मुरैना। गोवा स्वतन्त्रता आन्दोलन के पुरोधा तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता कु. जाहरसिंह शर्मा की 19वी पुण्यतिथि आज मुरैना में मनाई गई। शनिवार को प्रातः9बजे स्थानीय गुफा मंदिर के समीप स्थित उनकी प्रतिमा पर भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
जाहरसिंह शर्मा गोवा स्वतन्त्रता आंदोलन के पुरोधा होकर जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे।वे मुरैना तथा सुमावली से कई बार विधायक रहने के साथ साथ 1977 में जनता पार्टी की सरकार में संसदीय सचिव रहे। मुरेना जिले में लोग आज भी उनका नाम आदर के साथ लेते हैं।
जाहरसिंह जी शर्मा का जन्म मुरैना के समीप ग्राम गंज रामपुर में एक कृषक परिवार में बोहरे कल्याणसिंह के यहां हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मुरैना नगर में हुई। छात्र जीवन में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बन गये थे। उन्हें शारीरिक व्यायाम करने का शौक था तथा स्वभाव से निडर थे। इसलिए उनकी मित्रमंडली उन्हें नाम लेने की बजाय कुंवर साहब नाम से ही बुलाती थी। 1948 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर लगे प्रतिबंध को हटाने के आंदोलन के दौरान श्रीनगर की जेल में बंद रहे।1952 में कश्मीर आंदोलन के दौरान गिरफ्तार होकर तिहाड़ जेल दिल्ली में बंद रहे। 1955 में गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में स्वर्गीय राजाभाऊ महाकाल के नेतृत्व में भाग लिया। आंदोलन के दौरान पुर्तगाली सैनिकों की गोली उनकी जंघा में लगी। 1957 में हिंदी रक्षा समिति आंदोलन के तहत पंजाब की संगरूर जेल में बंद रहे। 1960 में मुरैना में पुलिस डाकू गठबंधन के खिलाफ सर्वदलीय आंदोलन के दौरान कर्फ्यू लगाने के विरुद्ध हनुमान चौराहे पर अपनी छाती खोल कर खड़े हो गए तथा पुलिस को ललकारा हिम्मत है तो गोली मेरे ऊपर चलाओ! पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया मुरैना जेल में बंद रहे। 1962 में जनसंघ के आंदोलन के दौरान भोपाल जेल में बंद रहे। 1965 में कच्छ समझौते के विरुद्ध आंदोलन के अंतर्गत गिरफ्तारी दी (उक्त आंदोलन का मध्यभारत प्रांत के जत्थे का नेतृत्व स्वर्गीय माधवराव सिंधिया जी ने किया था ।1967 में मुरैना विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए।जून1975 से 1977 आपातकाल के समय काले कानून मीसा के अंतर्गत केंद्रीय कारागार ग्वालियर में 19 महीने बंद रहे। 1977 में विधानसभा क्षेत्र सुमावली से विधायक चुने गए तथा स्वर्गीय वीरेंद्रकुमार सकलेचा तथा सुन्दरलाल पटवा के मंत्रिमंडल में संसदीय सचिव रहे। 1985 में मुरैना विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए। 6 मार्च 2003 को हृदयाघात होने से देहांत हो गया। अब उनकी यादें शेष रह गई है। नाला नंबर दो मुरैना तपसी बाबा की गुफा मंदिर के पास तिराहे पर उनकी प्रतिमा लगी हुई है। तथा उक्त मार्ग का नाम कुं.जाहरसिंह शर्मा मार्ग रखा गया है।

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