँगाई बढ़ने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। इधर सिलेंडर गैस पर भी दबे पैर सब्सिडी खत्म होने जैसी हालत में आ गई है।

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