हर महिला एवं बालिका अपने जीवन में शिक्षा को विशेष महत्व दें और किसी भी प्रकार की विधिक सहायता के लिए विधिक सेवा सहायता का निशुल्क लाभ लाभ लें: अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती सिद्धि मिश्रा
शिवपुरी । हमारे जीवन में वैसे तो हर व्यक्ति का अपना खास स्थान है लेकिन महिलाएं हमारे जीवन में कई अहम रोल निभाती हैं। कभी मां के रूप में कभी बहन के रूप में तो कभी एक पत्नी के रूप में। महिलाओं के सम्मान में ही हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने महिलाओं को कानूनी अधिकारों के प्रति जागरुक करना। महिला दिवस के पूर्व संध्या पर आयोजित आज का सखी सम्मान कार्यक्रम महिलाओं और पुरुषों में समानता बनाने के लिए नींव का पत्थर साबित होगा उन्होने कहा कि हर महिला एवं बालिका अपने जीवन में शिक्षा को विशेष महत्व दें और अगर किसी भी प्रकार की विधिक सहायता की आवश्यकता हो तो विधिक सेवा सहायता का निशुल्क लाभ आपको लेना चाहिए यह कहा महिला सखी सम्मान सह संवाद कार्यक्रम की मुख्य अतिथि माननीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती सिद्धि मिश्रा का जिन्होने पूरे समय कार्यक्रम में अपनी भागीदारी की। कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक शक्तिशाली महिला सगठन के रवि गोयल ने बताया कि अन्र्तराष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व संध्या पर शक्तिशाली महिला संगठन के द्वारा महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से वन स्टाॅप सेन्टर न्यूब्लाॅक में आयोजित किया अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हर साल अलग-अलग थीम होती है। वहीं बात इस साल 2021 की थीम की करें तो इस साल "महिला नेतृत्वरू कोविड .19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना" रखी गई है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए संस्था द्वारा इस वर्ष का महिला दिवस के पूर्व संध्या पर आगाज किया जिसमें कि एक ओर डाक्टर, एएनएम , सुपोषण सखी, न्यूट्रीशन चैम्पियन, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने एक एक करके उनके द्वारा अपने अपने क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यो को बताया एवं जब सभी लोग अपने घरों में थे तव भी ये लोग अपने अपने स्तर पर अपने अपने क्षेत्रों में स्वास्थ्य , पोषण एवं जागरुकता के काम में लगे थे जिससे कि इनके क्षेत्रों में अनिमिया में कमी आयी एवं समुदाय में जागरुकता बढ़ी। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा0 अर्जुन लाल शर्मा ने अपने उदबोधन में कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में टीकाकरण महत्वपूर्ण है और गर्भवती माताओं को ग्राम स्वास्थ्य केन्द्रो पर टीका अवश्य लगवाना चाहिए एवं अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए कोरोना से बचाव के लिए उन्होने सही तरीके से मास्क का उपयोग करना भी बताया एवं कोरोना महामारी से बचाव के लिए टीका अवश्य लगवाने का आहवान किया इस दिशा में अन्य लोगों को भी जागरुक करने की अपील की। वरिष्ठ अतिथि कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी के प्रमुख वैज्ञानिक डा0 एम 0 के0 भार्गव ने कहा कि आज महिला दिवस की पूर्व संध्या पर मेरा सभी माता और बहनो से अनुरोध है कि अपने अपने घरों में पेाषण वाटिका अवश्य लगाए और इनका उपयोग भी स्वयं एवं परिवार के अन्य लोगों को कराए और अपने आप को स्वस्थ्य बनाए। कार्यक्रम में डा उमा जैन ने कहा कि प्रत्येक महिलाओं को अपने स्तन एवं सरवाईकल कैंसर की जांच अवश्य कराना चाहिए क्योकि स्तन एवं बच्चेदानी के कैंसर के केस काफी तादात में बढ़ रहे है प्रत्येक महिला को इसके लिए खुद भी जागरुक होना पड़ेगा और अन्य महिलाओं को भी जागरुक करना होगा। कार्यक्रम में बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए 20 न्यूट्रीशन चैम्पियन्स , स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने केे लिए डा. उमा जैन, डा. अपूर्वा जैन, कोविड 19 में बेहतर कार्य करने के लिए डा0 निदा खान , डा0 नीलम अहीरवार , कुपोषण एवं एनिमिया में कमी लाने के लिए समुदाय में बेहतर कार्य करने वाली 25 सुपोषण सखियों, दो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को एक आंगवाड़ी सहायिका, 10 आशा कार्यकर्ताओं को महिला सखी सम्मान अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश श्रीमती सिद्धि मिश्रा एवं उपस्थित अतिथियों द्वारा प्रदान किया जिसमें कि उनको एक महिला सखी सम्मान प्रत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया। संवाद कार्यक्रम में अपने मन की बात में सुपोषण सखी वांसखेड़ी रचना लोधी द्वारा बताया कि कोरोना काल के समय कैसे वह अपने समुदाय में रहकर एनिमिया एवं कुपोषण के लिए कार्य की उन्होने आंगनवाड़ी कार्यकता के साथ कंधा से कंधा मिलाकर कुपोषित बच्चों को सुपोषित किया। मनियर की न्यूट्रीशन चैम्पियन पलक सोनी द्वारा बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए सप्ताह में तीन दिन बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। चिटोरीखुर्द की न्यूट्रीशन चैम्पियन ने अपने मन की बात मे कहा कि लाॅक डाउन के समय हमारे द्वारा अपने घरों से खिचड़ी बनाकर गंभीर कुपोषित बच्चो को खिलायी एवं उनको कुपोषण से मुक्त किया एंव बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए शाला त्यागी बालिकाओं को शिक्षित किया। कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ता महल सराय शिव कुमारी जाटव ने कहा कि महिलाएं आज भी शिक्षा को लेकर जागरूक नहीं हैं। आज भी कई लड़कियों को स्कूल तक नहीं भेजा जाताए लेकिन ये इनका कानून हक है। वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महिलाएं काफी पिछड़ी हुई हैं। यही नही महिलाओं से जुड़े आए दिन हिंसाओं के मामले सामने आते हैं जो बेहद डराते हैं। वहीं महिलाओं को पदोन्नति में बाधाओं का सामना तक करना पड़ता है। इसके अलावा भी महिलाओं को कई चीजों में असामनता झेलनी पड़ती है। इस अवसर पर श्रीमती सिद्धि मिश्रा , डा एएल शर्मा, डा एमके भार्गव, डा उमा जैन, डा निदा खान, डा अपूर्वा जैन, डा दिनेश अग्रवाल, डा नीलम अहीरवार, शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल एवं उनकी पूरी टीम, सुपोषण सखी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा एवं एनएनम ने भागीदारी की।

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