शिवपुरी। महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च 2021 को गुरुवार के दिन मनाया जाएगा और इसी दिन व्रत भी रखा जाएगा। पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि इस दिन शिव और शक्ति के मिलन का दिन है, यानि शिव पार्वती विवाह इसी दिन हुआ था। इस बार की शिवरात्रि और भी खास मानी जा रही है, क्योंकि इसी दिन हरिद्वार कुंभ में प्रथम शाही स्नान किया जाएगा।
🌹बेहद शुभ योग में है इस बार शिवरात्रि
इस साल शिवरात्रि का त्योहार बेहद खास योग में मनाया जा रहा है। इस दिन शिव योग लगा रहेगा और साथ ही नक्षत्र घनिष्ठा रहेगा और चंद्रमा मकर राशि में रहेगा। इसलिए इस बार की महाशिवरात्रि बेहद खास मानी जा रही है। इस साल शिवरात्रि की पूजा संपूर्ण विधि विधान के साथ करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
🌹महाशिवरात्रि पूजन विधि
1- शिवरात्रि के दिन प्रदोष काल में या आधी रात के समय स्नान करने के बाद पारद शिवलिंग या स्फटिक शिवलिंग की स्थापना करें, यदि आपके पास गंगाजल नहीं है तो शुद्ध जल में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से भगवान शिव को स्नान कराएं।
इसके बाद भगवान शिव को चंदन लगाकर फूल, बिल्वपत्र चढ़ाएं। इसके बाद धूप, दीप से भगवान शिव की पूजा करें, इसके बाद शिवलिंग के सामने बैठकर नीचे दिए गए मंत्रों में से किसी एक मंत्र की एक माला जाप करें।
🌹ओम नमः शिवाय
🌹ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रूद्र प्रचोदयात।
🌹ॐ त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव बंधनात मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
शिवरात्रि का महत्व...
शिवरात्रि के दिन पूरा दिन व्रत करके श्रद्धा पूर्वक भोलेनाथ की पूजा अर्चना करनी चाहिए, ऐसा करने से मनुष्य को भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और उसके जन्म जन्मांतर के पाप दूर हो जाते हैं। शिवरात्रि का व्रत करने से मनुष्य इस लोक में सुख पूर्वक रहकर अंत में शिवलोक को प्राप्त होता है।
यदि आप सम्पूर्ण व्रत करने में असमर्थ हैं तो शिवरात्रि के दिन पूरा दिन व्रत करने के बाद शाम के समय भगवान शिव की पूजा अर्चना करके अपना व्रत खोल सकते हैं। श्रद्धा पूर्वक व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, शिवरात्रि के दिन पूरी रात जागरण करके भगवान शिव की भक्ति करने से मनुष्य के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
शिवरात्रि से जुडी खास बाते
महाशिवरात्रि की रात महा सिद्धिदात्री मानी जाती है, इस समय किए गए दान, शिवलिंग की पूजा और स्थापना का बहुत महत्व होता है। शिवरात्रि की रात में आप स्फटिक या पारद शिवलिंग को अपने घर या व्यवसाय स्थल पर स्थापित कर सकते हैं। शास्त्रों में पारद शिवलिंग को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। पारद का भोलेनाथ से सीधा संबंध होने की वजह से यह बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, यदि आप श्रद्धा पूर्वक पारद शिवलिंग का दर्शन करते हैं तो इससे आपको अतुल्य पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। गृहस्थ लोगों के लिए पारद के साथ-साथ स्फटिक शिवलिंग की पूजा और स्थापना भी बहुत अच्छी मानी जाती है, स्फटिक शिवलिंग की पूजा, अभिषेक और दर्शन करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है और आपका स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है। शिवरात्रि में रात्रि जागरण का सीधा अर्थ यह है कि जब संपूर्ण जगत अचेतन होकर निद्रा में लीन हो जाता है तब सयंमी लोग जिन्होंने उपवास द्वारा अपने इंद्रियों पर विजय प्राप्त की है जाग कर अपने सभी कार्यों को पूर्ण करते हैं। जब लोग रात के समय जागकर अपनी लक्ष्य सिद्धि के लिए प्रयास करते हैं तब शिव की उपासना करने के लिए सबसे उचित समय होता है। इसके अलावा रात्रि प्रिय शिव से मिलने के लिए यह अवसर श्रेष्ठ रहता है, वास्तविकता यह है कि शिवरात्रि के अवसर पर अगर आप सच्चे मन से शिव व्रत करते हैं तो यह उपवास और जागरण अपने आप ही पूर्ण हो जाता है।

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