शिवपुरी। जिस नगर में सालों से लोग बूंद बूंद पानी के लिये परेशान है उस नगर में हजारों गेलन पानी की बर्वादी कई घण्टों तक होती रही और मड़ीखेड़ा योजना के जिमेदारो ने सुध नहीं ली। नगर के सोनचिरैया होटल इलाके में रविवार की शाम लाइन फुट गई थी। तेजी से पानी बाहर निकलने लगा। देखते ही देखते पूरे इलाके में पानी भर गया। जिसकी जानकारी मिलते ही हमने मामा का धमाका डॉट कॉम पर खबर ब्रेक की। सैकड़ों लोग इस खबर पर नपा को कोसते नजर आए। जिसे दुनिया ने फेसबुक, वाट्सएप पर देखा लेकिन मड़ीखेड़ा योजना के नाम पर हजारों वेतन ले रही नपा की फ़ौज और इंजीनियर को यह बर्वाद होता पानी रात 10 बजे तक नजर नहीं आया।
जमीन से 10 फीट की ऊंचाई तक पानी की तेज धार के साथ अमूल्य जल की बर्वादी होती रही। मड़ीखेड़ा योजना का यह बुरा हाल तब हुआ जब नपा के प्रशासक कलक्टर अक्षय सिंह और सीएमओ गोविंद भार्गव हैं जिन दोनों से ही लोगों को उम्मीदें हैं। रही बात मड़ीखेड़ा योजना के प्रभारी इंजीनियर सचिन चौहान की तो वे तबादले के बाद अधूरे मन से योजना का काम देख रहे हैं। बता दें कि फरवरी गुजर रही है और मार्च आते ही पानी का संग्राम शुरू हो जाएगा। लोग पानी की खाली कटियाँ लेकर रात दिन भटकते नजर आएंगे। ऐसे में समय रहते अगर मड़ीखेड़ा का काम ढंग से पूरा न हुआ तो भगवान ही मालिक जान पड़ता है।
जमीन से 10 फीट की ऊंचाई तक पानी की तेज धार के साथ अमूल्य जल की बर्वादी होती रही। मड़ीखेड़ा योजना का यह बुरा हाल तब हुआ जब नपा के प्रशासक कलक्टर अक्षय सिंह और सीएमओ गोविंद भार्गव हैं जिन दोनों से ही लोगों को उम्मीदें हैं। रही बात मड़ीखेड़ा योजना के प्रभारी इंजीनियर सचिन चौहान की तो वे तबादले के बाद अधूरे मन से योजना का काम देख रहे हैं। बता दें कि फरवरी गुजर रही है और मार्च आते ही पानी का संग्राम शुरू हो जाएगा। लोग पानी की खाली कटियाँ लेकर रात दिन भटकते नजर आएंगे। ऐसे में समय रहते अगर मड़ीखेड़ा का काम ढंग से पूरा न हुआ तो भगवान ही मालिक जान पड़ता है।
बिजली की डीपी तक पहुंचा पानी, हुआ फाल्ट
जिस जगह पानी की ऊंची लहर उठ रही थी वहां पास में मौजूद डीपी तक पानी जा पहुंचा। जिससे न सिर्फ तारों में आग लगकर फाल्ट हुआ बल्कि करंट का खतरा भी बना रहा। लोगों ने नपा के अधिकारी को फोन भी लगाए पर कोई पानी बन्द कराने नहीं पहुंचा।
इस इलाके में चल रहा काम
बता दें कि नगर के सोनचिरैया होटल इलाके में मड़ीखेड़ा का काम चल रहा है। नए सिरे से लाइन बिछाई जा रही है। लेकिन टेस्टिंग किये बगैर लाइन से सीधे पानी छोड़कर हजारों लीटर पानी बर्वाद करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई की दरकार है। मंत्री सिंधिया के प्रयास से आया पानी सहेजो तो सही
बता दें कि मड़ीखेड़ा पेयजल परियोजना शायद कभी पूरी नहीं होती अगर मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया जिद पर न अड़ी होती। उन्होंने डेम पर रात को रुकने से लेकर लगातार दौरे किये। भोपाल से फंड लाने से लेकर ईएनसी के दौरे करवाये तब जाकर योजना पूरी हो सकी। पूर्व कलक्टर ओपी श्रीवास्तव के प्रयास भी योजना को लेकर कभी भुलाए न जा सकेंगे। खेर अब जबकि पानी आ रहा है ऐसे में उस योजना को तरीके से पूरा करना बेहद जरुरी है।
कनेक्शन तक नहीं हुए
नगर के अनेक इलाको में मड़ीखेड़ा पहुँच तो चुकी लेकिन कनेक्शन नहीं हो सके। जिससे योजना की सार्थकता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

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