ग्वालियर-डबरा। (करन सिंह तोमर गोहद भिंड की रिपोर्ट) कोरोना महामारी के दौरान डबरा में तैनात रहते हुए मानवीयता के गुणों की मिशाल पेश करते हुए जन सेवा करने वाले एसडीओपी उमेश तोमर की गुरुवार को सुबह दिल्ली में मौत हो गई। अपने सेवा काल के दौरान उत्कृष्ठ कार्य के चलते कई बार उन्हें विशिष्ट पदकों से भी नवाजा जा चुका है।
मूलत: मुरैना जिले के इकहरा गांव निवासी उमेश तोमर के पिता कामता तोमर से प्रेरित होकर पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के तौर पर चयनित हुए थे। जिसके बाद ग्वालियर-चंबल सहित प्रदेश के विभिन्न संभागों में पदस्थ रहे। हाल ही में मप्र सरकार द्वारा उन्हें एसडीओपी के पद से एडीशनल एसपी के पद पर प्रमोट किया था। ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान एसडीओपी डबरा में पदस्थ रहते हुए उमेश तोमर ने बतौर कोरोना वॉरियर काम करते हुए मोर्चा संभाल रखा था। इस दौरान जन सेवा के भाव में डूबे उमेश तोमर जन सामान्य के सहयोग में इतने व्यस्त हो गए कि स्वयं की चिंता नही की। इसी के चलते वह कोरोना महामारी के संक्रमण के प्रभाव में आ गए। इस दौरान भी आला अधिकारियों के निर्देशों का पालन करते हुए संक्रमित होते हुए भी लगातार ड्यूटी पर तैनात बने रहे। इसी के परिणाम स्वरुप बीते एक माह पहले ही उनका स्वास्थ्य खराब हुआ और परिजनों ने उन्हें ग्वालियर में इलाज के लिए भर्ती कराया। हालात में सुधार न होने पर एडीशनल एसपी उमेश तोमर को उपचार के लिए दिल्ली रैफर किया गया। यहां सर गंगाराम अस्पताल में गुरुवार के रोज सुबह 4 बजे उन्होने अंतिम सांस ली। गुरुवार के रोज ग्वालियर के मुरार मुक्तिधाम में दिवंगत उमेश तोमर का अंतिम संस्कार किया गया। यहां मुखाग्रि उनके बड़े बेटे सम्राट तोमर ने दी। इस दौरान अंचल के कई आला पुलिस अधिकारी शामिल हुए और उन्हें अंतिम विदाई दी।
दस्यु निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका:
उल्लेखनीय है कि उप निरीक्षक के रुप में 1977 में रौन थाने में पदस्थ रहते हुए दिवंगत उमेश तोमर ने हरीसिंह उर्फ हरिया गैंग का सफाया करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके हरीसिंह गैंग के खात्मे को लेकर पुलिस के आला अधिकारी कार्य योजना बनाने में लगे हुए थे। इस दौरान उमेश तोमर ने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए दस्यु गैंग का पता लगाया और उसका सफाया किया जा सका। अपने लंबे पुलिस कैरियर के दौरान भिंड जिले के लगभग सभी थाना क्षेत्रों में पदस्थ रहकर देश भक्ति जन सेवा के जज्बे के साथ समर्पित होकर कार्य किया।

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