नगर के कुछ निजी अस्पताल संचालकों की करतूत
- कौओं मांस खाना छोड़ दो वरना
लिख देंगे नाम, मुह छिपाते फिरोगे
शिवपुरी। अमर मूल कहिये या पहाड़ी संजीवनी बन गए रेमडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी जमकर हो रही है। जिला अस्पताल से निजी अस्पताल को प्रसाद की तरह बट रहे इन इंजेक्शन को जिन भर्ती मरीजों के नाम पर साधारण शुल्क अदाकर लिया जा रहा है। उन्हीं मरीजों को ब्लैक में 25 हजार से अधिक में दिया जा रहा है। इंसानियत बेचकर कौओं की तरह मांस नोचने में लगे इन अस्पताल की जानकारी हमको है। लेकिन एक अलर्ट करना हमने जरूरी समझा। वरना बे नकाब हुए तो जीवन भर की साख को बट्टा लग जायेगा। समझने वालों को इशारा काफी है। कोरोना के युद्ध में मरते लोगों जो बचाइए लूटने जिंदगी पड़ी है। मामा का धमाका डॉट कॉम की कड़बी दवाई आराम देगी उम्मीद है।

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