माननीय मख्यमंत्री जी,
मध्य प्रदेश के कई बच्चों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसी वजह से मध्य प्रदेश के हजारों बच्चे कॉम्पिटेटिव एक्जाम के लिए कोचिंग नहीं ले पाते | अगर हम ज्यादातर कॉम्पिटेटिव एक्जाम की कोचिंग की फीस देखें तो वह लगभग एक लाख के आसपास तो होती ही है । कॉम्पिटेटिव एग्जाम के लिए कोचिंग कराने वाले मनमानी फीस वसूलते हैं।
इसमें जे. ई.ई, नीट, क्लैट , यूपीएससी, आदि शामिल है। इतनी ज्यादा फीस होने के कारण वे कोचिंग नहीं ले पाते और वह कॉम्पिटेटिव एग्जाम में सिलेक्ट होने से वंचित भी रह जाते है। अगर मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड इंपावरमेंट की एक रिपोर्ट को देखें तो म.प्र. की 38.3% जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे आती है । एसे में उनके लिए कोचिंग की इतनी भारी फीस भर पाना काफी मुश्किल या नामुमकिन हो जाता है। इसी कारण से वे कोचिंग से वंचित रह जाते हैं और उन्हें फिर कोचिंग के बिना ही तैयारी करना पड़ता है जो की काफी मुशकिल भी होता है। गरीब बच्चों की शिक्षा एवं महनत के बीच में उनकी आर्थिक स्थिति नहीं आनी चाहिए।
जैसे ही उत्तर प्रदेश में लव जिहाद को रोकने के लिए एक लॉ उप्र सरकार ने बनाया उसके तुरंत बाद ही मध्यप्रदेश ने भी उत्तर प्रदेश की राह पर चलके वैसा ही लॉ बना दिया इसी प्रकार मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से कहना चाहूंगा कि जिस प्रकार उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत कॉम्पिटेटिव एग्जाम की फ्री कोचिंग स्कीम लाई है उसी प्रकार मध्य प्रदेश सरकार भी बच्चों के लिए फ्री कोचिंग स्कीम लाए । इससे मध्य प्रदेश के काबिल छात्र छात्राएं जो की कोचिंग की फीस भरने में सक्षम नहीं है वे भी कोचिंग पा सकेंगे और कॉम्पिटेटिव एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे जिससे उनके भी सपने साकार होंगे। मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से यह निवेदन करता हूँ कि वे गरीब छात्र - छात्रायें और ऐसे छात्र - छात्रायें जो कॉम्पिटेटिव एक्जाम की कोचिंग की भारी फीस भरने में असक्षम है कृपया उनके लिए फ्री कोचिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए जहां पर उच्च स्तर की शिक्षा उन्हें प्राप्त हो सके और वे भी कॉम्पिटेटिव एक्जाम में उच्च रैंक के साथ सिलेक्ट हो सके।
धन्यवाद,
नमन शर्मा
क्लैट एस्पिरेंट

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