भोपाल। मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने आज 1 फरवरी 2021 को जारी अनुकम्पा नियुक्ति के सबन्ध में एक पत्र जारी किया है। कलक्टर, संभागीय संयुक्त संचालक एवम जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी आदेश पत्र में तीन बिंदु तय करते हुए अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की बात कही है। विभाग की ओर से उप सचिव पीके सिंह स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन की तरफ से जारी पत्र में उलेख किया है कि 'विभाग के अधीन अनेक अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरण लंवित हैं। निराकरण न होने से कई न्यायालय में विचाराधीन हैं। जबकि कुछ की अवमानना प्रचलन में है।
वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शेक्षणिक संवर्ग) सेवा शर्त एवम भर्ती नियम 30 जुलाई 2018 दिनांक 1.7.2018 से प्रभावशील है। उक्त नियम की अनुसूची - 3 के कॉलम क्रमांक - 5 में शेक्षणिक अहर्ता एवम कॉलम 6 में निर्धारित प्रतिशत के साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा उतीर्ण होने का प्रावधान है। तत्सम्बन्ध में विभाग में लंवित अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों में जिन आवेदकों द्वारा आरटीई अधनियम 2009 के प्रावधान अनुसार निम्न में से कोई भी पात्रता परीक्षा उतीर्ण की हो जिसमें यह 3 बिंदु शामिल हैं।
1- केंद्र सरकार द्वारा आयोजित सीटीईटी।
2- अन्य राज्यों द्वारा आयोजित शिक्षा पात्रता परीक्षा।
3- मध्यप्रदेश राज्य द्वारा वर्ष 2011- 12 में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा।
यानि
1. उपरोक्तानुसार पात्रता परीक्षा उतीर्ण करने वाले आवेदकों के प्रकरण में पात्रता परीक्षा वैद्यता अवधि को संज्ञान में लिए बगैर केवल अनुकम्पा नियुक्ति के लिए विचार किया जा सकेगा।
2. विभाग के प्रचलित भर्ती नियमों में निर्धारित शेक्षणिक योग्यता रखने वाले अध्यापक संवर्ग एवम नियमित शासकीय शिक्षक संवर्गीय दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को प्रयोगशाला शिक्षक के रिक्त पदों पर उक्त नियमों के प्रकाश में निर्धारित शेक्षणिक योग्यता धारित होने पर अनुकम्पा नियुक्ति दी जा सकेगी।
3. सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन दिनांक 29.9.2014 की कंडिका 6.3 में भर्ती नियमों के प्रावधानित चयन प्रक्रिया की शर्त से छूट दी गई है। विभागीय भर्ती नियम 2018 की अनुसूची - 3 में उल्लेखित प्रयोगशाला शिक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु अहर्ता में पात्रता परीक्षा का उल्लेख नहीं है। अतः केवल प्रयोगशाला शिक्षक के रिक्त पद पर अनुकम्पा नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा द्वारा चयन की शर्त को शिथिल किया जाता है। माना जा रहा है कि विभाग की यह नई कवायद कारगर साबित हो सकती है।

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