कोलारस। बड़े कहते हैं जिस काम को करने से मन को तस्सली मिले उसे जरूर करना चाहिये। इसी तरह की नजीर कोलारस की एक बैंककर्मी युवती नैंसी ने पेश की। दरअसल उसे 120 रुपये सड़क पर पड़े दिखे। किसी ने नहीं उठाए तो नैंसी सकुचाई, विचार करती रही कि लोग क्या कहँगे। फिर उसने सोचा वह इन रुपयों को अपने पास नहीं रखेगी बल्कि बिस्किट ख़रीदकर बच्चो को बांट देगी। बस फिर क्या था। उसने यही किया। उसने मामा का धमाका डॉट कॉम की टीम से बात करते हुए कहा कि 'कोलारस- एक्सिस बैंक में सेवारत नैंसी जैन को बैंक के बाहर ₹120 मिले उसने सोचा कि शायद वह किसी व्यक्ति के गिर गए थे मेरा मन बार-बार बोल रहा था कि मैं उन्हें उठाऊ कि नहीं क्योंकि अगर मैं उठाती तो लोग मुझे गलत समझते।
और मैं नहीं उठाती तो भी उन्हें कोई और उठा कर ले जाता और पता नहीं उनका क्या करता फिर मेरा मन बोल रहा था कि मैं उन्हें उठा लूं और उस व्यक्ति को ढूंढू जिसके वह पैसे गिर गए हैं उसे ढूंढना थोड़ा मुश्किल होता मेरे लिए । तो मैंने सोचा अब मैं इन पैसों का क्या करूं बहुत देर सोचने के बाद फिर मेरे मन में विचार आया कि क्यों ना मैं इन पैसों से कुछ सामान खरीद लूं और कुछ गरीब बच्चों को बांट दू। इससे मेरे मन को भी प्रसंता होगी और उन पैसों को उठाने से मेरे मन में अकुलता भी नहीं होगी तो मैंने उन पैसों को उठाकर उनसे कुछ बिस्किट के पैकेट खरीद कर गरीब बच्चों को बांट दिया । जिन्हें बांटकर मुझे अत्यधिक प्रसन्नता हुई । मुझे लगता है कि मैंने सही किया यह मेरी तरफ से एक बहुत अच्छी पहल थी।

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