शिवपुरी। कहते हैं, 'दौलत' मरने के बाद भले ही काम न आये लेकिन 'संबंधों की दौलत' जरूर 'काम आती' है। आयुष्मान के साथ भी यही बात सच साबित हुई है। उसने जीतेजी जो सम्बन्ध बनाये उसी दोस्ती की डोर से बंधे उसके 10 दोस्त जो डॉक्टरी की पढ़ाई उसी के साथ कर रहे थे वे कल रात शिवपुरी मुक्तिधाम पहुंचे। आयुष्मान की अंत्येष्टि में वैसे तो शहर के अनेक गड़मान्य लोग शामिल थे लेकिन वार्डन के साथ इंडेक्स कॉलेज से आये आयुष्मान के दोस्तो की मौजूदगी खास रही। उनकी आंख नम थीं। सभी उस घटना का जिक्र कर रहे थे। उनका यही कहना था कि ऐसी घटना जीवन में पहली बार देखी। पैरों के नीचे से जमीन खिसकने की बात अक्सर लोग कहा करते हैं लेकिन पहली बार पत्थर सरकने से आयुष्मान की मौत ने सभी को झकझोर कर रख डाला। आयुष्मान जिस पत्थर पर पैर रखकर खड़ा था वह उसके पैरों के नीचे से तिनके की मानिंद सरका और आयुष्मान झटके से नीचे जा गिरा। फिर हमसे सदैव के लिए बिछुड़ गया। 1. मेडीकल कॉलेज के छात्र 'आयुष्मान' की गंभीर हादसे में मौतइंदौर से अंत्येेष्ठी में शामिल हुए दोस्त
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होती रहीं तरह तरह की बातें
मुक्तिधाम पर अंत्येष्टि के दौरान लोग दुनिया जहान की बात करते हैं। कल भी इसी हादसे को लेकर लोग बातें कर रहे थे। आयुष्मान के पिता अमित विक्की गुप्ता के दोस्तों का कहना था कि परिवार पर साढ़े साती भारी पड़ी। जिसमें जानकारों ने किसी बड़ी अनहोनी की चेतावनी दे रखी थी। शायद इसी बीच यह घटना घटी। मंगलवार को ही यह साढ़े साती समाप्त हुई है।

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