राजा नल की नगरी नरवर में जानकी सेना संगठन का 344 वा भव्य संगीतमय सुंदरकांड संपन्न
151 पुरुष और 6 महिला नवीन सदस्यों ने लिया धर्म प्रसार और समाज सेवा का संकल्प
शिवपुरी। तन मन से सुंदर बनों सतोगुणी हों ठाट,, ऐसे सुंदरकांड पर बलिहारी सौ पाठ इन दो पंक्तियों में सुंदरकांड पाठ का महत्व छुपा हुआ है शास्त्र संगत मत यह भी है कि जो व्यक्ति सुंदरकांड का नियमित पाठ करता है उसे जीवन में किसी भी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। ऐसे ही प्रत्येक शनिवार को सुंदरकांड पाठ के माध्यम से समाज में धर्म के प्रति लोगों को जागृत करने का कार्य मां जानकी सेना संगठन कर रहा है। पिछले लगभग 7 वर्षों से जारी सुंदरकांड पाठ के क्रम में इस बार 344 बा संगीतमय सुंदरकांड पाठ का आयोजन राजा नल और लोढ़ी माता की नगरी नरवर में किया गया। कार्यक्रम की खास बात यह रही कि जानकी सेना संगठन मैं यहां पर 151 पुरुष एवं 6 महिला नवीन सदस्यों ने धार्मिक रूचि दिखाते हुए सदस्यता ग्रहण की और धर्म प्रसार एवं समाज सेवा के साथ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में तन मन धन के साथ पूरे मनोयोग से सेवा करने का संकल्प लिया। नरवर में यह आयोजन मां जानकी सेना संगठन के नरवर ब्लॉक अध्यक्ष संदीप चौरसिया द्वारा आयोजित कराया गया था। जिसमें उनका सहयोग वरिष्ठ एवं सक्रिय सदस्य मनोज गुरु द्वारा किया गया। कार्यक्रम की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शिवपुरी से भी लगभग 3 दर्जन वाहन जानकी भक्तों को लेकर नरवर पहुंचे थे इसके अलावा वहां पर भी पहले से भारी संख्या में लोग मौजूद थे। सुंदरकांड पाठ एवं आरती के बाद सभी की भोजन प्रसादी की व्यवस्था भी संदीप चौरसिया के द्वारा की गई थी। आपको बता दें कि इस भव्य आयोजन के लिए बाकायदा प्रशासनिक स्तर पर अनुमति लेकर एवं कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करते हुए किया गया था।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें