शिवपुरी। सब कुछ बुरा ही नहीं हो रहा प्रभु कुछ अच्छा भी कर रहे हैं। उस पर भी घर हौंसला कायम है तो प्रभु पग पग साथ हैँ। ऐसा ही उदाहरण हम लेकर आये है जहां एक नामचीन बुजुर्ग के हौसले के आगे कोरोना घुटने टेक गया। हम लगातार कह रहे हैं, कोरोना से डरिये नहीं। साहस रखकर डॉक्टर परामर्श से दवाई लीजिये। एकांत में अलग होकर परिजनों को संक्रमित न होने दीजिए। कसम से 5 दिन में कोरोना मुंह छिपाने के काबिल नहीं रहता। तो हम बात कर रहे हैं होंसले से लवरेज एक बुजुर्ग की जो नगर के जाने माने पत्रकार साथी संजीव बाँझल के पिता श्री हैं। उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना के साथ बता दें कि कोरोना महामारी से प्रतिदिन बडी संख्या में जो लोग जीत दर्ज कराकर सकुशल अपने घर की ओर लौट रहे है। उनमें ही कई बीमारियों से ग्रसित 73 वर्षीय डॉक्टर एम.के.बांझल ने 12 दिन के चिकित्सकीय उपचार के बाद कोरोना को मात देकर जीत हासिल की है। जिले में प्रतिदिन औसतन डेढ सैकडा लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे है । इनमें से कई रोगी चिकित्सकीय उपचार के बाद कोरोना पर विजय प्राप्त् कर रहे हैं। आंकडों की माने तो जिले में अब तक लगभग 5401 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। इसमें से कई रोगी ऐसे हैं जो पूर्व से कई बीमारियों से ग्रसित हैं जिनके लिए कोरोना घातक है लेकिन शिवपुरी निवासी 73 वर्षीय एम.के.बांझल ने वह कर दिखाया जो समाज को प्रेरणा देगा। बाँझल पूर्व से लकवा, मधुमेह, अस्थमा सहित हाइपर टेंशन जैसी बीमारी से ग्रसित है। बांझल की तबीयत अचानक बेहद खराब होने पर उनके सुपुत्र संजीव बांझल ने उन्हें जिला चिकित्सालय के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। जिस पर डॉ शर्मा के द्वारा परीक्षण किया जाकर उनका आक्सीजन लेबल एसपीओ टू कम होने के कारण तत्काल आक्सीजन दी गई और कोरोना के लक्षण के चलते कोरोना की जॉच करायी गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ट्रामा सेंटर से कोरोना आईसीयू में स्थानांतरित किया गया। जहॉ चिकित्सकों द्वारा उपचार प्रारंभ कर 12 दिन तक ऑक्सीजन सपोर्ट के माध्याम से उपचार किया गया जिससे उनकी सांसों की डोर चलती रही। बांझल को 13 वे दिन कल पूर्ण स्वस्थ्य होने पर डिसचार्ज किया गया। जिस समय वह डिसचार्ज होकर अपने घर जा रहे थे। तब उनके चेहरे पर एक विजय मुस्कान थी। अपने स्वस्थ्य होने पर बांझल ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ए.एल. शर्मा सहित जिला अस्पताल के सिविल सर्जन एवं चिकित्सकीय स्टाफ का आभार व्यक्त किया। एमके बांझल से अधिक सन्तुष्टि और कृतज्ञता के भाव उनके सुपुत्र संजीव वांझल के चेहरे पर दिखाई दे रहे थे। उन्होंने भी सभी का कोटी कोटी आभार व्यक्त किया।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें