Responsive Ad Slot

Latest

बेक फुट पर आये एडीएम शुक्ला, अब अपने ही बयान से फिर उलझे, मामला ग्राम कट्टोली सरपंच को एफआईआर कराने की धमकी देने का

गुरुवार, 4 मार्च 2021

/ by Vipin Shukla Mama
       (अजय दण्डौतिया की रिपोर्ट)
मुरैना। विगत दिवस खाद्यान्न न मिलने की शिकायत लेकर ग्राम कट्टोली के ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। ग्रामीणों की समस्याओं को बताने के लिये उनके साथ सरपंच भी आए थे। लेकिन जब सरपंच द्वारा आवेदन देने की प्रक्रिया की जा रही थी तभी एडीएम उन पर भडक गए थे और उन्हें सीधे तौर पर नाम नोट कराने के साथ एफआईआर कराने की धमकी भी दे डाली थी। बावजूद इसके सरपंच शांत खड़े दिखे और एक सभ्य नागरिक का परिचय देते हुए एडीएम के समक्ष अपनी बात कहते रहे और जनता की समस्याओं को सुलझाने का आग्रह लगातार एडीएम उमेश शुक्ला से कर रहे थे। लेकिन एडीएम शुक्ला अपने पद के गुमान में इतने चूर दिखे कि उन्होंने सरपंच को वहां से जाने के लिए कह दिया और कहा कि अगर नेता बनोगे तो नाम नोट कराकर एफआईआर करवा दूंगा। जब इस पूरे मामले का वीडियो वायरल हो गया तो एडीएम उमेश शुक्ला द्वारा अपनी सफाई पेश करते हुए एक प्रेसनोट जारी किया गया है। लेकिन इस बयान के बाद वे नए सवालों से घिरते दिखाई दे रहे हैं।  आईये जानते हैं एडीएम द्वारा जारी प्रेसनोट में कही बात और असल में मौके पर घटी घटना- उन्होंने लिखा है कि बिना पूर्व सूचना एवं अनुमति के लगभग 30-35 महिलाओं व 60-70 पुरूषों को बैनर झण्डा सहित एकत्रित कर कलेक्ट्रेट पर तैनात जवानों द्वारा रोके जाने पर उनको धमकाकर सरपंच अन्दर चले आए।
मौके पर सच्चाई - हां यह सच है कि उक्त मामले में आवेदन देने के लिये पूर्व से सूचना नहीं ली गई थी और ग्रामीणों के पास सोसायटी प्रबंधन के नाम का एक बैनर भी था। लेकिन यह बिल्कुल भी सच नहीं है कि कलेक्ट्रेट में तैनात जवानों को धमकाकर ग्रामीण व सरपंच अंदर गए क्योंकि मौजूद वीडियो में यह साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ग्रामीण किसी भी गार्ड को ना धमकाते हुए सीधे कलेक्ट्रेट में बिना कोई जोर जबरजस्ती किए अंदर आ रहे हैं। देखिये वीडियो। 

प्रेसनोट में लिखा है- जिला प्रशासन एवं माननीय मुख्यमंत्री के विरूद्ध नारेबाजी करने लगे।
सच्चाई - हां यह सच है कि खाद्यान्न की समस्या को लेकर ग्रामीणों द्वारा नारेबाजी की गई थी लेकिन वह नारेबाजी केवल सोसायटी प्रबंधक और सेकेट्री के विरूद्ध की गई थी जो वीडियो में देखी सुनी जा सकती है। मौके पर ग्रामीणों द्वारा ना तो जिला प्रशासन और ना ही मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई नारेबाजी की। ग्रामीणों पर मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी का आरोप लगाना बडा सवाल पैदा कर रहा है। देखिये वीडियो। 

यह भी लिखा है कि - एडीएम मुरैना द्वारा बाहर आकर उन्हें समझाइश दी गई कि कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण हेतु भीड एकत्रित नहीं करना है। सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना अनिवार्य है।
मौके की सच्चाई - जैसे ही एडीएम मुरैना बाहर आये तो उन्होंने कोरोना वायरस से संबंधित किसी भी तरह की कोई समझाइश नहीं दी बल्कि आते ही वह कहने लगे कि तुम्हारा नेता कौन है...? नाम नोट करो...? जनता क्या होती है...? जो ग्रामीण आवेदन देने आये थे उन सभी ने मास्क पहना हुआ था।
प्रेस नोट में यह भी लिखा - सरपंच ने अकड में एडीएम को बोला कि ग्रामीणों को खाद्यान्न नहीं मिल रहा है, यह जनता है, इसके लिए कोई नियम कानून नहीं है। हम ज्ञापन देने आए हैं और अभी तत्काल सोसायटी प्रबंधक पर कार्यवाही करें नहीं तो यह जनता है कुछ भी कर सकता है।
मौके की सच्चाई - एडीएम शुक्ला द्वारा जब एडीएम द्वारा सरपंच को धमकी भरे अंदाज में कहा जा रहा था कि नाम नोट करके एफआईआर करवा दूंगा उसके जबाव में सरपंच ने बडे ही सभ्य और धीमी आवाज में कहा था कि साहव ग्रामीणों को खाद्यान्न नहीं मिल रहा। इस पर जब एडीएम ने सरपंच से पूछा कि तुम कौन हो तो सरपंच ने कहा कि मैं सरपंच हूं और जनता के साथ आया हूं तभी एडीएम द्वारा बोला गया कि जनता क्या होती है ज्यादा नेता मत बनो। सरपंच द्वारा सोसायटी प्रबंधक के खिलाफ तत्काल कार्यवाही किये जाने की बात नहीं कही गई थी। कुलमिलाकर एडीएम ने कई और बाते प्रेस नोट में लिखी हैं लेकिन वे भी मौके पर घटी स्थिति को झुठला रही हैं। देखना होगा कि यह मामला आगे क्या रंग लाता है। अपन तो यही कहँगे दर्पण यानि वीडियो झूठ न बोले। देखिये वीडियो। 


कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129