शिवपुरी। बचपन न समझ होता है। वह भी डेढ़ साल की उम्र हो तो आप समझ सकते हैं कि कोई गड़बड़ हो तो क्या हो। ऐसा ही एक मामला आज नजर में आया जब केटरिंग व्यवसायी मनोज खण्डेलवाल का डेढ़ साल का बेटा घर पर खेल रहा था। अचानक उसे ठसका लगा और जोर से रोने लगा। परिजन कुछ समझ नहीं पाए और घबराकर अस्पताल लेकर भागे। यहां मेडिकल कॉलेज की ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर मेघा प्रभाकर ने जब बच्चे के एक्सरे सहित सीटी स्कैन कराए तो गले में कुछ फसा हुआ नजर आया। इस पर उन्होंने बच्चे को ओटी में लिया और उपचार किया तो गले में एक लोहे का वायशर निकला। जिसे उन्होंने सकुशल निकाल दिया। परिजनों ने तब राहत की सांस ली और डॉक्टर मेघा प्रभाकर से कहा डॉक्टर जी शुक्रिया। देखिये गले में फंसे वायशर को।

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