नर्स बहन भाई मिलकर 25 रुपए में बनाते थे नकली रेमडेसिविर
- मरीजों को मिलता था 35 हजार में
रतलाम। संजीवनी जड़ीबूटी की तरह हो रहे रेमडिसिवर इंजेक्शन से लोग करोड़पति बनने की जुगत में लगे हुए हैं। मानवता को नीलाम कर के लोग धंधा कर रहे हैं। इसी क्रम में जबलपुर, उज्जैन के बाद अब रतलाम में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाला रैकेट हाथ लगा है। यह गिरोह एक युवक अपनी नर्स बहन के साथ मिलकर चला रहा था। मेडिकल कॉलेज में पदस्थ बहिन उसे रेमडेसिविर इंजेक्शन की खाली शीशी लाकर देती थी। जिसमें भाई सामान्य एंटीबायोटिक सेफ्ट्रिक्सोन पाउडर मिलाकर, फेवीक्विक से इंजेक्शन पैक कर देता था। इंजेक्शन के खाली खोखे पर मरीज का जो नाम लिखा होता था उसे सैनिटाइजर से मिटाकर बाजार ने 8 हजार रुपए में बेच देता था। दलालों के माध्यम से यह नकली इंजेक्शन ग्राहकों तक 30 से 35 हजार रुपए में बिकता था। पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें रतलाम के जीवांश अस्पताल के डॉक्टर उत्सव नायक, डॉक्टर यशपाल सिंह, मेडिकल व्यवसायी प्रणव जोशी, मेडिकल कॉलेज की नर्स रीना प्रजापति, रीना का भाई पंकज प्रजापति, जिला अस्पताल में पर्ची बनाने वाले गोपाल मालवीय और रोहित मालवीय के नाम शामिल हैं। दरअसल पुलिस ने शनिवार रात जीवांश अस्पताल पर दबिश देकर वहां के दो ड्यूटी डॉक्टर को 30 हजार लेकर इंजेक्शन की डिलीवरी देते रंगे हाथ पकड़ा था। यहां से डॉक्टर उत्सव नायक और डॉक्टर यशपाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान फरार आरोपी प्रणव जोशी को मंदसौर से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मेडिकल कॉलेज की नर्स रीना प्रजापति, उसके भाई पंकज प्रजापति, गोपाल मालवीय, रोहित मालवीय के नाम सामने आए थे। चारों को पुलिस ने बीते रोज को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के पास से नकली इंजेक्शन और अन्य सामान जब्त किया गया है। जब्त किए गए नकली इंजेक्शन और सामग्री को फॉरेंसिक जांच के लिए सागर भेजा जा रहा है। इस मामले में पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस जीवन रक्षक इंजेक्शनों की कालाबाजारी करने वालों पर रासुका लगाने जा रही है।

इस महाबीमारी ओर स्वास्थ अपातकाल में इस तरह के मिलावटी और नकली दवा बेचने वालों पर देशद्रोह,राष्ट्रद्रोह ओर समूहिक हत्या का मुकद्दमा होना चाहिए।
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