शिवपुरी। नगर के जिला अस्पताल के समीप लोगों को रोटी बनाकर देने के बदले मिलने वाली चंद राशि से अपना जीवन बसर करने वाली एक वृद्धा का कल से रो रोकर बुरा हाल है। उसे कल दूसरी बार तात्याटोपे के पास से हटा दिया गया। मदाखलत दस्ता बुलडोजर लेकर यहां पहुंचा था और अतिक्रमण हटाने के नाम पर इस महिला की रोजी रोटी छीन ली। बता दे की नगर को स्वच्छ ओर अतिक्रमण मुक्त बनाने के नाम पर नगरपालिका एवं यातायात पुलिस ने 65 वर्षीय महिला को अस्पताल के पास अग्रसेन चौक किनारे से कल हटाया। रेखा यादव 40 सालो से एक छोटी सी स्टॉल में रोटी बनाकर, बेचकर अपना एवं अपने बीमार पति का भरण पोषण कर रही थी। बीते रोज नपा ओर यातायात पुलिस ने इस महिला की आजीविका पर बुलडोजर चला दिया।
हो रही तीखी प्रतिक्रिया
उक्त मामले की तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। नगर के पत्रकार अशोक कोचेटा ने कहा कि शिवपुरी में अतिक्रमण के नाम पर गरीब वर्ग के प्रति क्रूरता बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। वह महिला जो कुछ भी कह रही है उसका एक एक शब्द सत्य है। जिसे हम नारी शक्ति कहते हैं उस नारी शक्ति की प्रतीक है वह महिला। जो सुबह से ही अपने आपको तपाकर गरीब वर्ग को बहुत सस्ता और स्वादिष्ट भोजन रात ग्यारह बजे तक उपलब्ध करा रही है बल्कि अपने बीमार और मरणासन्न पति का इलाज ही नही अपने बच्चों का पेट ही पाल रही हैं। ऐसी महिलाएं सम्मान की हकदार है और इनकी कर्मठता और जुजारूपन से प्रेरणा लेने की जरूरत है।इनका मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके स्थान पर इन्हें प्रताड़ित करना। घिन्न आती है प्रशासन की ऐसी कथित असंवेदनशीलता पर। पहले इन्हें जिला अस्पताल के सामने से बेदखल किया गया। अब तात्याटोपे स्टेचू के पास स्थित फुटपाथ से भी इनका आशियाना उजाड़ दिया है। सही मायनों में वह 26 जनवरी और 15 अगस्त पर सम्मान की हकदार है। पूरे परिवार का बोझ उसने अपने कंधों पर उठा रखा है। किसी की मोहताज नही है वह।ईमानदारी और कर्मठता की मिसाल है वह लेकिन यह कलियुग है जहां हंस दाना चुगता है और कोए मोती खाते हैं।
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यही बात परवेज खान पत्रकार ने कही। उन्हीने कहा की इंदौर में जिस तरह स्वच्छता के नाम पर गरीब बर्द्धजनो को कचरा गाड़ी से शहर के बाहर फेका गया था उसी तरह ही बीते रोज एसडीएम ,नपा एवं ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में एक बर्द्ध के आजीविका पर बुलडोजर चलाकर उसे वहां से हटा दिया गया। बर्द्ध महिला रोती बिलखती रही अधिकारियों के पैर पकड़ती रही पर उसकी गुहार इन अधिकारियों के कठोरता के आगे दम तोड़ गयी। जिस शासन प्रशासन को इस बर्द्ध महिला का सम्मान करना चाहिए था जो इस उम्र में भी किसी के आगे हाथ न फैलाते हुए अपनी मेहनत से दो वक्त की रोटी कमाकर अपना ओर अपने बीमार पति का भरण पोषण कर रही है उसे प्रशासन शहर की स्वच्छता पर दाग ओर अतिक्रमणकारी मानकर उससे उसके जीवन यापन का साधन तक छीन लिया है।

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