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बैंकों में झूले ताले, भटके ग्राहक, एटीएम भी हुए खाली, यूनियनों ने किया प्रदर्शन

सोमवार, 15 मार्च 2021

/ by Vipin Shukla Mama
- अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है, लगे नारे
शिवपुरी। UFBU जिन्दाबाद जिन्दाबाद जिन्दाबाद के नारे के साथ जिले सहित
देश के 10 लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों की देशव्यापी हड़ताल -15 और 16 मार्च 2021 को शुरू हो गई। बैंकों में ताले झूलते नजर आए। ग्राहक भटकते रहे। यह हड़ताल सरकार की जनविरोधी बैंकिंग एवं आर्थिक नीतियों एवं सार्वजानिक क्षेत्र की बैंकों के निजीकरण और उनमें विनिवेश के सरकार के फैसलों के विरोध में और आम जनता, किसानों, लघु बचतकर्ताओं, पेंशनभोगियों, छोटे एवं मध्यम आकार के उद्यमियों, व्यापारियों, स्वरोजगारियो, विद्यार्थियों, महिलाओं, पिछड़े वर्ग, बेरोजगारों और कर्मचारियों के रूप में देश की 95 % जनता के हितों की रक्षा के लिए है। 
 क्योंकि बैंक निजीकरण का मतलब है 
 • ग्रामीण शाखाओं का बंद होना और बैंकों का अधिक शहर उन्मुखीकरण 
• सार्वजनिक बचत के लिए अधिक जोखिम, लघु बचत योजनाओं पर ब्याज में कमी और सेवानिवृत, वरिष्ठ नागरिकों, पेंशनभोगियों की आय में कमी, उनके जीवन यापन में कठिनाई कृषि ऋणों में कमी, सीमान्त और छोटे किसानों भारतवर्ष को  सरकारी बैंकों द्वारा कृषि कार्य से बेदखली
 • छोटे एवं मध्यम आकार के उद्योगों व व्यापारियों को कम ऋण एवं ऋण लेने में कठिनाई।
• विद्यार्थियों को शिक्षा ऋणों में कमी एवं कठिनाई बुनियादी ढांचे एवं जनोन्मुखी विकास के लिए ऋणों में कमी , जन सेवाओं का निजीकरण।
 • कॉरिट्स एवं बड़े घरानों को सस्ता एवं अधिक ऋण।
• बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के कम अवसर।
 • स्थायी नौकरियों पर हमले, अनुबंध - नौकरियां ( नौकरियों पर ठेकेदारों का कब्ज़ा , लूट ) 
• ग्राहकों के लिए अधिक सेवा शुल्क 
• जनता की बचत पूँजी पर बड़े कॉर्पोरेट घरानों का कब्जा और उसकी अपने मुनाफे के लिए मनमानी लूट।
आपसे अनुरोध है कि इससे सम्बंधित तथ्यों को समझें और इस आंदोलन को अपना संघर्ष बनाकर संघर्षरत बैंक अधिकारियों,  कर्मचारियों का साथ दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की रक्षा कीजिए -भारत सरकार से प्रस्तावित सरकारी निजीकरण के विरोध में 2 दिन की हड़ताल का आयोजन किया गया। जिस तरह से भारत सरकार द्वारा आम  बजट में 2 सरकारी बैंक एवं 1 बीमा कंपनी के निजिकरण का प्रस्ताव लाया गया। यह कदम देश के लिए बहुत हानिकारक है। निजीकरण से देश की पूंजी उद्योगपतियो के पास जाएगी अगर देश की पूंजी उद्योगपतियो के पास जायेगी तो वह अपनी मनमानी तरीके से आम जनता की जेब पर भारी पड़ेगी।
सरकारी बैंकों द्वारा पीएम स्वनिधि के  4,76,966  लोन मंजूरी दी गई जबकि प्राइवेट बैंक द्वारा 2187 लोन को मंजूरी दी है। सरकारी बैंक हमें सरकार और आम जनता के काम आती है आज इस हड़ताल में शिवपुरी जिले के 12 सरकारी बैंक के कर्मचारियों के भाग लिया और हड़ताल में कॉम. श्री संजय वर्मा (UFBU कन्वेनर और एसबीआई अवार्ड employees यूनियन  DSH इंचार्ज shivpuri) कॉम.श्री संतोष शर्मा ( एसबीआई रीजनल सेक्रेटरी आरबीओ 2 एसबीआई ऑफिसर एसोसिएशन) कॉम. तृष्णा नरवरिया, कॉम. ऋचा अग्रवाल, कॉम.श्री प्रवीन पॉल , कॉम . राजकुमार बैरागी ,कॉम. परितोष पाठक ,कॉम. लकी जैन ,कॉम . नंदलाल शर्मा ,कॉम. अभिषेक जैन, कॉम. भूपेश ,कॉम. सोनम गुप्ता  ( एसबीआई बैंक) कॉम.चंचल जैन, सतीश माहौर , कॉम. अंकेश जैन , कॉम. विनोद ( सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया) कॉम. निधि गुप्ता, अशोक कुशवाहा,कॉम. नीरज कुमार ( पंजाब नेशनल बैंक ) कॉम. सौरभ सक्सेना  , कॉम. सोनू चौधरी कॉम. राहुल अग्रवाल कॉम. भारत धाकड़ , कॉम. जेपी मीना  कॉम. मुनेंद्र सिंह  ( बैंक ऑफ इंडिया ) आदि तमाम बैंक कर्मचारियों ने भाग लिया।
बैंक बचाओ देश बचाओ देश की रक्षा कीजिए - अपने राष्ट्रधर्म का पालन कीजिये।
 यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ( एआईबीईए एआइबीओसी - एनसीबीई - एआइबीओए - बेफी - इनबेफ - इनबोक - एनओबीडब्ल्यू - नोबो )
UFBU जिन्दाबाद जिन्दाबाद जिन्दाबाद

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