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आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में हर महिने करीब 500 बालिकाओं एवं महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी पैड वितरित करने की पहल प्रारंभ

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2021

/ by Vipin Shukla Mama
सिर्फ सेनेटरी पैड का उपयोग करने से गर्भाश्य के कैंसर से बचा जा सकता है: डा नीरज सुमन आर.बी.एस.के.
शिवपुरी। मासिक धर्म के दिनों में कमजोर वर्ग की महिलाओं के बीच सैनेटरी नैपकिन की अनुपलब्धता कई कारणों से एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।इसी चुनौती से निपटने के लिए शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी के द्वारा पिछड़े व आदिवासी बाहुल्य ग्राम चिटोरीखुर्द, चिटोरा, अमरखौआ, दादौल एवं नया बलारपुर में करीब 500 किशोरी बालिकाओं एवं 500 महिलाओं के लिए हर महिने को   मुफ्त सैनिटरी पैड वितरित करने की एक अनोखी पहल की है जिसके तहत आज चिटोरीखुर्द , अमरखौआ एवं चिटोरा गावं में आम सैनिटरी नैपकिन नहीं बल्कि   बायोडिग्रेडेबल पैडस  वितरित किए जो कि वेस्ट क्वालिटी के है। कार्यक्रम के प्रारंभ के आरबीएसके के डाक्टर नीरज सुमन ने बताया कि आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रो में किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं के द्वारा महावारी के समय कपड़ा उपयोग में लाया जाता है  क्योकि कि उनके लिए सेनेटरी पैड की उपलब्धता एवं इतनी जागरुकता ग्रामीणों में अभी नही है इसी लिए ज्यादातर हेल्थ कैम्प में सफेद पानी आना, खुजली होना, और सक्रमण अधिक बढ़ने पर गर्भाश्य का कैंसर भी हो सकता है इसीलिए शक्तिशाली महिला संगठन की  सेनेटरी पैड वितरित करने की पहल स्वागत योग्य है एवं इन पैडस का उपयोग किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को अवश्यक करना चाहिए इससे उनकी व्यक्तिगत स्वच्छता अच्छी होगी एवं उनमें अनीमिया एवं कुपोषण में कमी आएगी। कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि संस्था संयोजक रवि गोयल ने बताया कि संस्था द्वारा किशोरी एवं महिलाओं में महावारी स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम की शुरुआत की गई है जिसमें कि शुरुआत में 5 आदिवासी एवं पिछड़े गांव की 500 किशोरी बालिकाओं एवं 500 महिलाओं को शामिल किया है जिनको कि व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जागरुक करने के साथ साथ उनको सेनेटरी पैड भी निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है इसके साथ सही उत्पाद का चयन एवं माहवारी अपशिष्ट का सुरक्षित प्रबधंन पर कार्य किया जा रहा है यह कार्यक्रम शिवपुरी जिले के चिन्हित गांव में जाकर ग्रामीण महिलाओं को सहयोग करना है। यह कार्यक्रम मानसिक सुरक्षा और खासकर मासिक धर्म के दिनों में स्वास्थ्य सुरक्षा से वंचित महिलाओंए मासिक धर्म के दौरान स्कूल जाने से कतराने वाली लड़कियों के लिए समर्पित हैण् यह कार्यक्रम उन महिलाओं की भी मदद करेगा जो नैपकिन की अनुपलब्धता के कारण पूरी तरह असुरक्षित महसूस करती हैं और दुकानों से सैनेटरी नैपकिन खरीदने में अत्यधिक संकोच करती हैं।  केंद्रों पर ऐसी ही महिलाओं को किसी भी परिस्थिति में निर्भय बनाते हुए मानसिक सुरक्षा प्रदान की जाएगीण् समाज के कमजोर तबके की महिलाओं को सेहत के मोर्चे पर सशक्त बनाने के लिए उनके बीच सैनेटरी नैपकिन मुफ्त वितरित करने का कार्य प्रारंभ किया एवं महिलाओं को मासिक धर्म के दिनों में स्वास्थ्य और साफ.सफाई के प्रति जागरूक बनाने की पहल की गईण्  अमरखौआ में आज किशोरी बालिकआ अन्जना आदिवासी ने बताया कि उसने आज पहली बार  सैनेटरी नैपकिन मिला इससे पहले उसने कभी सेनेटरी पेड नही देखा था वह बोली संस्था का धन्यवाद एवं वह अब केवल पैड ही उपयोग करेगी एवं संक्रमण से बचेगी। कार्यकम में अमरखौआ, चिटोरी खुर्द व चिटोरा की 500 महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को आज सेनेटरी नेप्किन वितरित किए एवं स्वच्छता के बारे में जागरुक किया। कार्यकम में डा0 नीरज सुमन किशोर स्वास्थ कार्यकम सतनवाड़ा शिवपुरी, शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल एवं सोनम शर्मा , खुशबू, अन्जू के साथ शारदा , रानी, रश्मि आदिवासी, लीला , अन्जजी, ललिता, अन्जू , चमेली, हसमुखी , आदि के साथ न्यूट्रीशन चैम्पियन ,  आशा कार्यकर्ता चिटोरीखुर्द, आशा कार्यकर्ता शाीला आदिवासी, सहायिका राजकुमारी आदिवासी अमरखौआ के साथ समुदाय की महिलाओं ने भागीदारी की।

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