शिवपुरी। नगर की पॉश संतुष्टि कॉलोनी में आज मिली पूजा की लाश की कहानी उलझी हुई है। पीएससी की तैयारी में जुटी पूजा हसमुख थी। दो भाइयों की अकेली बहिन थी। इस तरह उसका मृत मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है। नगर भर में कई तरह की चर्चा सरगर्म है। पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे फोरेंसिक अधिकारी डॉक्टर एचएस बरहादिया ने गहन पड़ताल की। पहली नजर में जांच के दौरान जो मिला उसके पहले आपको बता दें कि घटना आज अल सुबह की है। किराये से रह रहा अभिषेक गुर्जर का 10 नम्बर अपार्टमेंट आज जब 2 बच्चो के रोने की आवाज से गुंजा तो पड़ोसियों ने गार्ड को बताया। अंदर से बन्द गेट तोड़ा गया। अंदर देखा तो पूजा गुर्जर खून से लथपथ किचिन में खून से सनी पड़ी हुई थी। उसके पास ही दोनो बच्चे उत्कर्ष 3 और अर्चित 2 साल बिलख बिलखकर रो रहे थे। पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची। फोरेंसिक एक्सपर्ट को पूजा के राइट डायरेक्शन पर कांच से काटे हुए निशान मिले। जबकि उसके बाए हाथ पर चाकू से काटे जाने के निशान मिले हैं। होल से लेकर किचन तक खून मिला। फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉक्टर बरहादीया के अनुसार ऐसा लग रहा है क पहले होल में चाकू से हाथ पर कट लगाया फिर किचन में कांच से गर्दन पर कट लगाया। यही कारण रहा कि उसके शरीर से खून की धारा बह निकली। डॉक्टर बरहादीया के अनुसार घटना अल सुबह की प्रतीत हो रही है। जबकि 12 बजे सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
परिजनों के आरोप हत्या की गई
इस मामले में पूजा के परिजनों ने हत्या के आरोप लगाए हैं। पुलिस भी हत्या के इर्दगिर्द जांच आगे बढ़ा रही है। इधर दोनों पति पत्नी के बीच आयेदिन झगड़े ओर मारपीट किये जाने की बात पड़ोस से सामने आ रही है! हालांकि पुलिस जांच सही बात सामने ला सकती है। फिलहाल पूजा के पति और सास को पुलिस लिवा ले गई है।
गर्दन, हाथ दो जगह कट से शंका
गर्दन और हाथ पर अलग अलग कट वह भी चाकू ओर कांच से मिलना कुछ दीगर कहानी कह रहा है। उस पर पति के अक्सर नशे में रहने की बात भी कही जा रही है।
जल रहा था किचन में गैस चूल्हा
जब गेट तोड़ा गया तो गेस जलती मिली लेकिन चूल्हे पर कुछ रखा नहीं था। रात को झगड़े की आवाज आने की बात पुलिस को बताई जा रही है। पुलिस जांच कर रही है।
पिता नाम वाले थे
बता दें कि बेहद व्यवहारिक ओर मिलनसार व्यक्तित्व के धनी इंजीनियर आरएन सिंह का छोटा बेटा संतुष्टि में निवासरत है जबकि बड़े बेटे नवनीत गुर्जर भी मिलनसार हैं और डेयरी संचालित करते हैं। जो खिनी नाके के पास कोठी में रहते हैं।

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