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'कलक्टर साहब' 'पानी की कमी नहीं' 'व्यवस्था फेल', '400 पम्प अटेंडरों' की 'एकसाथ हाजरी' तो 'ले लीजिये जरा'

बुधवार, 17 मार्च 2021

/ by Vipin Shukla Mama
"देखिये कैसे बर्वाद हो रहा मड़ीखेड़ा का बेशकीमती जल"
शिवपुरी। सड़क पर कट्टी लेकर चलते लोग, ऑटो में सवारी की जगह कटियाँ, हाथ ठेले पर बोरी या फल की जगह कटियाँ, यह नजारे उस प्यासी शिवपुरी में नजर आने लगे हैं जहां लोगों की प्यास बुझाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 58 करोड़ की मड़ीखेड़ा पेयजल परियोजना लेकर आये थे। लागत बढ़ती गई 114 करोड़ जा पहुंची तब भी योजना अटकी तो मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने डेम पर नाईट स्टे किये। लगातार टाइम लाइन दी तब तत्कालीन कलक्टर ओपी श्रीवास्तव के समय मड़ीखेड़ा जैसे तैसे पूरी हुई। जल शिवपुरी तक आ गया। अब भले ही टिकरी, पैबंद वाली मेन लाइन बार बार फूट जाती है लेकिन पानी नगर में आ तो रहा है। लेकिन इस पानी की व्यवस्था देखने की फुर्सत किसी के पास नहीं। 400 पम्प अटेंडर नपा की फ़ौज मे नगर के पेयजल वितरण के जिमेदार है लेकिन न तो नगर के नलकूप की सप्लाई व्यवस्थित हो पा रही और न ही मड़ीखेड़ा का पानी ही व्यवस्थित वितरित किया जा रहा। क्योंकि इन 400 पम्प अटेंडर में से आधे ट्रकों पर चलते हैं तो कोई कहीं अन्य जगह नोकरी कर रहा है और वेतन नपा दे रही है। इतना ही नहीं मड़ीखेड़ा के लिये नपा से बड़ा अमला वेतन ले रहा है फिर भी पानी की कमी का रोना अधिकारी रोते नजर आ रहे हैं। कलक्टर साहब पानी पर्याप्त है लेकिन व्यवस्था फेल पड़ी है। यही कारण है कि पानी होते हुए भी लोग बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं। 
ये देखिये वार्ड क्रमांक 36 करौंदी कॉलोनी में जगह-जगह पर मड़ीखेड़ा पाइपलाइन टूट रही है। जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे। बार-बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारी इस समस्या का निदान नहीं करते हैं नतीजे में हजारों लीटर पानी व्यर्थ फैल रहा है। श्याम परिहार कहते हैं कि दोषियों पर कार्यवाही की जाए। खुद देखिये किस तरह हो रही बर्वादी।

यही हाल उन तमाम जगह का है जहां मड़ीखेड़ा दस्तक दे चुकी है।

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