महिला एवं बाल विकास की पहल पर चालू हुआ सेफसिटी कार्यक्रम
शिवपुरी। लड़कियों और महिलाओं के साथ सार्वजनिक स्थानों पर अनेक तरीकों से हिंसा व उत्पीड़न होता है। लड़कियों व महिलाओं को देखकर अश्लील कमेंट करना, बुरी नजरों से घूरना,गंदे इशारे करना,उनका पीछा करना,यौन आक्रमण या यौन उत्पीड़न जैसी हरकतों को सहन करना इन महिलाओं के लिए आम बात हो गई है। जहां इस प्रकार की घटनाएं अधिक होतीं है,उन स्थानों को कैसे सुरक्षित स्थान के रूप में विकसित किया जाए इस पर प्रशासनिक मंथन शुरू हो गया है। महिलाएं और बालिकाएं सुरक्षित तरीके कहीं भी टहल सकें इसके लिए शहरी माहौल का सुरक्षित होना जरूरी है। अगर किसी स्थान पर असुरक्षित बनाने वाला कोई कारण मौजूद है,तो उसे मिटाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने सेफ सिटी कार्यक्रम चलाया है। इस कार्यक्रम के तहत असुरक्षित स्थलों को चिन्हित कर उन्हें सुरक्षित स्थलों में बदलने की कार्यवाही की जाएगी। अभियान में अलग- अलग विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है।
चिन्हित असुरक्षित स्थानों को सुरक्षित क्षेत्र बनाने की इस पहल में कलेक्टर के नेतृत्व में पुलिस विभाग,परिवहन विभाग, नगरीय प्रशासन, स्कूल शिक्षा,उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा, पर्यटन,खेल एवं युवा कल्याण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सम्मलित रूप से कार्य करेंगे। इस कार्य मे सामाजिक संगठन एवं सामाजिक संस्थाओं को भी जोड़ा जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा। सभी विभाग अपने संसाधनों का उपयोग कर महिलाओं के अनुकूल वातावरण निर्मित करने में सहायता करेंगे। महिला एवं बाल विकास द्वारा मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत संचालित बैचलर ऑफ सोशल वर्क पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों ने गत दिनों शहर के माधव चौक, मनियर बस्ती, ग्वालियर वाय पास एवं नीलगर चौराहा क्षेत्रों में जाकर स्थानीय नागरिकों से चर्चा कर प्रायमरी सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण कार्य के लिए 4 दल बनाए गए थे। हर समूह में 20 प्रशिक्षणार्थियों के साथ 2 मेंटर्स मौजूद थे। समूह ने असुरक्षा के कारक और कारण दोनों को चिन्हित किया। सेफ्टी ऑडिट के दौरान बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा,सामाजिक कार्यकर्ता जितेंद्र दांगी, मेंटर्स अनुज दुवे,ओमवती भार्गव, उर्मिला निगम,निधि सिकरवार, यशवंत भार्गव, केशव शर्मा, पदमा शिवहरे एवं पवन कुमार भार्गव मौजूद रहे।

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