संगठन की बैठक में लिये महत्वपूर्ण निर्णय,
पदोन्नति, क्रमोन्नति लेना हमारा अधिकार है जिसे हम लेकर ही रहेंगे: पटेल
शिवपुरी। शिवपुरी जिले में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में अध्यापक संगठन अपनी मांगों को लेकर सक्रिय भूमिका में देखा जा रहा है। मध्यप्रदेश शासकीय अध्यापक संगठन की एक आवश्यक बैठक हाल ही में पुरानी पेंशन, क्रमोन्नति, पदोन्नति व अन्य समस्याओं को लेकर संगठन के प्रांताध्यक्ष आरिफ अंजुम के निर्देशन में की गई। बैठक के दौरान प्रांतीय सचिव संजीव त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2006 में नियुक्त अध्यापक को 2018 में तथा 2008 में नियुक्त अध्यापक को 2020 में पदोन्नति मिल जानी थी। क्योंकि 2018 में शासन द्वारा राज्य शिक्षा सेवा में नवीन नियुक्ति का गठन किया गया। जिस कारण से नवीन गठन होने के कारण वरिष्ठता समाप्त करते हुये क्रमोन्नति के आदेश रोक दिये गये। इस संबंध में संगठन द्वारा माननीय न्यायालय में याचिका भी लगाई गई है। हालांकि क्रमोन्नति के आदेश प्रदेश के अनेकों जिलों में जारी किये वहीं अशोकनगर जैसे कई जिलों में तो आदेश जारी कर निरस्त भी कर दिये हैं। यह स्थिति आज भी बनी हुई है। वहीं प्रांतीय महामंत्री जगत पटेल द्वारा बताया गया कि क्रमोन्नति हमारा ज्वलंत मुद्दा है। बारह वर्ष की क्रमोन्नति हमें लेने का अधिकार है। फिर भी हमें अपना अधिकार नहीं मिल रहा है।
यही नहीं पदोन्नति भी पुलिस जैसे कई विभागों में प्रारंभ हो चुकी है। किन्तु हम लोगों की पदोन्नति जब से रूकी हुई है तब से आज दिनांक तक नहीं की जा रही है। शासन क्या पता हम अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार क्यो कर रहा है। जबकि न्यायालय द्वारा भी सशर्त पदोन्नति देने के शासन के आदेश भी हैं। कमेटी की रिपोर्ट भी पेश हो चुकी है। किन्तु पदोन्नति की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। वहीं प्रांतीय उपाध्यक्ष शालिनी तिवारी द्वारा दी जानकारी में बताया गया कि शासन एक तरफ तो नेताओं को दो दो तीन तीन तरह की पेंशन दी जा रही है। जबकि हम अध्यापकों के साथ छलावा कर रही है। हम अपना अधिकार लेकर ही रहेंगे। पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है। जो शासन नहीं तो कोई न्यायालय में जाकर लेंगे। इस संबंध में 7 मार्च 2021 को एक बैठक रखी गई। उक्त बैठक में राकेश दुवे प्रांतीय कार्यकारिणी अध्यक्ष, जगत पटेल प्रांतीय महामंत्री, मनीश सिंह गौतम प्रांतीय संगठन मंत्री, शालिनी तिवारी प्रांतीय उपाध्यक्ष, रजनीश तिवारी, मनीष सोनी, सूर्यकांत त्रिपाठी, मूरतसिंह ठाकुर, अरूण सिंह, दीपा सिंह, गीता मिश्रा, अनुपमा गुप्ता, मीना शुक्ला, आदि संंगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे।
यही नहीं पदोन्नति भी पुलिस जैसे कई विभागों में प्रारंभ हो चुकी है। किन्तु हम लोगों की पदोन्नति जब से रूकी हुई है तब से आज दिनांक तक नहीं की जा रही है। शासन क्या पता हम अध्यापकों के साथ सौतेला व्यवहार क्यो कर रहा है। जबकि न्यायालय द्वारा भी सशर्त पदोन्नति देने के शासन के आदेश भी हैं। कमेटी की रिपोर्ट भी पेश हो चुकी है। किन्तु पदोन्नति की समस्या का समाधान नहीं किया जा रहा है। वहीं प्रांतीय उपाध्यक्ष शालिनी तिवारी द्वारा दी जानकारी में बताया गया कि शासन एक तरफ तो नेताओं को दो दो तीन तीन तरह की पेंशन दी जा रही है। जबकि हम अध्यापकों के साथ छलावा कर रही है। हम अपना अधिकार लेकर ही रहेंगे। पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है। जो शासन नहीं तो कोई न्यायालय में जाकर लेंगे। इस संबंध में 7 मार्च 2021 को एक बैठक रखी गई। उक्त बैठक में राकेश दुवे प्रांतीय कार्यकारिणी अध्यक्ष, जगत पटेल प्रांतीय महामंत्री, मनीश सिंह गौतम प्रांतीय संगठन मंत्री, शालिनी तिवारी प्रांतीय उपाध्यक्ष, रजनीश तिवारी, मनीष सोनी, सूर्यकांत त्रिपाठी, मूरतसिंह ठाकुर, अरूण सिंह, दीपा सिंह, गीता मिश्रा, अनुपमा गुप्ता, मीना शुक्ला, आदि संंगठन के पदाधिकारी उपस्थित थे।
इनका कहना है-
मध्यप्रदेश में शिक्षक शिक्षा के खिलाफ नहीं है। परन्तु उसके लिये भी सरकार को हमारे साथ होना पडेगा। हर बात पर नियमों का मजाक बनाना उचित बात नहीं है। इससे अराजकता फैलेगी। राकेश दुवे, प्रांतीय कार्यकारिणी अध्यक्ष, मप्र अध्यापक संगठन

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