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'शिक्षा एकमात्र आधार है जिस पर मानव जाति का भविष्य निर्भर करता है'

सोमवार, 4 जनवरी 2021

/ by Vipin Shukla Mama
 डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र कुरुक्षेत्र ने कहा
ग्वालियर। शिक्षा मनुष्य की अन्तर्निहित पूर्णता की अभिव्यक्ति है। मानव में शक्तियाँ जन्म से ही विद्यमान रहती है। शिक्षा उन्हीं शक्तियों या गुणों का विकास करती है। पूर्णता बाहर से नहीं आती वरन् मनुष्य के भीतर छिपी रहती है। सभी प्रकार का ज्ञान मनुष्य की आत्मा में निहित रहता है। यह उद्गार मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ- श्रीप्रकाश मिश्र ने मिस हिल हायर सेकेंडरी स्कूल, ग्वालियर, मध्यप्रदेश के 100 वर्ष पूर्ण होने पर शताब्दी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विद्यालय परिवार की प्रबंध समिति, शिक्षक समूह, कर्मचारियों एव विद्यर्थियों के मध्य व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मिस हिल एजुकेशन सोसयटी के अध्यक्ष एस- पी- शर्मा ने की और मातृभूमि सेवा मिशन ग्वालियर ईकाई के संयोजक अशोक शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। स्वागत भाषण मिस हिल एजुकेशन सोसयटी के सचिव सरनाम सिंह तोमर ने किया और विद्यालय के 100 वर्ष के इतिहास एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। तोमर जी कहा मिस हिल हायर सेकेंडरी स्कूल सब संभव प्रकार से शिक्षा के लिए समर्पित है। 
शताब्दी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि आज के समाज में शिक्षा का महत्व काफी बढ़ चुका है। शिक्षा के उपयोग तो अनेक हैं परंतु उसे नई दिशा देने की आवश्यकता है। शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए कि एक व्यक्ति अपने परिवेश से परिचित हो सके। शिक्षा हम सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक बहुत ही आवश्यक साधन है। हम अपने जीवन में शिक्षा के इस साधन का उपयोग करके कुछ भी अच्छा प्राप्त कर सकते हैं। शिक्षा का उच्च स्तर लोगों की सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है। शिक्षा का समय सभी के लिए सामाजिक और व्यक्तिगत रुप से बहुत महत्वपूर्ण समय होता है, यहीं कारण है कि हमें शिक्षा हमारे जीवन में इतना महत्व रखती है। शिक्षा एकमात्र आधार है जिस पर मानव जाति का भविष्य निर्भर करता है।बिना गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के आत्मनिर्भर भारत का निर्माण नही हो सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मिस हिल एजुकेशन सोसयटी के अध्यक्ष एस. पी. शर्मा ने कहा कि मानव-कल्याण का मूल बीज शिक्षा को मानकर स्वामी विवेकानंद ने शिक्षा को सर्वसुलभ बनाने की योजना बनाई। उन्होंने शिक्षा की एक उदार एवं संतुलित प्रारूप देश के सामने रखा आवश्यकता है विदेशी नियंत्रण हटाकर हमारे विविध शास्त्रें, विद्याओं का अध्ययन हो और साथ ही साथ अंग्रेजी भाषा और पाश्चात्य विज्ञान भी सीखा जाये।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित मातृभूमि सेवा मिशन ग्वालियर ईकाई के संयोजक अशोक शर्मा ने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा सभी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण साधन है। यह हमें जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करता है। शताब्दी कार्यक्रम का संचालन श्रीमती दीप्ति श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का आभार ज्ञापन मिस हिल हायर सेकेंडरी स्कूल, ग्वालियर के प्रधानाचार्य सत्येद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम में मिस हिल पब्लिक स्कूल के समिति के सदस्य, शिक्षक, कर्मचारी एवं गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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