शिवपुरी। जिले में आर्म्स लेना अब सहज नहीं होगा। स्टेटस सिंबल के लिये लाइसेंस अब उन्हें ही मिल सकेंगे जो जिले की किसी भी एक आंगनबाड़ी को गोद लेंगे या फिर उस आंगनबाड़ी के लिये स्वेक्षा से दान करेंगे। इतना ही नहीं जिले में अब जरुरतमन्द लोगों को ही आर्म्स के लाइसेंस मिल सकेंगे। कलक्टर अक्षय कुमार सिंह ने आर्म्स का यह नया फार्मूला तैयार कर लिया है और प्लान पर कुछ हद तक अमल भी शुरू हो गया है।
पहले कलक्टर परखेंगे आवश्यकता कितनी, नहीं तो फार्म निरस्त
अब आवश्यकता के अनुरूप ही लाइसेंस बनाने की रणनीति है। यानि जिसे हथियार की वास्तव में जरूरत होगी उसका ही लाइसेंस बनेगा। इसलिये तरीका भी बदल रहा है। अब कलक्टर स्थित का मूल्यांकन करने के बाद यदि स्वीकृति देंगे तब ही आगे की कार्रवाई के लिए फ़ाइल चलेगी। जिसमे पुलिस, वन की एनओसी से लेकर एसडीएम, रेवेन्यू जैसी एनओसी शामिल हैं।
पुनर्विचार भी होगा
कलक्टर ने कहा कि वास्तविक हकदार के फार्म का चयन किया जाएगा। बाकी निरस्त होंगे लेकिन कोई वास्तविक जरुरतमन्द होगा तो उस पर पुर्नविचार भी किया जा सकेगा।
फंड पर ही आश्रित आंगनबाड़ी
जिले की आंगनबाड़ी सरकारी अल्प मात्र फंड से संचालित होती है। सरकार की मंशा है कि इसमें सामाजिक भागीदारी तय की जाए इसलिए कलक्टर अक्षय कुमार ने तय किया कि आर्म्स के इक्षुक व्यक्ति जिन्हें स्टेटस सिंबल के लिए हथियार लेना होगा वे आंगनबाड़ी के लिये डोनेशन देंगे तभी उनके हथियार के लाइसेंस बनने का रास्ता साफ होगा।

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