डीआईजी शुक्ला, जिला संगठक डॉ एसएस खण्डेलवाल, खेमरिया सहित तोमर व शुक्ला ने किया संबोधित
- बोले शिविर से हमें एक दूसरे से जुड़ने का मौका मिलता है, आत्मनिर्भर बनने का माध्यम भी हैं शिविर
- शिक्षा से अधिक सीखना जरूरी
- सपत्नीक कार्यक्रम में शामिल हुए डीआईजी और खेमरिया
शिवपुरी। नगर के ख्यातिनाम बाल शिक्षा निकेतन हायर सेकंडरी स्कूल के बैनरतले भारतीय विद्यालय केम्पस में आयोजित रासेयो के 7 दिवसीय राज्य स्तरीय शिविर का आज समापन हो गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईटीबीपी के डीआईजी राजीव लोचन शुक्ला थे। एक समय रासेयो से जुड़ी रहीं उनकी पत्नी भी उनके साथ मौजूद थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता रासेयो के जिला संगठक डॉ एसएस खण्डेलवाल ने की अन्य अतिथि बीआरसी अंगद सिंह तोमर, जानेमाने लेखक अजय खेमरिया और उनकी पत्नी गुंजन खेमरिया, मामा का धमाका डॉट कॉम के एडिटर इन चीफ विपिन शुक्ला मामा, इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष कुसुम ओझा, दीप्ति त्रवेदी, रोटरी क्लब के अध्यक्ष अमिताभ त्रवेदी सहित बाल शिक्षा निकेतन स्कूल की संचालक बिंदु छिब्बर, प्राचार्य पवन उपाध्याय, सौरभ भार्गव, पत्रकार मयंक अरोरा, सुनील कुशवाह सहित स्टाफ मौजूद रहा।
डीआईजी शुक्ला ने कहा कि इस तरह के शिविर हमें जीवन जीने की कला सिखाते हैं। कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता। हम जीवन में शिविर के माध्यम से बहुत कुछ सीख सकते हैं यह जीवन बनाने के माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि सीखने और कर गुजरने के जज्बे से हम जीवन में जो भी चाहे हासिल कर सकते हैं। उन्होंने पीएम मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि चाय बेचने वाला एक दिन देश का पीएम बन सकता है तो वह लगन परिश्रम का ही परिणाम है। उनकी धर्मपत्नी ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि कॉलेज में वे रासेयो से जुडी रहीं। उन्हें यहां आकर बेहतर लग रहा है।
जाने माने लेखक अजय खेमरिया ने रविन्द्र नाथ टैगोर के उदाहरण के साथ जीवन में सीखने के महत्व पर गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अंतिम समय में टैगोर ने कहा था कि सीख हासिल करने के लिए संसार में उनकी बाल्टी छोटी पड़ गई। अजय ने कहा कि शिक्षा से अधिक सीखने की ललक होना जरुरी है। इसके बूते हम हर मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं।
रासेयो जिला संगठक डॉ एसएस खण्डेलवाल, ने कहा कि जीवन में हमें अपने काम खुद करने की शिक्षा रासेयो के शिविर से मिलती है। यह शिविर अलग अलग स्तर पर लगते हैं जिनसे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं।
बीआरसी अंगद सिंह ने कहा कि संस्कारों के साथ शिक्षा कारगर है इसलिये हमें शिक्षा के साथ संस्कारो को कभी नहीं भूलना चाहिये। प्रेरक उदबोधन के माध्यम से उन्होंने रासेयो के शिविरार्थियो को समझाया।
पत्रकार विपिन शुक्ला ने कहा कि शिक्षा के साथ सीखना जरूर चाहिये। भूल से डरना नहीं बल्कि निरन्तर प्रयास करते रहना चाहिये। इससे एक दिन सफलता जरूर मिलती है।
स्कूल की संचालक बिंदु छिब्बर ने कार्यक्रम के अंत मे सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा की बच्चो के बीच आकर अतिथियों से सभी को तरह तरह के प्रेरणादायक उदबोधन सुनने मिले इससे उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
क्या क्या हुआ बताया पाल ने
शिविर के आरम्भ से लेकर प्रत्येक दिवस के अलग अलग कार्यक्रम की रुपरेखा रासेयो प्रभारी दिनेश पाल ने प्रस्तुत की। सौरभ भार्गव शिविर के केंद्र बिंदु रहे। मंच संचालन स्वयं सेविका लायबा खान एवं प्रज्ञा मिश्रा ने किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की दी प्रस्तुति
कार्यक्रम के दौरान स्कूल की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। जबकि कोरोना से बचाव के लिए नाटक भी सराहनीय रहा।
इस तरह गुजरे 7 दिन
शिविर के पूर्व दिवसों में मंदिरों पर मास्क वितरण सामाजिक दूरी हेतु जागरूकता एवं लोकल वेंडर्स को पॉलिथीन बैन हेतु समझाइश साथ ही कपड़े के थैलों का वितरण चाइल्डलाइन द्वारा बाल श्रम और बाल अधिकार के बारे में बताया एव यातायात नियमों के बारे सूबेदार नीतू अवस्थी ने जानकारी दे शिविरार्थी द्वारा गोद ग्राम करौंदी में जागरूकता रैली एव DTD का छिड़काव भी किया गया
अंत में ड्रॉइंग विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

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