शिवपुरी। पोहरी रोड पर पंचमुखी हनुमान मंदिर के सामने अमृत विहार कालौनी मै माता मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में दूसरे दिन बाल योगी वासुदेव नंदिनी भार्गव ने बताया कि अनीति का प्रभाव या हौआ चाहे जितना ही बढ़ जाए पर अंत में प्रभावकारी तो नीति ही होती है। ऐसा कौन सा अन्याय था जो दुर्योधन ने पांडवों पर नहीं किया किंतु विजय श्री ने वरण पांडवों का ही किया क्योंकि वे नीति युक्त थे। गीता जी में भगवान ने यही तो कहा कि सब कुछ छोड़ कर एकमात्र मेरी शरण में आ जाओ। जिस पक्ष में भगवान होते हैं विजय सदैव उसी की होती है इसलिए जीवन में अनीति के झूठे क्षणिक प्रभाव में नहीं भटकना चाहिए क्योंकि जीत केवल नीति से ही संभव है। .द्वापर में तो केवल एक शकुनि था लेकिन आज तो कलयुग में गली-गली में शकुनि है इसलिए सावधान रहना चाहिए।

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