शिवपुरी। विशेष न्यायाधीश, भष्टाचार निवारण अधिनियम, शिवपरी के न्यायाधीश श्री राधाकिशन मालवीय ने सभी तथ्यों को देखते हुये तथा अधिवक्ताओं केे तर्क सुनने के पश्चात आरोपी एक पटवारी को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाते हुये पांच पांच एवं तीन साल की सजा व जुर्माने से दण्डित किया है। अभियोजन का अभियोग संक्षेप में इस प्रकार है कि फरियादी योगेश कुशवाह द्वारा दिनांक-24.12.14 को पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त-ग्वालियर में इस आशय का शिकायती आवेदन (प्रपी-1) पेश किया कि उसकी दादी बिनिया बाई का चार माह पूर्व स्वर्गवास हो जाने से उनके नाम से ग्राम किशनपुरा स्थित रकवा 0.61 हेक्टेयर कृषि भूमि का बंटवारा पिता दारासिंह, बुआ रामबाई एवं विद्याबाई के नाम करवाने के लिए उसके पिता द्वारा तहसील कार्यालय में आवेदन पत्र दिया, जिससे संबंधित पटवारी मनमोहन सिंह जाटव द्वारा उक्त भूमि का नक्शा बनाकर तहसील नरवर में जमा करने के बदले में 20,000 रू की रिश्वत की मांग की व 8000 रू पूर्व में लिये। शेष रिश्वती रू 12,000 की राशि की मांग अभियुक्त पटवारी द्वारा आवेदक से की, किन्तु आवेदक द्वारा उक्त रिश्वत की राशि न देकर आरोपी को रंगे हाथों पकड़वाने हेतु शिकायती आवेदन पेश किया। उक्त शिकायती आवेदन कार्यालय विशेष पुलिस स्थापना, लोकायुक्त ग्वालियर को दिया गया, जो कार्यवाही हेतु निरीक्षक आलोक त्रिवेदी को प्राप्त हुआ। इसके पश्चात लोकायुुुक्त पुलिस ने फरियादी को एक एक हजार के तीन नोट पाउण्डर लगे हुये दिये जिन्हें पटवारी से हाथ में लेकर शंका होने पर वापस कर दिये थे उसी समय लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को गिरफतार कर लिया। धारा-7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम,1988 (तीन वर्ष का सश्रम कारावास) 5000 (पांच हजार रूपये) 03 (तीन) माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास धारा-13(1) डी सहपठित धारा-13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988- 05 (पांच वर्ष का सश्रम कारावास) रू 7000 (सात हजार रूपये) 04 (चार) माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से दण्डित किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें